शिमला: हिमाचल प्रदेश में नशे की समस्या की बढ़ती जा रही है. कई युवा नशे के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. नशा तस्करों युवाओं को निशाना बना रहे हैं. अब सरकार इन नशा तस्करों पर नकेल कसने के लिए तैयार है. सरकार ने बढ़ती नशे की समस्या के खिलाफ गंभीर हो गई है.
अपने बजट भाषण के दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'कानून एवं व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए हमारी सरकार प्रयासरत है. HP Anti Drug Act के प्रावधानों के माध्यम से वर्तमान समय में नशे से जूझ रहे लोगों के लिए Punitive Measures के स्थान पर पुर्नवास पर जोर दिया जाएगा, ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके. नशीली दवाओं के दुरूपयोग और तस्करी करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा. मैं 2025 2026 में Special Task Force (STF) बनाने की घोषणा करता हूं, जिसके माध्यम से प्रदेश सरकार नशीले पदार्थों की तस्करी से सम्बन्धित गतिविधियों पर विराम लगाने के लिए काम करेगी. संगठित अपराध सिण्डिकेट या गिरोह की गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम और नियन्त्रण और उनसे निपटने के लिए विशेष प्रावधान के तहत एक अधिनियम "Himachal Pradesh Prevention of Continuing Unlawful Activity and Control of Organized Crime Act, 2025" लाया जाएगा.'
हमारी सरकार नशा तस्करों से निपटने के लिए STF का गठन करने जा रही है।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) March 17, 2025
हम युवाओं को सुनहरा भविष्य देने और नशा तस्करों को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। pic.twitter.com/7oLhjlLw2T
पुनर्वास के लिए बनेगा एक्शन प्लान
सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'सरकार नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए Drug Dependence Prevention, De-addiction, and Rehabilitation Board का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में करेगी. सरकार PGIMER चंडीगढ़ और AIIMS नई दिल्ली के परामर्श से नशीली दवाओं के दुरुपयोग और पुनर्वास के लिए एक एक्शन प्लान विकसित करेगी.' Action Plan का महत्वपूर्ण हिस्सा राज्य-व्यापी जागरूकता और समुदायिक लामबंदी अभियान होगा, जिसमें पंचायतों, धार्मिक/सांस्कृतिक संगठनों, संगठनों, युवा क्लबों, एनसीसी, एनएसएस, शिक्षकों, महिलाओं के समूहों और NGO सहित सभी हितधारकों को शामिल किया जाएगा. इस में स्थानीय चैंपियन (खिलाड़ी, प्रभावशाली व्यक्ति, युवा आइकन और अन्य) शामिल किए जाएंगे. सामुदायिक रेडियो, स्थानीय प्रेस, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया और Public Events का भी इस्तेमाल किया जाएगा.'
हम नशा तस्करों से निपटने के लिए STF का गठन करने जा रहे हैं और नशे में लिप्त लोगों के पुनर्वास के लिए कार्य कर रहे हैं।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) March 17, 2025
संगठित अपराध या किसी गिरोह द्वारा की जाने वाली गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम के लिए 'विशेष अधिनियम 2025' इस सदन में पेश किया जाएगा। pic.twitter.com/aCPx0WgV4N
टांडा मेडिकल कॉलेज में खुलेगा ड्रग डि- एडिक्शन रिहेब नोडल केंद्र
मेडिकल कॉलेज, टांडा में एक Drug De-addiction and Rehabilitation नोडल केन्द्र स्थापित किया जाएगा और चरणबद्ध तरीके से इन केंद्रों का राज्य-व्यापी विस्तारीकरण किया जाएगा. सिरमौर जिले में एक Drug De-addiction and Rehabilitation केंद्र चालू किया जाएगा. क्षेत्रीय/जिला/मेडिकल कॉलेजों/अस्पतालों में आवश्यकता के अनुसार डि-एडिक्शन बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी. डि-एडिक्शन देखभाल में विशेषज्ञता की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टरों, नर्सों, सीएचओ और अन्य प्रदाताओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. Psychiatrist, Clinical Psychologists और Psychiatric Social Worker के पदों को भरने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त मनोचिकित्सा में PG सीटों को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे.