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क्या आप लेना चाहते हैं फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग, यहां से ले प्रशिक्षण और शुरू करें अपना बिजनेस - HORTICULTURE FRUIT PROCESSING

धौलाकुआं में हिमाचल सरकार के उद्यान विभाग का फल विधायन केंद्र क्रियाशील है. यहां समय-समय पर लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

उद्यान विभाग ने शुरू किए है अपने फल विधायन संयत्र
उद्यान विभाग ने शुरू किए है अपने फल विधायन संयत्र (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : April 14, 2025 at 1:03 PM IST

Updated : April 14, 2025 at 1:23 PM IST

5 Min Read

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश उद्यान विभाग ने किसानों को लाभ पहुंचाने और लोगों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध करवाने के मकसद से विभिन्न जिलों में विक्रय केंद्र खोले हैं. इससे सरकार की आय में भी बढ़ोतरी हो रही है, वहीं किसान उन फलों को भी विभाग के पास बेच रहे हैं, जिनके बाजार में दाम तक नहीं मिलते. इससे किसानों को भी लाभ पहुंच रहा है. इन सभी उत्पादों को उद्यान विभाग HIMCU नाम से उचित दामों पर लोगों को उपलब्ध करवा रहा है.

दरअसल हिमाचल प्रदेश को फल राज्य के नाम से भी जाना जाता है. यहां के लोग कृषि, बागवानी व पशुपालन जैसे व्यवसाय कर अपनी आजीविका कमाते हैं. प्रदेश सरकार की ओर से किसानों, बागवानों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं भी क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनका लाभ उठाकर किसान अपनी आर्थिकी को सुदृढ कर रहे हैं. वहीं जिला सिरमौर की जलवायु बागवानी के उपयुक्त है. जिला के किसान आम, लीची, स्ट्रॉबेरी, कीवी, अमरूद, मौसमी व नींबू का उत्पादन कर रहे हैं, जिसका विक्रय स्थानीय मंडियों के साथ-साथ अन्य राज्यों की मंडियों में भी किया जा रहा हैं. प्रदेश सरकार का प्रयास है कि बागवानों को उनके उत्पाद का बेहतर दाम मिले. इसी कड़ी में जिला के धौलाकुआं में हिमाचल सरकार के उद्यान विभाग का फल विधायन केंद्र (फ्रूड प्रोसेसिंग) भी क्रियाशील है, जहां फलों का जूस निकाला जाता है. गुणवत्तापूर्ण इन फलों के जूस को विभिन्न विक्रय केंद्रों के माध्यम से विक्रय किया जाता है.

उद्यान विभाग ने शुरू किए है अपने फल विधायन संयत्र (ETV BHARAT)

सिरमौर के धौलाकुआं और राजगढ़ में फल विधायन केंद्र स्थापित

उद्यान विभाग के फल प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ डॉ. बीएम चौहान ने बताया कि, 'जिला सिरमौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लोग सेब, नाशपाती, पलम, आडू, खुमानी, किवी का उत्पादन कर रहे है, जबकि मैदानी इलाकों में आम, लीची, अमरूद, नींबू, मौसमी, आंवला और स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करते हैं, जो फल अच्छे ग्रेड का होता है, उसका बागवानों को मंडियों में अच्छE दाम मिल जाते है, लेकिन छोटे आकार वाले फल, जिनका बाजार में अच्छा दाम नहीं मिलता, उसके विधायन के लिए सरकार ने जिला सिरमौर के धौलाकुआं और राजगढ़ में फल विधायन केंद्र स्थापित किया, जहां फूड प्रोसेसिंग का कार्य किया जाता है. फलों के विधायन से विभिन्न उत्पाद जैसे जूस, जैम, चटनी, स्क्वैश और आचार तैयार किया जाता है. आंवले का मुरब्बा और जूस भी तैयार होता है. आंवले का जूस स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभकारी है, जो शुगर मुक्त होता है.'

उद्यान विभाग का फल विधायन सयंत्र
उद्यान विभाग का फल विधायन सयंत्र (ETV BHARAT)

किसानों से भी खरीदा जाता है कच्चा माल

धौलाकुआं विधायन केंद्र के तहत 6 विक्रय केन्द्र है, जिसमें 3 सरकारी क्षेत्र में, जबकि 3 निजी क्षेत्र में क्रियाशील हैं. इसी प्रकार राजगढ़ विधायन केंद्र के तहत एक विक्रय केंद्र हैं. इन सभी 7 विक्रय केंद्रों से सालाना 25 मीट्रिक टन पेय और अन्य आचार, चटनी व जैम विक्रय किया जाता है. इन सभी उत्पादों को उद्यान विभाग HIMCU नाम से उचित दामों पर लोगों को उपलब्ध करवा रहा है. इसके लिए किसानों से भी कच्चा माल सरकारी दर पर खरीदा जाता है. जिला के सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को भी विधायन केंद्र की गतिविधियों के बारे अवगत करवाया जाता है, जिससे उनकी कृषि और बागवानी कार्यों में रूचि बढ़ सके.

