कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के पर्यटन नगरी मनाली में अब पर्यटन विभाग द्वारा आइस स्केटिंग रिंक तैयार किया जाएगा. इसके लिए डीपीआर पूरी कर ली गई है और विभाग द्वारा 20 करोड़ के बजट का भी प्रावधान किया गया है. अब जल्द ही विभाग द्वारा टेंडर की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. आइस स्केटिंग रिंक बनने से यहां सैलानियों को स्केटिंग करने में सुविधा होगी और तापमान कम होने पर यहां 12 महीने सैलानी बर्फ के बीच मस्ती कर सकेंगे.
जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली और लाहौल की वादियों में सर्दियों के दौरान सोलंगनाला, कोठी, पलचान में सैलानी आइस स्केटिंग का मजा लेते हैं. लेकिन गर्मियों में यहां पर बर्फ पिघल जाती है. ऐसे में स्केटिंग के लिए सैलानियों को सर्दियों का इंतजार करना पड़ता है. वहीं, कई बार दिसंबर माह तक इन सभी जगह पर बर्फबारी ना होने के चलते सैलानी मायूस ही लौट जाते हैं. ऐसे में आइस स्केटिंग रिंक बनने से यहां सैलानी 12 महीने स्केटिंग का मजा ले सकेंगे.
पर्यटन नगरी मनाली में हिडिंबा माता मंदिर के पास जगह का चयन किया गया है. पर्यटन विभाग द्वारा इसके लिए डीपीआर भी तैयार की गई है. विभाग द्वारा इसके लिए 20 करोड़ का बजट तैयार किया गया है. ऐसे में ज्यादा पर्यटन विभाग द्वारा जल्द ही इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे और उसके बाद इस आइस स्केटिंग रिंक को बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. जनवरी माह में आयोजित विंटर कार्निवाल के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने भी यहां पर आइस स्केटिंग रिंक बनाने की बात कही थी और इसी दिशा में पर्यटन विभाग के द्वारा काम किया जा रहा है.
गौरतलब है कि आइस स्केटिंग रिंक की सतह के नीचे नालियों में पानी का उपयोग किया जाता है, जो बर्फ को जमने और बनाए रखने में मदद करता है. बर्फ की चादर को सपाट और चिकना बनाने के लिए इसे नियमित रूप से साफ और समतल किया जाता है. वहीं,
रिंक की सतह को बनाए रखने के लिए तापमान को ठंडा रखा जाता है और हवा में नमी को नियंत्रित किया जाता है.
आइस स्केटिंग रिंक के निर्माण और रखरखाव का खर्च अलग-अलग हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह काफी महंगा होता है. इसके लिए बुनियादी ढांचे, उपकरण, बिजली और पानी की लागत की आवश्यकता होती है. इसके अलावा आइस हॉकी और फिगर स्केटिंग के लिए विशिष्ट रिंक के आकार और माप होते हैं.
स्कीइंग के एक्सपर्ट रोशन लाल ने कहा, "एक आइस हॉकी रिंक आमतौर पर 85 फीट x 200 फीट होता है. लेकिन कुछ स्केटिंग रिंक अलग-अलग आकार के होते हैं और उनका उपयोग विभिन्न खेलों और गतिविधियों के लिए किया जाता है. आइस स्केटिंग रिंक को गर्म मौसम में भी बर्फ बनाए रखने के लिए उन्हें ठंडा रखा जाता है और हवा में नमी को नियंत्रित किया जाता है".
मनाली के पर्यटन व्यवसाय सुरेश कुमार और मनु शर्मा का कहना है कि आइस स्केटिंग रिंक बनने से यहां पर गर्मियों में भी सैलानियों की संख्या अधिक रहेगी. सर्दियों और गर्मियों में भी सैलानी यहां पर रिंक में फिसलने का मजा ले सकेंगे. ऐसे में पर्यटन विभाग जल्द से जल्द टेंडर की प्रक्रिया को पूरा करें. ताकि इसका निर्माण कार्य जल्द पूरा हो सके.
वहीं, जिला कुल्लू पर्यटन अधिकारी सुनैना शर्मा ने बताया कि रिंक बनाने के लिए डीपीआर को फाइनल कर लिया गया है और अब जल्द इसके टेंडर आमंत्रित किया जाएंगे. इसके लिए 20 करोड़ का बजट रखा गया है. इस रिंक के बनने से शिमला के अलावा मनाली में भी सैलानी आइस स्केटिंग का मजा ले सकेंगे.
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