शिमला: हिमाचल की खूबसूरत वादियों को निहारने के लिए आने वाले पर्यटकों को अब शांत पहाड़ों में नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन मिलने वाला है. जहां से पर्यटक चीन बॉर्डर तक जा सकेंगे. इसके लिए केंद्र सरकार से परमिशन मिल गई है. ये नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन है शिपकी-ला दर्रा, जो दशकों बाद आज खुलेगा. जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू करेंगे और देश भर के पर्यटकों को नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन सौंपेंगे.
आधार कार्ड और टोकन जरूरी
हिमाचल में आज खुल रहे शिपकी-ला तक जाने के लिए आधार कार्ड व टोकन लेना जरूरी होगा. इसके लिए किन्नौर के खाब में ITBP की चेक पोस्ट पर पहचान पत्र दिखाने के बाद ही पर्यटक आगे जाने की परमिशन मिलेगी. अभी तक पर्यटक किन्नौर तक ही आ पाते थे, लेकिन खाब से आगे जाने की पर्यटकों को अनुमति नहीं मिलती थी. अब पर्यटक यहां से 32 किलोमीटर आगे जाकर चीन के बॉर्डर के पास पहुंच सकेंगे.
रात्रि ठहराव की अनुमति नहीं
इसके अलावा यहां से सतलुज नदी और स्पीति नदी का संगम, नाको में बौद्ध मोनेस्ट्री और लेक देख सकेंगे, लेकिन पर्यटकों को यहां पर रात में ठहरने की परमिशन नहीं होगी. इसलिए पर्यटकों को सुबह खाब से आगे जाने के बाद शाम को वापस लौटना होगा. खाब से आगे पर्यटकों अपनी गाड़ी या टैक्सी दोनों तरह की सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं, रात्रि ठहराव के लिए पर्यटकों को होटल की व्यवस्था किन्नौर शहर में वापसी पर ही मिलेगी.
"देश भर के पर्यटकों को आज से नया पर्यटन स्थल देखने को मिलेगा. पर्यटन गतिविधियां बढ़ने से किन्नौर की आर्थिकी सुदृढ़ होगी. शिपकी-ला दर्रा आजादी के बाद से ही आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन अब शिपकी-ला ओपन होने से बॉर्डर एरिया के लोगों का पलायन भी रुकेगा." - जगत सिंह नेगी, राजस्व मंत्री
ऐसे पहुंचे शिपकी-ला दर्रा
हिमाचल में आज से पर्यटकों को नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन निहारने का मौका मिलने वाला है. टूरिस्ट इस नए टूरिस्ट स्थल तक पहुंचना चाहेंगे. ऐसे में देशभर से टूरिस्ट को शिपकी-ला दर्रा तक ऐसे पहुंच सकते हैं.
- सबसे पहले बस-ट्रेन या फिर अपने पर्सनल व्हीकल से चंडीगढ़ आएं.
- इसके बाद सड़क मार्ग से पर्यटन नगरी शिमला तक आएं.
- पर्यटक एनएच-5 से किन्नौर होकर खाब पहुंच सकेंगे.
- जिसके बाद खाब से लिंक रोड से शिपकी-ला दर्रा तक जाने को टैक्सी हायर करें.
- टूरिस्ट अपने पर्सनल व्हीकल के जरिए शिपकी-ला तक जा सकते हैं.
बता दें कि शिपकी-ला दर्रा को देश के पर्यटकों के लिए ही खोला गया है. केंद्र ने विदेशी पर्यटकों के लिए शिपकी-ला दर्रा तक जाने की अनुमति नहीं दी है.