कोई भी व्यक्ति फूड प्रोसेसिंग की उद्यान विभाग के किसी भी फल संयत्र से ट्रेनिंग ले सकता है. इसके लिए उद्यान विभाग के किसी भी फल संयत्र इकाई से संपर्क किया जा सकता है. फल विधायन सयंत्र में एक दिन, सात दिन और एक महीने की भी ट्रेनिंग भी दी जाती है. अगर किसी व्यक्ति को अकेले ही ट्रेनिंग लेनी है तो उसे खाने-पीने का खर्च खुद उठाना होगा. ग्रुप में प्रशिक्षण लेने पर खाने पीने का खर्च विभाग की तरफ से उठाया जाएगा .-बीएम चौहान

500 बागवानों को दिया प्रशिक्षण

डॉ. चौहान ने बताया कि, 'विधायन केंद्र के माध्यम से सामुदायिक डिब्बा बंदी सेवा कम खर्च पर संचालित की जा रही है, जिसके तहत किसान अपना कच्चा माल देकर अपने स्तर पर भी यहां उत्पाद तैयार कर सकते हैं. इसके साथ ही गांव में युवाओं, बेरोजगार, स्वयं सहायता समूह, स्थानीय किसानों बागवानों को भी समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है. वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान इस केंद्र ने 13 प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर 500 बागवानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया.'

HIMCU नाम से उचित दामों पर उपलब्ध हैं प्रोडक्ट
HIMCU नाम से उचित दामों पर उपलब्ध हैं प्रोडक्ट (ETV BHARAT)

FSSAI के मानकों के अनुरूप ही तैयार किए जाते हैं सभी उत्पाद

वहीं, उद्यान प्रसार अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि, 'केंद्र में विभिन्न तरह के फलों के पेय पदार्थ जैसे फ्रूट ड्रिंक्स, स्क्वैश, चटनी सहित विभिन्न उत्पाद तैयार किए जाते है. ये सभी यहां उत्पाद भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मानकों के अनुरूप ही तैयार किए जाते हैं. इन उत्पादों को तैयार करने में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. उन्होंने बताया कि इन सभी उत्पादों को विक्रय केंद्रों के माध्यम से HIMCU ब्रांड से बेचा जाता है, जिन्हें ग्राहकों द्वारा बेहद पसंद किया जाता है, क्योंकि ये उत्पाद बहुत ही गुणवतापूर्ण होते है.'

ये भी पढ़ें: बसंतपुर वृद्धाश्रम को ग्रांट न मिलने पर राज्यपाल सख्त, मुख्य सचिव से की रिपोर्ट तलब

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश उद्यान विभाग ने किसानों को लाभ पहुंचाने और लोगों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध करवाने के मकसद से विभिन्न जिलों में विक्रय केंद्र खोले हैं. इससे सरकार की आय में भी बढ़ोतरी हो रही है, वहीं किसान उन फलों को भी विभाग के पास बेच रहे हैं, जिनके बाजार में दाम तक नहीं मिलते. इससे किसानों को भी लाभ पहुंच रहा है. इन सभी उत्पादों को उद्यान विभाग HIMCU नाम से उचित दामों पर लोगों को उपलब्ध करवा रहा है.

दरअसल हिमाचल प्रदेश को फल राज्य के नाम से भी जाना जाता है. यहां के लोग कृषि, बागवानी व पशुपालन जैसे व्यवसाय कर अपनी आजीविका कमाते हैं. प्रदेश सरकार की ओर से किसानों, बागवानों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं भी क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनका लाभ उठाकर किसान अपनी आर्थिकी को सुदृढ कर रहे हैं. वहीं जिला सिरमौर की जलवायु बागवानी के उपयुक्त है. जिला के किसान आम, लीची, स्ट्रॉबेरी, कीवी, अमरूद, मौसमी व नींबू का उत्पादन कर रहे हैं, जिसका विक्रय स्थानीय मंडियों के साथ-साथ अन्य राज्यों की मंडियों में भी किया जा रहा हैं. प्रदेश सरकार का प्रयास है कि बागवानों को उनके उत्पाद का बेहतर दाम मिले. इसी कड़ी में जिला के धौलाकुआं में हिमाचल सरकार के उद्यान विभाग का फल विधायन केंद्र (फ्रूड प्रोसेसिंग) भी क्रियाशील है, जहां फलों का जूस निकाला जाता है. गुणवत्तापूर्ण इन फलों के जूस को विभिन्न विक्रय केंद्रों के माध्यम से विक्रय किया जाता है.

