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विमल नेगी मौत मामले में HPPCL के MD हरिकेश मीणा को राहत, हाईकोर्ट ने दी अग्रिम जमानत - VIMAL NEGI DEATH CASE

हिमाचल प्रदेश में विमल नेगी मौत मामले में एचपीपीसीएल एमडी हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है.

Himachal High Court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : April 8, 2025 at 9:15 AM IST

2 Min Read

शिमला: हिमाचल प्रदेश एचपीपीसीएल में चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत से जुड़े मामले में पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा को अंतरिम अग्रिम जमानत मिल गई है. हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका पर 9 अप्रैल को न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह के समक्ष सुनवाई होगी.

अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप

गौरतलब है कि 10 मार्च को एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर रहे विमल नेगी लापता हो गए थे. जिनका शव 18 मार्च को बिलासपुर स्थित गोबिंद सागर झील में मिला था. नेगी के लापता होने के बाद उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, निदेशक देसराज समेत अन्य उच्च अधिकारियों पर पति को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. पूर्व निदेशक देसराज की हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश पारित कर दिए हैं.

मृतक नेगी की पत्नी के आरोपी

विमल नेगी की पत्नी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए न्यू शिमला पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में आरोपी बनाए गए पूर्व निदेशक देसराज व एमडी हरिकेश मीणा पर विमल नेगी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए हैं. नेगी की पत्नी ने उनके पति पर गलत काम करने के लिए दबाव डाले जाने का आरोप लगाया था. ऐसे में गिरफ्तारी से बचने के लिए एमडी हरिकेश मीणा ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है.

पूर्व सांसद और उनके बेटे को कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व लोकसभा सांसद राजन सुशांत और उनके बेटे धैर्य सुशांत को 5 मई को कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने के आदेश जारी किए हैं. दोनों प्रतिवादियों को अदालत की आपराधिक अवमानना से जुड़े मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया था. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कोर्ट द्वारा स्वतः लिए संज्ञान में दोनों प्रतिवादियों पर लगाए अवमानना के आरोपों को प्रथम दृष्टया संज्ञान योग्य पाते हुए उन्हें 3 सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने के आदेश दिए. प्रतिवादियों पर हाईकोर्ट परिसर से 11 फरवरी को फेसबुक पेज पर लाइव आकर न्यायपालिका की छवि को धूमिल करने का आरोप है.

ये भी पढ़ें: "पावर सेक्टर में चल रहे घोटालों के कारण हुई विमल नेगी की मौत, जाने किसे बचा रही सरकार"

ये भी पढ़ें: विमल नेगी आत्महत्या मामले में ये बोले सीएम सुक्खू, सीबीआई जांच पर कही बड़ी बात

शिमला: हिमाचल प्रदेश एचपीपीसीएल में चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत से जुड़े मामले में पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा को अंतरिम अग्रिम जमानत मिल गई है. हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका पर 9 अप्रैल को न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह के समक्ष सुनवाई होगी.

अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप

गौरतलब है कि 10 मार्च को एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर रहे विमल नेगी लापता हो गए थे. जिनका शव 18 मार्च को बिलासपुर स्थित गोबिंद सागर झील में मिला था. नेगी के लापता होने के बाद उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, निदेशक देसराज समेत अन्य उच्च अधिकारियों पर पति को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. पूर्व निदेशक देसराज की हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश पारित कर दिए हैं.

मृतक नेगी की पत्नी के आरोपी

विमल नेगी की पत्नी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए न्यू शिमला पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में आरोपी बनाए गए पूर्व निदेशक देसराज व एमडी हरिकेश मीणा पर विमल नेगी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए हैं. नेगी की पत्नी ने उनके पति पर गलत काम करने के लिए दबाव डाले जाने का आरोप लगाया था. ऐसे में गिरफ्तारी से बचने के लिए एमडी हरिकेश मीणा ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है.

पूर्व सांसद और उनके बेटे को कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व लोकसभा सांसद राजन सुशांत और उनके बेटे धैर्य सुशांत को 5 मई को कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने के आदेश जारी किए हैं. दोनों प्रतिवादियों को अदालत की आपराधिक अवमानना से जुड़े मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया था. न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कोर्ट द्वारा स्वतः लिए संज्ञान में दोनों प्रतिवादियों पर लगाए अवमानना के आरोपों को प्रथम दृष्टया संज्ञान योग्य पाते हुए उन्हें 3 सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने के आदेश दिए. प्रतिवादियों पर हाईकोर्ट परिसर से 11 फरवरी को फेसबुक पेज पर लाइव आकर न्यायपालिका की छवि को धूमिल करने का आरोप है.

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