लातेहारः एक ओर सरकार प्राचीन धरोहरों और विरासतों को संरक्षित करने के लिए तमाम प्रकार की बातें करती है, लेकिन धरातल पर सरकार के दावों में दम नहीं दिखता. लातेहार का प्रसिद्ध नावागढ़ किला इसका जीता जागता उदाहरण है. 16वीं शताब्दी में चेरो राजवंशी राजाओं के द्वारा बनाया गया यह भव्य किला अब पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है.
दरअसल, लातेहार जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नावागढ़ गांव के ठीक बगल में एक पहाड़ी पर चेरो राजवंशी राजाओं के द्वारा 16वीं शताब्दी में भव्य किले का निर्माण कराया गया था. बताया जाता है कि तत्कालीन राजा जब क्षेत्र भ्रमण में निकलते थे तो यहां उनका प्रमुख पड़ाव हुआ करता था. पहाड़ी पर स्थित रहने के कारण यहां से दूर-दूर तक नजर रखी जाती थी. इसलिए इस किले को राजाओं का सबसे सुरक्षित किला माना जाता था. पलामू गजट में भी इस किले का उल्लेख है. यह भी कहा जाता है कि एक सुरंग के माध्यम से यह किला सीधे पलामू किला से जुड़ता था. हालांकि कालांतर में रख-रखाव के अभाव में वह सुरंग अब लगभग विलुप्त हो गया है. लेकिन एक स्थान पर अभी भी कुछ गड्ढानुमा अवशेष दिखाई पड़ता है.
चूना और मिट्टी से बना है किला
इधर, चेरो समाज के संयोजक अवधेश सिंह चेरो ने बताया कि नवागढ़ का किला चेरो राजवंश के प्रमुख किलों में से एक था. उन्होंने कहा कि चूना और मिट्टी के माध्यम से ईंट की जुड़ाई कर इस भव्य किले का निर्माण कराया गया था. उन्होंने कहा कि यह किला चेरो राजवंश के सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी सबसे प्रमुख माना जाता था. उन्होंने कहा कि चेरो समाज के द्वारा प्रत्येक वर्ष यहां समारोह का भी आयोजन किया जाता है और पूजा-पाठ के बाद सम्मेलन किया जाता है, लेकिन रखरखाव के अभाव में यह भव्य किला अब पूरी तरह जर्जर हो गया है. यदि किले का जीर्णोद्धार और बेहतर रख-रखाव नहीं किया गया तो आने वाले कुछ वर्षों में यह किला सिर्फ इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जाएगा.
पूर्व डीसी ने की थी संरक्षण की पहल
लातेहार के पूर्व डीसी अबु इमरान ने नवागढ़ के किले को संरक्षित करने की पहल शुरू की थी. उनके द्वारा किले के आसपास के इलाके को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रयास आरंभ किया गया था. जिले तक पहुंचने के लिए पहाड़ी के ऊपर सीढ़ी का निर्माण कराया गया था. इसके अलावे लाइटिंग, शौचालय, बैठने की व्यवस्था समेत अन्य सुविधाएं भी किले के पास उपलब्ध कराई गई थी. उनके कार्यकाल के दौरान ऐसी संभावना प्रबल हो गई थी कि अब नवागढ़ किले का कायाकल्प होगा, लेकिन उनके तबादले के बाद किले के जीर्णोद्धार कार्य पर विराम लग गया था.
इस संबंध में स्थानीय अविनाश कुमार ने कहा कि यदि इस किले का जीर्णोद्धार कर बेहतर रख-रखाव की व्यवस्था कर दिया जाए तो यह इलाका पर्यटन के क्षेत्र में भी प्रसिद्ध हो सकता है. उन्होंने कहा कि पूर्व डीसी अबु इमरान के द्वारा इसकी पहल भी की गई थी, लेकिन उनके जाने के बाद किला फिर बदहाली के कगार पर पहुंच गया है.
किले का होगा जीर्णोद्धारः विधायक
इधर, इस संबंध में स्थानीय विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि नवागढ़ किले का कायाकल्प करना उनकी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार के द्वारा पलामू किले का जीर्णोद्धार की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. इसके बाद नवागढ़ किले पर ध्यान दिया जाएगा.नवागढ़ किले को संरक्षित करना सरकार की जिम्मेदारी है, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने स्वर्णिम इतिहास को जान सके.
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