चतरा:सिमरिया प्रखंड के कसारी पंचायत में स्थित भवानी मठ इन दिनों आस्था, एकता और सामाजिक समरसता के रंग में रंगा हुआ है. यहां पिछले सात दिनों से महा शतचंडी यज्ञ का आयोजन चल रहा है, जो न केवल धार्मिक श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है. बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की एक अनूठी मिसाल भी पेश कर रहा है.
इस यज्ञ के प्रांगण में एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने सभी के दिलों को छू लिया है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने श्रद्धालुओं के बीच फल और पानी की बोतल बांटी. इस नेक कार्य के जरिए उन्होंने प्यार, मोहब्बत और एकता का संदेश न सिर्फ चतरा जिले के निवासियों, बल्कि पूरे देशवासियों तक पहुंचाया. यह आयोजन इस बात का जीवंत प्रमाण है कि धर्म और समुदाय से परे मानवता और भाईचारा ही सबसे बड़ा धर्म है.
भवानी मठ में आयोजित यह वार्षिक महा शतचंडी यज्ञ सात दिनों तक चलने वाला एक भव्य धार्मिक आयोजन है. इस दौरान मंदिर परिसर में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. यज्ञ कमेटी ने श्रद्धालुओं की हर जरूरत का ख्याल रखते हुए रहने, खाने और अन्य सुविधाओं का पूरा इंतजाम किया है. प्रतिदिन भंडारे का आयोजन हो रहा है, जिसमें हजारों लोग शामिल होकर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं. भंडारे में तैयार भोजन को श्रद्धालु प्रसाद के रूप में स्वीकार करते हैं और यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने के बाद अपने घर लौटते हैं.
'यह आयोजन सभी समुदायों के सहयोग से संचालित हो रहा है. उन्होंने कहा, यहां किसी भी तरह का भेदभाव नहीं है. हमारा उद्देश्य सभी को एक साथ लाकर ईश्वर के प्रति आस्था और प्रेम को बढ़ावा देना है. रात्रि के समय धर्म के ज्ञाता अपने प्रवचनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं, जिससे उनकी श्रद्धा और गहरी होती है. यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने का भी काम कर रहा है': कन्हैया प्रसाद. अध्यक्ष, यज्ञ कमेटी
भवानी मठ एक प्राचीन मंदिर है, जो प्रकृति की खूबसूरत गोद में बसा हुआ है. चारों ओर पहाड़ों से घिरा यह स्थल न केवल धार्मिक, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. मंदिर का प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण इसे श्रद्धालुओं के लिए और भी खास बनाता है. स्थानीय ग्रामीण लंबे समय से इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग करते आ रहे हैं.

भंडारे में तैयार किया जाती है प्रसाद
हर साल आयोजित होने वाला यह महा यज्ञ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामुदायिक एकता को भी मजबूत करता है. पहाड़ों के बीच बसे इस मंदिर में श्रद्धालु न सिर्फ ईश्वर के दर्शन के लिए आते हैं, बल्कि प्रकृति की शांति का भी आनंद लेते हैं. भंडारे में हर दिन भोजन तैयार करने का सिलसिला जारी है. सुबह से लेकर शाम तक लोग भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने के लिए आते हैं और इसे खाकर संतुष्टि व्यक्त करते हैं.
मंदिर समिति के अध्यक्ष मिथलेश सिंह ने कहा कि यहां का माहौल बहुत ही शांतिपूर्ण और पवित्र है. भंडारे का भोजन स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रसाद के रूप में हमारी आस्था को और मजबूत करता है. यज्ञ कमेटी के सदस्यों का कहना है कि भंडारे का आयोजन श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किया जाता है और इसमें सभी की भागीदारी होती है. भंडारे में तैयार होने वाला भोजन श्रद्धालुओं के बीच बांटा जाता है, जो इसे बड़े ही सम्मान के साथ ग्रहण करते हैं. इस महायज्ञ की सबसे बड़ी खासियत विभिन्न समुदायों का आपसी सहयोग है.
फल और पानी बांट रहे मुस्लिम समुदाय के लोग
मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा फल और पानी का वितरण इस बात का प्रमाण है कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक है. ग्रामीण कारी नसीम अख्तर ने कहा, कि हम सभी मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बना रहे हैं. यह एक ऐसा मंच है, जहां हिंदू, मुस्लिम और अन्य समुदाय के लोग एक साथ आते हैं और अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं.
प्रखंड प्रमुख रोहन साहू ने कहा, चतरा में सभी समुदाय के लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर रहते हैं और आपस में भाईचारा मिसाल पेश करते हैं. यह आयोजन उस भाईचारे को और मजबूत करता है. महा शतचंडी यज्ञ के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों का योगदान इस आयोजन को और भी खास बनाता है. जब वे श्रद्धालुओं के बीच फल और पानी बांटते हैं, तो यह दृश्य हिंदू-मुस्लिम एकता की एक जीवंत तस्वीर पेश करता है. यह नजारा न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि बाहरी लोगों के लिए भी प्रेरणादायक है.
आस्था का प्रतीक है शतचंडी यज्ञ
एक श्रद्धालु ने कहा, यहां कोई ऊंच-नीच या भेदभाव नहीं है. हम सब एक हैं और यही हमारी ताकत है. इस तरह का सहयोग और एकता आज के समय में एक बड़ी जरूरत है और भवानी मठ का यह आयोजन इसे साकार कर रहा है. भवानी मठ में चल रहा यह महा शतचंडी यज्ञ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का भी एक शानदार उदाहरण है.
हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों का आपसी सहयोग इस बात को साबित करता है कि सच्ची श्रद्धा और मानवता किसी धर्म या समुदाय की सीमाओं में नहीं बंधी होती है. यह आयोजन चतरा जिले के लिए गर्व की बात है और पूरे देश के लिए एक संदेश है कि एकता और प्रेम ही समाज को आगे ले जा सकते हैं. भवानी मठ का यह पवित्र स्थल आने वाले समय में भी आस्था और भाईचारे का केंद्र बना रहेगा.
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