शिमला: हिमाचल सरकार ने गग्गल एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता रिपोर्ट पिछले महीने की 30 तारीख को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंप दी है. ये जानकारी प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट को गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से जुड़े मामले को लेकर दी है.
मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को अब एक सप्ताह के भीतर तकनीकी व्यवहार्यता का गहन विश्लेषण करने और अगली सुनवाई तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद पाया था कि इस मामले में वन भूमि का तबादला करने से जुड़ी स्वीकृति केंद्र सरकार के पास लंबित है. वहीं, हवाई अड्डे के विस्तार का मामला भी प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग कमेटी के पास लंबित है.
इसके अलावा तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता रिपोर्ट (Economic Feasibility Report) यानी टीईएफआर जो पर्यावरण संबंधी सेवाओं के लिए एक पूर्व-आवश्यक कार्य है, वो भी अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. ऐसे में केवल उक्त रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही भारत सरकार वन मंजूरी के लिए अनुमति देने के लिए आगे बढ़ सकती है.
वहीं, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ये भी पाया था कि किसी भी हवाई अड्डे के निर्माण/विकास के लिए बाधा सीमा सतह सर्वेक्षण, पूर्वापेक्षित शर्त भी सक्षम प्राधिकारी के समक्ष विचाराधीन है. इसको देखते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इन खामियों को दूर करने से जुड़ी स्टेट्स रिपोर्ट तलब की थी.
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