शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत से जुड़े मामले में पावर कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी हरिकेश मीणा को मिली अंतरिम राहत 2 मई तक बढ़ा दी है. 7 अप्रैल को हाईकोर्ट ने प्रार्थी मीणा को अंतरिम राहत देते हुए जांच टीम को प्रार्थी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही न करने के आदेश दिए थे.
18 मार्च को मिला था नेगी का शव
न्यायाधीश विरेंदर सिंह के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी ने अनुपूरक स्टेट्स रिपोर्ट पेश की. इसके बाद कोर्ट ने मामले पर विचार के लिए 2 मई को सूचीबद्ध करने के आदेश जारी किए. गौरतलब है कि इस मामले में 10 मार्च से लापता एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर रहे विमल नेगी का 18 मार्च को बिलासपुर स्थित गोविंद सागर झील में शव मिला था.
विमल नेगी के पत्नी के आरोप
विमल नेगी के लापता होने के बाद उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखा था और पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, निदेशक देसराज समेत अन्य उच्च अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. विमल नेगी की पत्नी का कहना था कि इन उच्च अधिकारियों द्वारा उनके पति को प्रताड़ित किया जा रहा था. जिसके बाद नेगी की पत्नी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए न्यू शिमला पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई. जिसमें पूर्व निदेशक देसराज व एमडी हरिकेश मीणा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
सीबीआई जांच की मांग
वहीं, विमल नेगी मौत मामले में परिवार समेत भाजपा भी सरकार से मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही है. भाजपा ने इसके लिए कैंडल मार्च भी निकाला और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विमल नेगी के लिए न्याय की गुहार लगाई. भाजपा ने सुक्खू सरकार पर आरोप लगाया है कि इस मामले में सरकार कुछ लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है.