बूंदी : रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के कोर 1 में से विस्थापित हुए परिवारों को टाइगर रिजर्व से बाहर निकालने के लिए वन विभाग ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है. सोमवार को टाइगर रिजर्व कोर प्रबंधन ने गुलखेड़ी गांव में विस्थापित हो चुके 26 परिवारों के घरों को जेसीबी मशीन से जमीदोज करने की कार्रवाई की. उपवन संरक्षक एवं उपक्षेत्र निदेशक (कोर) अरबिंद कुमार झा के निर्देशन में वन विभाग की टीम गांव में पंहुची और कच्चे व पक्के घरों को तोड़ने की कार्रवाई की.
मुआवजा लेकर भी गांव नहीं छोड़ रहे थे कई परिवार : रामगढ़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी सुमित कन्नौजिया ने बताया कि कुछ लोग मुआवजा मिलने के बाद गांव में ही नया निर्माण करने लगे थे. कुछ लोग रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के गुलखेड़ी गांव को विस्थापन के लिए सबसे पहले चुना गया था और अधिकांश परिवारों को मुआवजा भी मिल चुका है, लेकिन लोग गांव नहीं छोड़ना चाहते हैं. कुछ लोग तो मुआवजा लेकर नए मकान बनाने लगे हैं. वन विभाग ने इसे नए निर्माण को भी ध्वस्त कर दिया और लोगों को विस्थापन के लिए समझाया.

भारी पुलिस बल के साथ अधिकारी रहे मौजूद: कार्रवाई के दौरान मजिस्ट्रेट तहसीलदार रायथल, क्षेत्रीय वन अधिकारी रामगढ़, थानाधिकारी रायथल के समक्ष क्षेत्रीय वन अधिकारी जैतपुर, इन्द्रगढ़, के. पाटन व डिवीजन उड़नदस्ता मौजूद रहा. रामगढ़ के क्षेत्रीय वन अधिकारी सुमित कन्नौजिया ने बताया कि पहले गांव वालों से समझाइश की गई. कई परिवार राशि लेने के बाद भी जगह छोड़ने को तैयार नहीं थे. ऐसे लोगों के साथ सख्ती से पेश आना पड़ा. जेसीबी की सहायता से जो ग्रामीण विस्थापित नहीं हो रहे थे, उनपर कार्रवाई की गई है. कन्नौजिया ने बताया कि विस्थापन की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. गौरतलब है कि इससे पहले 39 परिवारों को पूर्ण रूप से विस्थापित किया जा चुका है.
