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हल्द्वानी चौसला गांव में डेमोग्राफिक चेंज मामला, हिंदूवादी संगठनों का फूटा गुस्सा - CHAUSLA DEMOGRAPHIC CHANGE

हल्द्वानी के चौसला गांव में डेमोग्राफिक चेंज का आरोप लगाते हुए हिंदू संगठनों ने तहसील में प्रदर्शन किया.

CHAUSLA DEMOGRAPHIC CHANGE
हल्द्वानी में हिंदूवादी संगठनों का प्रदर्शन (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 2, 2025 at 7:13 PM IST

4 Min Read

हल्द्वानी: नैनीताल के हल्द्वानी शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर फतेहपुर चौसला गांव में एक व्यक्ति ने अपनी जमीन की प्लॉटिंग कर विशेष समुदाय के 68 लोगों को बेच दिया. जमीन खरीदने वाले विशेष समुदाय के लोग उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद क्षेत्र के लोग हैं. विशेष समुदाय के लोगों द्वारा अब मकन निर्माण भी किया जा रहा है. जिसके बाद से उक्त क्षेत्र में रहने वाले लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. शिकायत पहुंचने पर हल्द्वानी नगर निगम के मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने मामले को डेमोग्राफिक चेंज की सोची समझी साजिश करार दिया. मेयर ने जिला प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं कि इतने बड़े पैमाने में एक ही विशेष समुदाय के लोगों को भूमि की रजिस्ट्री और दाखिल खारिज कैसे हुई. वहीं मामले में हिंदूवादी संगठनों ने तहसील में प्रदर्शन किया.

चौसला गांव में विशेष समुदाय के बाहरी व्यक्तियों द्वारा लगातार खरीदी जा रही जमीन और डेमोग्राफिक चेंज के खिलाफ बुधवार को हल्द्वानी तहसील में हिंदूवादी संगठनों ने मिलकर प्रदर्शन किया. इस दौरान शिकायतकर्ता विपिन पांडे ने बताया कि उनके द्वारा चौसला गांव में एक साल पूर्व डेमोग्राफिक चेंज होने और बाहरी व्यक्तियों द्वारा लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन खरीद कर रजिस्ट्री किए जाने की शिकायत की गई थी. लेकिन उसके बावजूद भी विशेष समुदाय के बाहरी व्यक्तियों द्वारा रजिस्ट्री किए जाने का सिलसिला नहीं रोका गया और इन सब में स्थानीय जिला प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है.

हल्द्वानी में हिंदूवादी संगठनों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

प्रदर्शनकारी लोगों का कहना है कि चौसला गांव में एक फैक्ट्री की स्थापना की गई. जहां प्रॉपर्टी डीलर द्वारा छोटे-छोटे प्लॉट काटकर बाहर से आए विशेष समुदाय के लोगों को बेची गई. जानकारी के मुताबिक, 68 से अधिक एक ही समुदाय के लोग आकर वहां पर जमीन खरीद आवासीय मकान बनाकर वहां के वातावरण को खराब कर रहे हैं. पूरे मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को हल्द्वानी तहसील परिसर में पूरे दिन गहमागहमी और हंगामे का माहौल रहा. शिकायतकर्ताओं ने मांग करते हुए संबंधित क्षेत्र में लगी फैक्ट्री को 2 दिन के भीतर सील करने और 15 दिन के भीतर जमीन पर भी कार्रवाई करने की मांग की है.

वहीं हल्द्वानी नगर निगम मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने बताया कि चौसला गांव में डेमोग्राफिक चेंज के प्रयासों की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी दे दी है. उनका कहना है कि कुछ बाहरी लोग उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदलना चाहते हैं और इसके लिए वह हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे.

मेयर ने कहा है कि साजिश के तहत उत्तराखंड और हल्द्वानी की डेमोग्राफिक चेंज करना चाह रहे हैं. इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आई है. अधिकारी रेरा एक्ट के नाम पर कई कॉलोनी को सीज कर रहे हैं. लेकिन एक व्यक्ति द्वारा कॉलोनी काटकर विशेष समुदाय के लोगों को बसाया गया, इससे कहीं ना कहीं अधिकारियों के मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

वहीं एसडीएम परितोष वर्मा का कहना है कि मामले में रेरा के तहत कार्रवाई के लिए नैनीताल जिलाधिकारी को आख्या भेजी गई है. साथ ही कुछ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का मामला भी सामने आया है. उक्त लोगों को 15 दिन का नोटिस दिया गया है.

