शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग से जुड़े मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस पर अब संभवत 23 मई को फैसला आ सकता है. इस मामले को लेकर बुधवार को हाईकोर्ट में न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के आग्रह पर केंद्रीय गृह सचिव और सीबीआई को प्रतिवादी बनाने के आदेश दिए. कोर्ट ने एसीएस गृह की ओर से दायर स्टेट्स रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेने के आदेश दिए.
अब प्रार्थी चाहे तो यह रिपोर्ट वह कानून के अनुसार इसकी प्रति प्राप्त कर सकता है. मामले पर बहस के दौरान प्रार्थी की ओर से बताया गया कि एसआईटी और डीजीपी की स्टेटस रिपोर्ट में विरोधाभास सामने आया है. इसलिए प्रदेश पुलिस की ओर से गठित एसआईटी जांच संदेह के घेरे में है.
प्रार्थी ने आरोप लगाया कि एसआईटी आरोपियों के आचरण की जांच के बजाय विमल नेगी को मानसिक रोगी, घरेलू झगड़ों से परेशान इत्यादि साबित करने पर तुली हुई है. इसमें ये भी आरोप है कि एसआईटी जांच में केवल उन दस्तावेजों को जांच में शामिल कर रही है, जिन्हें सरकार चाहती है. आरोप है कि एसआईटी ने अपने क्षेत्राधिकार का अतिक्रमण करते हुए पेखुवाला सोलर प्रोजेक्ट में संलिप्त भ्रष्ट अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी है.
सरकार की ओर से एसआईटी जांच को सही बताते हुए कहा था कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है. लिहाजा जांच में आगे बढ़ने के लिए उन्हें अतिरिक्त समय दिया जाए. अगर जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी तो प्रदेश पुलिस के मनोबल पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. कोर्ट ने सभी पक्षकारों की दलीलें सुनने के पश्चात अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
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