ETV Bharat / state

भूमि अधिग्रहण का 4 गुना मुआवजा देने की स्थिति में नहीं हिमाचल, फैक्टर-2 लागू करने पर ये बोले मंत्री - JAGAT SINGH NEGI ON FACTOR 2

हिमाचल फैक्टर टू लागू करने की स्थिति में नहीं है. ये बात राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कही है.

भूमि अधिग्रहण इस आर्थिक हालात में फैक्टर-2 को लागू नहीं किया जा सकता-जगत सिंह नेगी का 4 गुना मुआवजा देने की स्थिति में नहीं हिमाचल
इस आर्थिक हालात में फैक्टर-2 को लागू नहीं किया जा सकता-जगत सिंह नेगी (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : June 3, 2025 at 7:45 PM IST

3 Min Read

शिमला: हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना प्रभावितों को चार गुना मुआवजा मिलने का रास्ता साफ हुआ है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2015 को जारी फैक्टर 1 की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सुशील कुकरेजा की अदालत ने बीती 22 मई को इस संदर्भ में फैसला सुनाते हुए आदेश जारी कर दिए हैं.

केशव राम और कर्म चंद व अन्य बनाम प्रदेश सरकार के मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किए गए थे. हिमाचल प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के लिए चार गुना मुआवजा देने के मामले में सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि 'हिमाचल में फैक्टर-2 बीजेपी की डबल इंजन की सरकार के समय भी लागू नहीं हुआ था. सरकार चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस की इस आर्थिक हालात में फैक्टर-2 को लागू नहीं किया जा सकता. फैक्टर-1 में बहुत सारी चीजें मिलाकर फोरलेन और अन्य योजनाओं के अधिग्रहण के लिए दिया जा रहा है. सारी परिस्थितियों को ही देखकर कानून लागू किया जाता है. कांग्रेस की सिंगल इंजन की सरकार में ये संभव नहीं हो पाएगा कि फैक्टर-2 को लागू कर पाएं.'

इस आर्थिक हालात में फैक्टर-2 को लागू नहीं किया जा सकता-जगत सिंह नेगी (ETV Bharat)

'प्रदेश सरकार पर नहीं होगा असर'

वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के बयान पर फोरलेन संघर्ष समिति के संरक्षक रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि 'भूमि अधिग्रहण के लिए चार गुना मुआवजा न देने का फैसला गलत है. फैक्टर-2 लागू करने से हिमाचल की आर्थिक स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. ज्यादातर प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के हैं और उसका पैसा भी केंद्र देगा. भूमि अधिग्रहण का कानून यूपीए सरकार ने 2013 में लागू किया था. कांग्रेस सरकार ने 2022 के चुनाव में फैक्टर-2 लागू करने का वादा किया था. कोर्ट ने 2015 की नोटिफिकेशन को रद्द करने का फैसला वर्तमान कांग्रेस सरकार में दिया है. फेक्टर-2 के मुद्दे को सिंगल इंजन या डबल इंजन से नहीं जोड़ना चाहिए.'

क्या है फैक्टर-1 और 2

वर्ष 2013 में भारत सरकार द्वारा नया भूमि अधिग्रहण कानून देशभर में लागू किया गया. इसमें प्रावधान है कि शहरी क्षेत्रों में फैक्टर 1 के तहत दो गुना जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में फेक्टर 2 के तहत चार गुना मुआवजा दिया जाएगा. फैक्टर 1 के तहत प्रदेश में जो भी परियोजनाएं केंद्र व प्रदेश सरकार की बनी हैं. उसके लिए जो भी जमीन अधिग्रहित की गई, उसके प्रभावितों को सिर्फ दो गुना ही मुआवजा दिया गया है.

ये भी पढ़ें: स्कूल में भारत का गजब का नक्शा, राजधानी दिल्ली समेत कई राज्य गायब, बीजेपी विधायक ने पकड़ी चूक

शिमला: हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में परियोजना प्रभावितों को चार गुना मुआवजा मिलने का रास्ता साफ हुआ है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2015 को जारी फैक्टर 1 की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सुशील कुकरेजा की अदालत ने बीती 22 मई को इस संदर्भ में फैसला सुनाते हुए आदेश जारी कर दिए हैं.

केशव राम और कर्म चंद व अन्य बनाम प्रदेश सरकार के मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किए गए थे. हिमाचल प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के लिए चार गुना मुआवजा देने के मामले में सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि 'हिमाचल में फैक्टर-2 बीजेपी की डबल इंजन की सरकार के समय भी लागू नहीं हुआ था. सरकार चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस की इस आर्थिक हालात में फैक्टर-2 को लागू नहीं किया जा सकता. फैक्टर-1 में बहुत सारी चीजें मिलाकर फोरलेन और अन्य योजनाओं के अधिग्रहण के लिए दिया जा रहा है. सारी परिस्थितियों को ही देखकर कानून लागू किया जाता है. कांग्रेस की सिंगल इंजन की सरकार में ये संभव नहीं हो पाएगा कि फैक्टर-2 को लागू कर पाएं.'

इस आर्थिक हालात में फैक्टर-2 को लागू नहीं किया जा सकता-जगत सिंह नेगी (ETV Bharat)

'प्रदेश सरकार पर नहीं होगा असर'

वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के बयान पर फोरलेन संघर्ष समिति के संरक्षक रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि 'भूमि अधिग्रहण के लिए चार गुना मुआवजा न देने का फैसला गलत है. फैक्टर-2 लागू करने से हिमाचल की आर्थिक स्थिति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. ज्यादातर प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के हैं और उसका पैसा भी केंद्र देगा. भूमि अधिग्रहण का कानून यूपीए सरकार ने 2013 में लागू किया था. कांग्रेस सरकार ने 2022 के चुनाव में फैक्टर-2 लागू करने का वादा किया था. कोर्ट ने 2015 की नोटिफिकेशन को रद्द करने का फैसला वर्तमान कांग्रेस सरकार में दिया है. फेक्टर-2 के मुद्दे को सिंगल इंजन या डबल इंजन से नहीं जोड़ना चाहिए.'

क्या है फैक्टर-1 और 2

वर्ष 2013 में भारत सरकार द्वारा नया भूमि अधिग्रहण कानून देशभर में लागू किया गया. इसमें प्रावधान है कि शहरी क्षेत्रों में फैक्टर 1 के तहत दो गुना जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में फेक्टर 2 के तहत चार गुना मुआवजा दिया जाएगा. फैक्टर 1 के तहत प्रदेश में जो भी परियोजनाएं केंद्र व प्रदेश सरकार की बनी हैं. उसके लिए जो भी जमीन अधिग्रहित की गई, उसके प्रभावितों को सिर्फ दो गुना ही मुआवजा दिया गया है.

ये भी पढ़ें: स्कूल में भारत का गजब का नक्शा, राजधानी दिल्ली समेत कई राज्य गायब, बीजेपी विधायक ने पकड़ी चूक

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.