ये भी पढ़ें: 'बीजेपी करती है केवल धर्म की राजनीति, डेमोग्राफी चेंज में भी बड़ा हाथ', बोले गणेश गोदियाल

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के 'आधार' में गड़बड़झाला! 106 फीसदी लोगों के बने कार्ड, डेमोग्राफी चेंज की साजिश?

हल्द्वानी: नैनीताल के हल्द्वानी शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर फतेहपुर चौसला गांव में एक व्यक्ति ने अपनी जमीन की प्लॉटिंग कर विशेष समुदाय के 68 लोगों को बेच दिया. जमीन खरीदने वाले विशेष समुदाय के लोग उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद क्षेत्र के लोग हैं. विशेष समुदाय के लोगों द्वारा अब मकन निर्माण भी किया जा रहा है. जिसके बाद से उक्त क्षेत्र में रहने वाले लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. शिकायत पहुंचने पर हल्द्वानी नगर निगम के मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने मामले को डेमोग्राफिक चेंज की सोची समझी साजिश करार दिया. मेयर ने जिला प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं कि इतने बड़े पैमाने में एक ही विशेष समुदाय के लोगों को भूमि की रजिस्ट्री और दाखिल खारिज कैसे हुई. वहीं मामले में हिंदूवादी संगठनों ने तहसील में प्रदर्शन किया.

चौसला गांव में विशेष समुदाय के बाहरी व्यक्तियों द्वारा लगातार खरीदी जा रही जमीन और डेमोग्राफिक चेंज के खिलाफ बुधवार को हल्द्वानी तहसील में हिंदूवादी संगठनों ने मिलकर प्रदर्शन किया. इस दौरान शिकायतकर्ता विपिन पांडे ने बताया कि उनके द्वारा चौसला गांव में एक साल पूर्व डेमोग्राफिक चेंज होने और बाहरी व्यक्तियों द्वारा लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन खरीद कर रजिस्ट्री किए जाने की शिकायत की गई थी. लेकिन उसके बावजूद भी विशेष समुदाय के बाहरी व्यक्तियों द्वारा रजिस्ट्री किए जाने का सिलसिला नहीं रोका गया और इन सब में स्थानीय जिला प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है.

हल्द्वानी में हिंदूवादी संगठनों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

प्रदर्शनकारी लोगों का कहना है कि चौसला गांव में एक फैक्ट्री की स्थापना की गई. जहां प्रॉपर्टी डीलर द्वारा छोटे-छोटे प्लॉट काटकर बाहर से आए विशेष समुदाय के लोगों को बेची गई. जानकारी के मुताबिक, 68 से अधिक एक ही समुदाय के लोग आकर वहां पर जमीन खरीद आवासीय मकान बनाकर वहां के वातावरण को खराब कर रहे हैं. पूरे मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को हल्द्वानी तहसील परिसर में पूरे दिन गहमागहमी और हंगामे का माहौल रहा. शिकायतकर्ताओं ने मांग करते हुए संबंधित क्षेत्र में लगी फैक्ट्री को 2 दिन के भीतर सील करने और 15 दिन के भीतर जमीन पर भी कार्रवाई करने की मांग की है.

वहीं हल्द्वानी नगर निगम मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने बताया कि चौसला गांव में डेमोग्राफिक चेंज के प्रयासों की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी दे दी है. उनका कहना है कि कुछ बाहरी लोग उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदलना चाहते हैं और इसके लिए वह हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे.

मेयर ने कहा है कि साजिश के तहत उत्तराखंड और हल्द्वानी की डेमोग्राफिक चेंज करना चाह रहे हैं. इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आई है. अधिकारी रेरा एक्ट के नाम पर कई कॉलोनी को सीज कर रहे हैं. लेकिन एक व्यक्ति द्वारा कॉलोनी काटकर विशेष समुदाय के लोगों को बसाया गया, इससे कहीं ना कहीं अधिकारियों के मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

वहीं एसडीएम परितोष वर्मा का कहना है कि मामले में रेरा के तहत कार्रवाई के लिए नैनीताल जिलाधिकारी को आख्या भेजी गई है. साथ ही कुछ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का मामला भी सामने आया है. उक्त लोगों को 15 दिन का नोटिस दिया गया है.

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