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हिमाचल में HRTC के सरेंडर किए गए इतने सौ रूटों पर चलेगी प्राइवेट बसें, आवेदन आमंत्रित करने की तैयारी - HRTC SURRENDER 422 BUS ROUTES

हिमाचल में एचआरटीसी द्वारा सरेंडर किए गए 422 रूटों पर अब प्राइवेट बसें चलेगी. इसको लेकर आवेदन आमंत्रित करने की तैयारी की जा रही है.

HRTC के सरेंडर किए गए रूटों पर दौड़ेंगी प्राइवेट बसें
HRTC के सरेंडर किए गए रूटों पर दौड़ेंगी प्राइवेट बसें (FILE)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : June 4, 2025 at 7:05 PM IST

4 Min Read

शिमला: हिमाचल में जल्द ही सैकड़ों रूटों पर लोगों को प्राइवेट बस सुविधा उपलब्ध होगी. इसके लिए अब जल्द ही आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, जिसके लिए परिवहन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. हिमाचल में HRTC ने 422 स्टेज कैरिज रूटों को सरेंडर किया है, जिस कारण लोगों को अब इन रूटों पर बस सुविधा उपलब्ध न होने के दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में परिवहन विभाग इन रूटों को निजी क्षेत्र को देने जा रहा है.

जिसके प्रकाशन के लिए सरकार ने अपनी अनुमति प्रदान कर दी है. ताकि परिवहन नीति, 2014 के क्लॉस 6.1 के अनुसार 60:40 शर्तों में छूट देते हुए इन रूटों को निजी ऑपरेटरों को आवंटित किया जा सके. जिसके बाद आम जनता से मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (चैप्टर-V) की धारा 68 (3) (ca) के अंतर्गत सरकार की ओर से तय नियमों एवं शर्तों पर आवेदन आमंत्रित किए जा सकें. इसको लेकर परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी की ओर से सभी RTO को आदेश जारी किए गए हैं.

ये होंगे नियम और शर्तें

हिमाचल प्रदेश में HRTC की ओर से सरेंडर किए गए रूटों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (चैप्टर-V) की धारा 68(3) (ca) के अंतर्गत संबंधित क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों की ओर से जांच करने के बाद ही आम जनता से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे. जिला/क्षेत्र में एचआरटीसी की ओर से सरेंडर किए गए 422 रूटों पर राज्य परिवहन नीति, 2014 के तहत 60:40 शर्तों में एक बार की छूट के आधार पर आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे. इसी तरह से स्टेज कैरिज परमिट केवल हिमाचल के लोगों को जारी किए जाएंगे.

वहीं, रूट परमिट के लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 69 के प्रावधान के तहत संबंधित RTO को आवेदन देना होगा. इसके अलावा किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए मौजूदा ऑपरेटरों को पहले से ही दी गई समय-सीमा के साथ विशेष मार्गों पर सेवाओं की उपलब्धता के आधार पर सभी 422 रूटों के लिए संबंधित RTO की ओर से समय सारिणी जारी की जाएगी. इसी तरह से सभी रूटों का आवंटन परिवहन प्राधिकरण, हिमाचल प्रदेश की स्वीकृति से किया जाएगा. इसके अलावा जिला/क्षेत्रीय स्टेज कैरिज रूटों पर मोटर वाहन अधिनियम/नियमों के अंतर्गत सभी प्रावधान, नियम व शर्तें उच्च न्यायालय की ओर से पारित आदेश लागू होंगे.

सभी RTO को संबंधित उपमंडल स्तरीय रूट निर्माण समितियों के माध्यम से एचआरटीसी की ओर से सरेंडर किए गए रूटों के विवरण की जांच के निर्देश दिए गए है. वहीं, एचआरटीसी सरेंडर किए गए रूट ड्राफ्ट एसटीयू स्कीम, 2025 में शामिल हैं या नहीं, इस बारे में भी संबंधित RTO को जांच करने को कहा गया है. इसको लेकर परिवहन विभाग ने 10 दिनों में रिपोर्ट मांगी है. ताकि इन रूटों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (चैप्टर-V) की धारा 68(3)(ca) के अंतर्गत आवेदन आमंत्रित करने के लिए समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जा सके.

निजी बस ऑपरेटर संघ ने बेरोजगारों के साथ बताया खिलवाड़

हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के महासचिव रमेश कमल ने कहा, "एचआरटीसी के घाटे वाले परमिट को निजी क्षेत्र में देने के लिए बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. एचआरटीसी के रूट परमिट जो कि बिना किस्त एवं बिना टैक्स दिए भी कामयाब नहीं हो पाए. उनका निजी क्षेत्र में देने के लिए बेरोजगारों को कर्ज में डालने का काम किया जा रहा है. एचआरटीसी की ओर से पिछले एक दशक से एसआरटी के रूप में एक भी पैसा जमा नहीं करवाया है, जिस कारण यह रूट परमिट सरेंडर करना भी अपने आप में असंवैधानिक एवं गैरकानूनी है".

