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हिमाचल हाईकोर्ट ने पशुपालन निदेशक के सेवा विस्तार को किया रद्द, नए सिरे से DPC करवाने के आदेश - HC CANCELLED SERVICE EXTENSION

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा एक अधिकारी को दिए सेवा विस्तार के फैसले को रद्द कर दिया है.

Himachal High Court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : April 2, 2025 at 9:56 AM IST

2 Min Read

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक अधिकारी को दिए गए सेवा विस्तार को लेकर बड़ा फैसला दिया है. प्रदेश हाईकोर्ट ने पशुपालन विभाग के निदेशक प्रदीप कुमार शर्मा को लेकर सरकार की तरफ से लिए गए फैसले को गलत ठहराते हुए सेवा विस्तार को रद्द कर दिया है. प्रदेश सरकार से इसी साल 2 जनवरी को पशुपालन विभाग के निदेशक को सेवा विस्तार दिए जाने की अधिसूचना जारी की थी. इस अधिसूचना के मुताबिक पशुपालन विभाग के निदेशक को छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया था. ऐसे में प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार की ओर से जारी सेवा विस्तार की अधिसूचना को खारिज कर दिया है.

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कहा कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि सेवा विस्तार देते समय नियमों की अवहेलना हुई है. सार्वजनिक हित में सरकार इस तरह के फैसले ले सकती है, लेकिन ये सेवा विस्तार अध्याय 22 में तय नियमों के प्रावधानों के विपरीत नहीं होने चाहिए. सेवा विस्तार से कई अधिकारी पदोन्नति के लाभ लेने से चूक जाते हैं. वहीं, कोर्ट ने प्रतिवादी सरकार और विभाग को नए सिरे से डीपीसी करवाने के आदेश दिए हैं.

हिमाचल हाईकोर्ट में पशुपालन विभाग के निदेशक प्रदीप कुमार शर्मा की पुनर्नियुक्ति को दो याचिकाओं के जरिए विशाल शर्मा और संजीव धीमान ने सेवा विस्तार के फैसले को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि अगर भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार प्रमोशन होता तो विशाल शर्मा निदेशक पद के लिए पात्र होते. याचिका में दलील दी गई थी कि सरकार के व्यक्तिगत संबंधी मामले हैंडबुक में अध्याय 22 में निहित प्रावधानों का पालन करना जरूरी था, लेकिन सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में BPL परिवारों की चयन प्रक्रिया शुरू, इच्छुक परिवार यहां करें आवेदन

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक अधिकारी को दिए गए सेवा विस्तार को लेकर बड़ा फैसला दिया है. प्रदेश हाईकोर्ट ने पशुपालन विभाग के निदेशक प्रदीप कुमार शर्मा को लेकर सरकार की तरफ से लिए गए फैसले को गलत ठहराते हुए सेवा विस्तार को रद्द कर दिया है. प्रदेश सरकार से इसी साल 2 जनवरी को पशुपालन विभाग के निदेशक को सेवा विस्तार दिए जाने की अधिसूचना जारी की थी. इस अधिसूचना के मुताबिक पशुपालन विभाग के निदेशक को छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया था. ऐसे में प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार की ओर से जारी सेवा विस्तार की अधिसूचना को खारिज कर दिया है.

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कहा कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि सेवा विस्तार देते समय नियमों की अवहेलना हुई है. सार्वजनिक हित में सरकार इस तरह के फैसले ले सकती है, लेकिन ये सेवा विस्तार अध्याय 22 में तय नियमों के प्रावधानों के विपरीत नहीं होने चाहिए. सेवा विस्तार से कई अधिकारी पदोन्नति के लाभ लेने से चूक जाते हैं. वहीं, कोर्ट ने प्रतिवादी सरकार और विभाग को नए सिरे से डीपीसी करवाने के आदेश दिए हैं.

हिमाचल हाईकोर्ट में पशुपालन विभाग के निदेशक प्रदीप कुमार शर्मा की पुनर्नियुक्ति को दो याचिकाओं के जरिए विशाल शर्मा और संजीव धीमान ने सेवा विस्तार के फैसले को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि अगर भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार प्रमोशन होता तो विशाल शर्मा निदेशक पद के लिए पात्र होते. याचिका में दलील दी गई थी कि सरकार के व्यक्तिगत संबंधी मामले हैंडबुक में अध्याय 22 में निहित प्रावधानों का पालन करना जरूरी था, लेकिन सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया है.

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