शिमला: हिमाचल में अब शराब का ठेका लेना आसान हो गया है. इसके लिए अब पूरे यूनिट के लिए नहीं बल्कि अब सरकार सिंगल ठेके लिए टेंडर लगाने जा रही है. ऐसे में कोई भी व्यक्ति 50 हजार की अर्नेस्ट मनी के साथ शराब का ठेका लेने के लिए आवेदन कर सकता है. प्रदेश के पांच जिलों में करीब 400 से ज्यादा शराब ठेके के लिए कोई खरीददार नहीं मिला है, जिस कारण ये शराब ठेके बिक्री होने से रह गए हैं.ऐसे में राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने पांच जिलों में सोमवार और मंगलवार को सिंगल शराब ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं. कैबिनेट की बैठक में सिंगल ठेकों की बिक्री के लिए मंजूरी दी जा चुकी है, जिसके बाद विभाग ने सिंगल ठेका बेचने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं.
कैसे आसान हुआ शराब का ठेका खरीदना?
हिमाचल में एक ही ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं. जिसके लिए आवेदन करते समय अर्नेस्ट मनी यानी टेंडर लेते वक्त 50 हजार की सिक्योरिटी के तौर पर जमा करने होंगे. प्रदेश सरकार ने अभी तक बिकने से रह गए 400 ठेकों के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं. ये ठेके आसानी से बिक सके, इसके लिए अब सरकार एक ही ठेके का सिंगल टेंडर कर रही है, ताकि कम पैसे वाले ठेकेदार भी आसानी से टेंडर प्रक्रिया में भाग ले सकें. इससे पहले अभी तक प्रदेश में यूनिट में पांच या इससे भी ज्यादा शराब ठेके एक साथ बेचने का प्रावधान रहता है, जिसके लिए ठेकेदारों को भारी फीस चुकानी पड़ती है. ऐसे में यूनिट में टेंडर लेने के लिए केवल पैसे वाले बहुत बड़े ठेकेदार ही भाग ले पाते हैं, लेकिन सिंगल ठेके के लिए भारी भरकम पैसे की जरूरत नहीं होगी. इसलिए अब कम पैसे वाले ठेकेदारों के लिए भी ठेका खरीदना आसान होगा.
कैसे हुआ शराब का ठेका खरीदना आसान?
हिमाचल में एक ही ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं. जिसके लिए आवेदन करते समय अर्नेस्ट मनी यानी टेंडर लेते वक्त 50 हजार की सिक्योरिटी के तौर पर जमा करने होंगे. प्रदेश सरकार ने अभी तक बिकने से रह गए 400 ठेकों के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं. ये ठेके आसानी से बिक सके, इसके लिए अब सरकार एक ही ठेके का सिंगल टेंडर कर रही है, ताकि कम पैसे वाले ठेकेदार भी आसानी से टेंडर प्रक्रिया में भाग ले सकें. इससे पहले अभी तक प्रदेश में यूनिट में पांच या इससे भी ज्यादा शराब ठेके एक साथ बेचने का प्रावधान रहता है, जिसके लिए ठेकेदारों को भारी फीस चुकानी पड़ती है. ऐसे में यूनिट में टेंडर लेने के लिए केवल पैसे वाले बहुत बड़े ठेकेदार ही भाग ले पाते हैं, लेकिन सिंगल ठेके के लिए भारी भरकम पैसे की जरूरत नहीं होगी. इसलिए अब कम पैसे वाले ठेकेदारों के लिए भी ठेका खरीदना आसान होगा.
किस जिला में कितने ठेकों के लिए लगेगा टेंडर
प्रदेश में पांच जिलों में यूनिट में ठेकों की बिक्री नहीं हुई है. ऐसे में अब विभाग बिक्री के सिंगल ही ठेके के लिए टेंडर लगाने जा रहा है, जिसमें शिमला जिला में 133 शराब ठेकों के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे. इसी तरह से मंडी जिला में 134 शराब के ठेकों की बिक्री नहीं हुई है. इसके लिए भी शराब के ठेके के लिए टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं. वहीं, कांगड़ा जिला में 102 शराब के ठेकों, बिलासपुर में 16 शराब ठेकों की बिक्री कुल्लू और लाहुल स्पीति में 76 शराब ठेकों के बिक्री के लिए टेंडर लगाए जा रहे हैं.
2850 करोड़ का टारगेट
प्रदेश के राजस्व में शराब के ठेकों की बिक्री का भी बड़ा योगदान है. इसके लिए प्रदेश में हर नए वित्त वर्ष के लिए शराब के ठेकों की नीलामी की जाती है. पिछले वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार को शराब के ठेकों की नीलामी से 2600 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है, जिसको देखते इस बार सरकार ने शराब के ठेकों की नीलामी से 2850 करोड़ का लक्ष्य रखा है.
ये भी पढ़ें: हिमाचल में अब MRP पर बिकेगी शराब, सरकार ने ठेके नीलामी से रखा 2850 करोड़ आय का लक्ष्य