हिसारः सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हिसार एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद दिया. साथ ही कहा कि हिसार एयरपोर्ट हो या यमुनानगर का थर्मल पावर प्लांट ये सब काम कांग्रेस सरकार की देन है. भारत सरकार की कैबिनेट ने हिसार एयरपोर्ट, करनाल एयरपोर्ट और महम इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 2013 में मंजूर किया था. हिसार एयरपोर्ट तीन साल में बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन मंजूरी तिथि के 11 साल बाद और कई बार अलग-अलग मौकों पर उद्घाटन करने के बाद अब आनन-फानन में प्रधानमंत्री से फिर उद्घाटन कराया गया. जबकि करनाल एयरपोर्ट का काम आज भी ठंडे बस्ते में है.
एयरपोर्ट की बाउंड्री निर्माण में 180 करोड़ का घोटालाः दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हिसार एयरपोर्ट पर नाईट लैंडिंग की व्यवस्था तक नहीं है और तो और हाल ही में एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल के निर्माण में 180 करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ. लेकिन इसकी कोई जांच तक क्यों नहीं हुई? यहां बिना नींव वाली बाउंड्री वॉल बनाकर एयरपोर्ट की सुरक्षा के साथ ही हवाई जहाज से यात्रा करने वालों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया गया. क्योंकि विमान टेक ऑफ या लेंड करते समय यदि कोई जानवर हवाई पट्टी पर आ गया तो बड़ा हादसा हो सकता है. दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री कांग्रेस सरकार को कोसने की बजाय हिसार एयरपोर्ट को देश के ‘कार्गो एयरपोर्ट’ का दर्जा देने की घोषणा करते तो उन्हें खुशी होती.
करनाल एयरपोर्ट पर बीते 11 साल में कोई काम नहींः सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 27 जुलाई 2012 को हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा व तत्कालीन नागरिक विमानन मंत्री चौधरी अजीत सिंह ने बैठक करके हिसार और करनाल हवाई पट्टी को उन्नत कर घरेलू हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया था. लेकिन हिसार के साथ ही मंजूर हुए करनाल एयरपोर्ट का पिछले 11 साल में कोई काम नहीं हुआ और वो कागजों में ही पड़ा हुआ है. दीपेन्द्र हुड्डा ने कांग्रेस सरकार के समय ही मंजूर हुए महम इंटरनेशनल एयरपोर्ट को हरियाणा से उत्तर प्रदेश भेजने पर रोष जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाया.
कांग्रेस सरकार की देन है यमुनानगर पावर प्लांटः सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी बताया कि यमुनानगर पावर प्लांट का शिलान्यास और उद्घाटन भी कांग्रेस सरकार के समय ही हुआ था. जहां आज प्रधानमंत्री ने एक इकाई का शिलान्यास किया है. कांग्रेस सरकार ने जब यमुनानगर पावर प्लांट बनवाया तो उसी समय अतिरिक्त इकाई के लिए 1,011 एकड़ जमीन, रेलवे लाइन, कोयले की उपलब्धता का भी प्रबंध कर दिया था. लेकिन बीजेपी सरकार ने यमुनानगर थर्मल पावर प्लांट में 800 मेगावॉट इकाई लगाने में 11 साल की देरी की, और तो और प्रधानमंत्री कार्यालय और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) हरियाणा द्वारा यमुनानगर में प्लांट लगाने का विरोध भी किया था. दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में बीजेपी सरकार ने बिजली महंगी करने के अलावा एक अतिरिक्त यूनिट बिजली भी पैदा नहीं की.
कांग्रेस सरकार के समय 4 पावर प्लांट लगाः उन्होंने बताया कि हरियाणा में 2005–2014 के बीच कांग्रेस सरकार के समय 4 थर्मल पावर प्लांट और एक परमाणु बिजली संयंत्र लगाकर प्रदेश को पावर सरप्लस राज्य बनाया, बल्कि निजी कंपनियों के साथ सस्ती दरों पर दीर्घकालीन समझौता कर हरियाणा को 24 घंटे सस्ती और सुलभ बिजली दिलाने का प्रबंध किया गया. इसके तहत खेदड़ हिसार में राजीव गांधी थर्मल पॉवर-1200 मेगावाट, झज्जर स्थित इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर -1500 मेगावाट, झज्जर स्थित महात्मां गांधी सुपर थर्मल पावर -1320 मेगावाट, दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर यमुनानगर - 600 मेगावाट, पानीपत थर्मल पावर स्टेज 6 - 250 मेगावाट के बिजली कारखाने लगवाये. इतना ही नहीं, कभी कोयले का संकट आ जाए तो प्रदेश के लोगों को बिजली की कोई दिक्कत न हो इसके लिए ही कांग्रेस सरकार ने भारत अमेरिका समझौते के तहत देश का पहला परमाणु पावर प्लांट फतेहाबाद के गांव गोरखपुर में मंजूर कराकर काम शुरु कराया, जो 2800 मेगावाट क्षमता का है.