ये भी पढ़ें: अब वोटिंग खत्म होते ही मिलेगी मतदान प्रतिशत की जानकारी, निर्वाचन विभाग करेगा वीटीआर साझा करने की प्रक्रिया को अपग्रेड

शिमला: हिमाचल में जल्द ही सैकड़ों रूटों पर लोगों को प्राइवेट बस सुविधा उपलब्ध होगी. इसके लिए अब जल्द ही आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, जिसके लिए परिवहन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. हिमाचल में HRTC ने 422 स्टेज कैरिज रूटों को सरेंडर किया है, जिस कारण लोगों को अब इन रूटों पर बस सुविधा उपलब्ध न होने के दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में परिवहन विभाग इन रूटों को निजी क्षेत्र को देने जा रहा है.

जिसके प्रकाशन के लिए सरकार ने अपनी अनुमति प्रदान कर दी है. ताकि परिवहन नीति, 2014 के क्लॉस 6.1 के अनुसार 60:40 शर्तों में छूट देते हुए इन रूटों को निजी ऑपरेटरों को आवंटित किया जा सके. जिसके बाद आम जनता से मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (चैप्टर-V) की धारा 68 (3) (ca) के अंतर्गत सरकार की ओर से तय नियमों एवं शर्तों पर आवेदन आमंत्रित किए जा सकें. इसको लेकर परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी की ओर से सभी RTO को आदेश जारी किए गए हैं.

ये होंगे नियम और शर्तें

हिमाचल प्रदेश में HRTC की ओर से सरेंडर किए गए रूटों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (चैप्टर-V) की धारा 68(3) (ca) के अंतर्गत संबंधित क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों की ओर से जांच करने के बाद ही आम जनता से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे. जिला/क्षेत्र में एचआरटीसी की ओर से सरेंडर किए गए 422 रूटों पर राज्य परिवहन नीति, 2014 के तहत 60:40 शर्तों में एक बार की छूट के आधार पर आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे. इसी तरह से स्टेज कैरिज परमिट केवल हिमाचल के लोगों को जारी किए जाएंगे.

वहीं, रूट परमिट के लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 69 के प्रावधान के तहत संबंधित RTO को आवेदन देना होगा. इसके अलावा किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए मौजूदा ऑपरेटरों को पहले से ही दी गई समय-सीमा के साथ विशेष मार्गों पर सेवाओं की उपलब्धता के आधार पर सभी 422 रूटों के लिए संबंधित RTO की ओर से समय सारिणी जारी की जाएगी. इसी तरह से सभी रूटों का आवंटन परिवहन प्राधिकरण, हिमाचल प्रदेश की स्वीकृति से किया जाएगा. इसके अलावा जिला/क्षेत्रीय स्टेज कैरिज रूटों पर मोटर वाहन अधिनियम/नियमों के अंतर्गत सभी प्रावधान, नियम व शर्तें उच्च न्यायालय की ओर से पारित आदेश लागू होंगे.

सभी RTO को संबंधित उपमंडल स्तरीय रूट निर्माण समितियों के माध्यम से एचआरटीसी की ओर से सरेंडर किए गए रूटों के विवरण की जांच के निर्देश दिए गए है. वहीं, एचआरटीसी सरेंडर किए गए रूट ड्राफ्ट एसटीयू स्कीम, 2025 में शामिल हैं या नहीं, इस बारे में भी संबंधित RTO को जांच करने को कहा गया है. इसको लेकर परिवहन विभाग ने 10 दिनों में रिपोर्ट मांगी है. ताकि इन रूटों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 (चैप्टर-V) की धारा 68(3)(ca) के अंतर्गत आवेदन आमंत्रित करने के लिए समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जा सके.

निजी बस ऑपरेटर संघ ने बेरोजगारों के साथ बताया खिलवाड़

हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के महासचिव रमेश कमल ने कहा, "एचआरटीसी के घाटे वाले परमिट को निजी क्षेत्र में देने के लिए बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. एचआरटीसी के रूट परमिट जो कि बिना किस्त एवं बिना टैक्स दिए भी कामयाब नहीं हो पाए. उनका निजी क्षेत्र में देने के लिए बेरोजगारों को कर्ज में डालने का काम किया जा रहा है. एचआरटीसी की ओर से पिछले एक दशक से एसआरटी के रूप में एक भी पैसा जमा नहीं करवाया है, जिस कारण यह रूट परमिट सरेंडर करना भी अपने आप में असंवैधानिक एवं गैरकानूनी है".

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