शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज से दुर्व्यवहार के कारण निष्कासित की गई छात्रा ने बिना शर्त माफी मांगने की बात कही है. छात्रा ने इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट को बताया कि वह कॉलेज प्रिंसिपल और अन्य शिक्षकों के साथ अपने कथित दुर्व्यवहार के लिए बिना शर्त माफी मांगने के लिए तैयार है. हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि वह अदालत की तरफ से पारित किए अंतरिम आदेशों के अनुसार परीक्षा में भी भाग ले चुकी है. इसलिए उसके निष्कासन को रद्द करने के आदेश जारी किए जाएं.
हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने सरकार को आदेश दिए कि वह इन परिस्थितियों में कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा पारित निष्कासन आदेश को रद्द करने के संबंध में संबंधित विभाग से एक सप्ताह के भीतर निर्देश हासिल करे. इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा था कि कॉलेज प्रशासन के विवादित फैसले से छात्रा की शिक्षा का एक साल बर्बाद हो सकता है. इसलिए कमेटी को इस मामले में शीघ्रता से फैसला लेने की जरूरत है.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि पिछले शैक्षणिक सत्र में शिमला के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज संजौली में 6 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया था. कथित तौर पर कॉलेज में हुड़दंग करने और शिक्षकों से दुर्व्यवहार करने के आरोप में इन छात्रों को 20 सितंबर 2024 को निष्कासित किया गया था. इस मामले में छात्र संगठनों ने कॉलेज में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन भी किया था. कॉलेज प्रशासन की सख्ती के बाद छात्र अदालत पहुंचे थे. हाईकोर्ट में अन्य निष्कासित छात्रों ने भी याचिकाएं दायर की हैं. उपरोक्त मामले में छात्रा ने हाईकोर्ट में बिना शर्त माफी मांगने की बात कही, जिस पर अदालत ने संबंधित विभाग के निर्देश हासिल करने के लिए कहा है.