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नशे के खिलाफ सरकार लेने जा रही ये बड़ा एक्शन, बजट भाषण में सीएम सुक्खू ने कही ये बात - HIMACHAL BUDGET 2025

मेडिकल कॉलेज टांडा में ड्रग डी एडिक्शन और रिहेब नोडल केंद्र स्थापित किया जाएगा. चरणबद्ध तरीके से इन केंद्रों का राज्यव्यापी विस्तारीकरण किया जाएगा.

नशे के खिलाफ बनेगी एंटी टास्क फोर्स
नशे के खिलाफ बनेगी एंटी टास्क फोर्स (कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 17, 2025 at 6:08 PM IST

Updated : March 17, 2025 at 6:47 PM IST

3 Min Read

शिमला: हिमाचल प्रदेश में नशे की समस्या की बढ़ती जा रही है. कई युवा नशे के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. नशा तस्करों युवाओं को निशाना बना रहे हैं. अब सरकार इन नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए तैयार है. सरकार ने बढ़ती नशे की समस्या के खिलाफ गंभीर हो गई है.

अपने बजट भाषण के दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'कानून एवं व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है. HP Anti Drug Act के प्रावधानों के माध्यम से वर्तमान समय में नशे से जूझ रहे लोगों के लिए Punitive Measures के स्थान पर पुर्नवास पर जोर दिया जाएगा, ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके. नशीली दवाओं के दुरूपयोग और तस्करी करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा. मैं 2025 2026 में Special Task Force (STF) बनाने की घोषणा करता हूं, जिसके माध्यम से प्रदेश सरकार नशीले पदार्थों की तस्करी से सम्बन्धित गतिविधियों पर विराम लगाने के लिए काम करेगी. संगठित अपराध सिण्डिकेट या गिरोह की गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम और नियन्त्रण और उनसे निपटने के लिए विशेष प्रावधान के तहत एक अधिनियम "Himachal Pradesh Prevention of Continuing Unlawful Activity and Control of Organized Crime Act, 2025" लाया जाएगा.'

पुनर्वास के लिए बनेगा एक्शन प्लान

सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'सरकार नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए Drug Dependence Prevention, De-addiction, and Rehabilitation Board का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में करेगी. सरकार PGIMER चंडीगढ़ और AIIMS नई दिल्ली के परामर्श से नशीली दवाओं के दुरुपयोग और पुनर्वास के लिए एक एक्शन प्लान विकसित करेगी.' Action Plan का महत्वपूर्ण हिस्सा राज्य-व्यापी जागरूकता और समुदायिक लामबंदी अभियान होगा, जिसमें पंचायतों, धार्मिक/सांस्कृतिक संगठनों, संगठनों, युवा क्लबों, एनसीसी, एनएसएस, शिक्षकों, महिलाओं के समूहों और NGO सहित सभी हितधारकों को शामिल किया जाएगा. इस में स्थानीय चैंपियन (खिलाड़ी, प्रभावशाली व्यक्ति, युवा आइकन और अन्य) शामिल किए जाएंगे. सामुदायिक रेडियो, स्थानीय प्रेस, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया और Public Events का भी इस्तेमाल किया जाएगा.'

टांडा मेडिकल कॉलेज में खुलेगा ड्रग डि- एडिक्शन रिहेब नोडल केंद्र

मेडिकल कॉलेज, टांडा में एक Drug De-addiction and Rehabilitation नोडल केन्द्र स्थापित किया जाएगा और चरणबद्ध तरीके से इन केंद्रों का राज्य-व्यापी विस्तारीकरण किया जाएगा. सिरमौर जिले में एक Drug De-addiction and Rehabilitation केंद्र चालू किया जाएगा. क्षेत्रीय/जिला/मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में आवश्यकता के अनुसार डि-एडिक्शन बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी. डि-एडिक्शन देखभाल में विशेषज्ञता की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टरों, नर्सों, सीएचओ और अन्य प्रदाताओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. Psychiatrist, Clinical Psychologists और Psychiatric Social Worker के पदों को भरने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त मनोचिकित्सा में PG सीटों को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: सीएम सुक्खू ने बजट में कर्मचारियों को दी ये सौगात, आंगनवाड़ी वर्कर्स से लेकर MTS का इतना बढ़ा मानदेय