उद्यान विभाग ने शुरू किए है अपने फल विधायन संयत्र (ETV BHARAT)

सिरमौर के धौलाकुआं और राजगढ़ में फल विधायन केंद्र स्थापित

उद्यान विभाग के फल प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ डॉ. बीएम चौहान ने बताया कि, 'जिला सिरमौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लोग सेब, नाशपाती, पलम, आडू, खुमानी, किवी का उत्पादन कर रहे है, जबकि मैदानी इलाकों में आम, लीची, अमरूद, नींबू, मौसमी, आंवला और स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करते हैं, जो फल अच्छे ग्रेड का होता है, उसका बागवानों को मंडियों में अच्छE दाम मिल जाते है, लेकिन छोटे आकार वाले फल, जिनका बाजार में अच्छा दाम नहीं मिलता, उसके विधायन के लिए सरकार ने जिला सिरमौर के धौलाकुआं और राजगढ़ में फल विधायन केंद्र स्थापित किया, जहां फूड प्रोसेसिंग का कार्य किया जाता है. फलों के विधायन से विभिन्न उत्पाद जैसे जूस, जैम, चटनी, स्क्वैश और आचार तैयार किया जाता है. आंवले का मुरब्बा और जूस भी तैयार होता है. आंवले का जूस स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभकारी है, जो शुगर मुक्त होता है.'

उद्यान विभाग का फल विधायन सयंत्र
उद्यान विभाग का फल विधायन सयंत्र (ETV BHARAT)

किसानों से भी खरीदा जाता है कच्चा माल

धौलाकुआं विधायन केंद्र के तहत 6 विक्रय केन्द्र है, जिसमें 3 सरकारी क्षेत्र में, जबकि 3 निजी क्षेत्र में क्रियाशील हैं. इसी प्रकार राजगढ़ विधायन केंद्र के तहत एक विक्रय केंद्र हैं. इन सभी 7 विक्रय केंद्रों से सालाना 25 मीट्रिक टन पेय और अन्य आचार, चटनी व जैम विक्रय किया जाता है. इन सभी उत्पादों को उद्यान विभाग HIMCU नाम से उचित दामों पर लोगों को उपलब्ध करवा रहा है. इसके लिए किसानों से भी कच्चा माल सरकारी दर पर खरीदा जाता है. जिला के सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को भी विधायन केंद्र की गतिविधियों के बारे अवगत करवाया जाता है, जिससे उनकी कृषि और बागवानी कार्यों में रूचि बढ़ सके.

कोई भी व्यक्ति फूड प्रोसेसिंग की उद्यान विभाग के किसी भी फल संयत्र से ट्रेनिंग ले सकता है. इसके लिए उद्यान विभाग के किसी भी फल संयत्र इकाई से संपर्क किया जा सकता है. फल विधायन सयंत्र में एक दिन, सात दिन और एक महीने की भी ट्रेनिंग भी दी जाती है. अगर किसी व्यक्ति को अकेले ही ट्रेनिंग लेनी है तो उसे खाने-पीने का खर्च खुद उठाना होगा. ग्रुप में प्रशिक्षण लेने पर खाने पीने का खर्च विभाग की तरफ से उठाया जाएगा .-बीएम चौहान

500 बागवानों को दिया प्रशिक्षण

डॉ. चौहान ने बताया कि, 'विधायन केंद्र के माध्यम से सामुदायिक डिब्बा बंदी सेवा कम खर्च पर संचालित की जा रही है, जिसके तहत किसान अपना कच्चा माल देकर अपने स्तर पर भी यहां उत्पाद तैयार कर सकते हैं. इसके साथ ही गांव में युवाओं, बेरोजगार, स्वयं सहायता समूह, स्थानीय किसानों बागवानों को भी समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है. वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान इस केंद्र ने 13 प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर 500 बागवानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया.'

HIMCU नाम से उचित दामों पर उपलब्ध हैं प्रोडक्ट
HIMCU नाम से उचित दामों पर उपलब्ध हैं प्रोडक्ट (ETV BHARAT)

FSSAI के मानकों के अनुरूप ही तैयार किए जाते हैं सभी उत्पाद

वहीं, उद्यान प्रसार अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि, 'केंद्र में विभिन्न तरह के फलों के पेय पदार्थ जैसे फ्रूट ड्रिंक्स, स्क्वैश, चटनी सहित विभिन्न उत्पाद तैयार किए जाते है. ये सभी यहां उत्पाद भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मानकों के अनुरूप ही तैयार किए जाते हैं. इन उत्पादों को तैयार करने में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. उन्होंने बताया कि इन सभी उत्पादों को विक्रय केंद्रों के माध्यम से HIMCU ब्रांड से बेचा जाता है, जिन्हें ग्राहकों द्वारा बेहद पसंद किया जाता है, क्योंकि ये उत्पाद बहुत ही गुणवतापूर्ण होते है.'

ये भी पढ़ें: बसंतपुर वृद्धाश्रम को ग्रांट न मिलने पर राज्यपाल सख्त, मुख्य सचिव से की रिपोर्ट तलब

Last Updated : April 14, 2025 at 1:23 PM IST
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