ये भी पढ़ें: सीएम सुक्खू ने पेश किया इतने करोड़ का बजट, 100 रुपये में से सैलरी-पेंशन और अन्य चीजों पर होगा इतना खर्च

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ये भी पढ़ें: हिमाचल बजट: गाय-भैंस के दूध पर बढ़ाया इतना MSP, इस जिले में मसाला पार्क बनाने की घोषणा

शिमला: हिमाचल प्रदेश में नशे की समस्या की बढ़ती जा रही है. कई युवा नशे के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. नशा तस्करों युवाओं को निशाना बना रहे हैं. अब सरकार इन नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए तैयार है. सरकार ने बढ़ती नशे की समस्या के खिलाफ गंभीर हो गई है.

अपने बजट भाषण के दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'कानून एवं व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है. HP Anti Drug Act के प्रावधानों के माध्यम से वर्तमान समय में नशे से जूझ रहे लोगों के लिए Punitive Measures के स्थान पर पुर्नवास पर जोर दिया जाएगा, ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके. नशीली दवाओं के दुरूपयोग और तस्करी करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा. मैं 2025 2026 में Special Task Force (STF) बनाने की घोषणा करता हूं, जिसके माध्यम से प्रदेश सरकार नशीले पदार्थों की तस्करी से सम्बन्धित गतिविधियों पर विराम लगाने के लिए काम करेगी. संगठित अपराध सिण्डिकेट या गिरोह की गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम और नियन्त्रण और उनसे निपटने के लिए विशेष प्रावधान के तहत एक अधिनियम "Himachal Pradesh Prevention of Continuing Unlawful Activity and Control of Organized Crime Act, 2025" लाया जाएगा.'

पुनर्वास के लिए बनेगा एक्शन प्लान

सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'सरकार नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए Drug Dependence Prevention, De-addiction, and Rehabilitation Board का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में करेगी. सरकार PGIMER चंडीगढ़ और AIIMS नई दिल्ली के परामर्श से नशीली दवाओं के दुरुपयोग और पुनर्वास के लिए एक एक्शन प्लान विकसित करेगी.' Action Plan का महत्वपूर्ण हिस्सा राज्य-व्यापी जागरूकता और समुदायिक लामबंदी अभियान होगा, जिसमें पंचायतों, धार्मिक/सांस्कृतिक संगठनों, संगठनों, युवा क्लबों, एनसीसी, एनएसएस, शिक्षकों, महिलाओं के समूहों और NGO सहित सभी हितधारकों को शामिल किया जाएगा. इस में स्थानीय चैंपियन (खिलाड़ी, प्रभावशाली व्यक्ति, युवा आइकन और अन्य) शामिल किए जाएंगे. सामुदायिक रेडियो, स्थानीय प्रेस, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया और Public Events का भी इस्तेमाल किया जाएगा.'

टांडा मेडिकल कॉलेज में खुलेगा ड्रग डि- एडिक्शन रिहेब नोडल केंद्र

मेडिकल कॉलेज, टांडा में एक Drug De-addiction and Rehabilitation नोडल केन्द्र स्थापित किया जाएगा और चरणबद्ध तरीके से इन केंद्रों का राज्य-व्यापी विस्तारीकरण किया जाएगा. सिरमौर जिले में एक Drug De-addiction and Rehabilitation केंद्र चालू किया जाएगा. क्षेत्रीय/जिला/मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में आवश्यकता के अनुसार डि-एडिक्शन बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी. डि-एडिक्शन देखभाल में विशेषज्ञता की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टरों, नर्सों, सीएचओ और अन्य प्रदाताओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. Psychiatrist, Clinical Psychologists और Psychiatric Social Worker के पदों को भरने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त मनोचिकित्सा में PG सीटों को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे.

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Last Updated : March 17, 2025 at 6:47 PM IST
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