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28 अक्टूबर को आएगी सैलरी और पेंशन...4 फीसदी DA भी मिलेगा, कर्मचारियों ने कही ये बात

इस बार 28 अक्टूबर को सरकारी कर्मचारियों को सैलरी और 4 फीसदी डीए की खुशखबरी मिलेगी. कर्मचारियों ने इसका स्वागत किया है.

28 अक्टूबर को मिलेगी खुशखबरी
28 अक्टूबर को मिलेगी खुशखबरी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 11, 2024, 7:39 PM IST

शिमला: हिमाचल में अक्टूबर महीने के त्योहारी सीजन में लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के घर पर धनलक्ष्मी की कृपा बरसने वाली है. प्रदेश के 1.80 लाख सरकारी कर्मचारियों और 1.70 लाख पेंशनर्स को दीवाली से तीन दिन पहले मोबाइल फोन पर सुख का संदेश मिलेगा. प्रदेश की सुक्खू सरकार ने लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की दीवाली में मिठास घोलने के लिए नवंबर महीने में मिलने वाली सैलरी और पेंशन को चार दिन पहले यानी 28 अक्टूबर को खाते में डालने का फैसला किया है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को सचिवालय में पत्रकार वार्ता के दौरान ये ऐलान किया. ऐसे में इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की दीवाली रोशन होने वाली है. पिछले लंबे समय सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स डीएम की मांग को लेकर अड़े हुए थे. सचिवालय में इसे लेकर प्रदर्शन भी हुआ था. इस दौरान सचिवालय कर्मचारियों और एक कैबिनेट मंत्री के बीच खूब जुबानी जंग हुई थी.

अनुशासन में रहकर वित्तिय सेहत ठीक करेंगे: सुक्खू (ETV BHARAT)

4 फीसदी डीए भी मिलेगा

हिमाचल में 3.50 लाख से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए सुख की एक और खबर हैं. प्रदेश की सुक्खू सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 1 जनवरी 2023 से देय 4 फीसदी डीए की किश्त देने की भी घोषणा की है. ऐसे में त्योहार सीजन में कर्मचारियों के लिए ये दोहरी राहत मिली है. प्रदेश भर में कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से डीए की किश्त जारी करने के लिए संघर्ष कर रहे थे. डीए की किश्त जारी करने से सरकारी खजाने पर करीब 600 करोड़ का बोझ पड़ेगा.

मेडिकल बिलों की पेडेंसी भी होगी खत्म

हिमाचल में लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के मेडिकल बिलों की पेडेंसी भी अब खत्म होने वाली है. सीएम सुक्खू ने कहा कि मेडिकल की जो भी बिल लंबित है, उन्हें तुरंत प्रभाव से दे दिए जाने का ऐलान किया है. इसी तरह से 75 साल या इससे अधिक आयु वर्ग के पेंशनर्स को पूरे एरियर का भुगतान किया जाएगा. सीएम सुक्खू ने इसकी भी घोषणा की है.

अन्य मांगों का भी जल्द हो समाधान

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा का कहना है कि, 'मुख्यमंत्री ने 28 अक्टूबर को सैलरी और पेंशन डालने और डीए की 4 फीसदी किश्त जारी करने का ऐलान किया है. इसका हम स्वागत करते हैं. कर्मचारियों को 1 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2024 तक के डीए का एरियर सहित 2016 से 2022 तक के स्केल एरियर का भी जल्द भुगतान करना चाहिए. कर्मचारियों के और भी कई मसले हैं, उनके समाधान के लिए जल्द वार्ता बुलानी चाहिए. वहीं कर्मचारियों पर लाए गए प्रिविलेज मोशन और जारी किए गए नोटिस को भी वापस लिया जाना चाहिए.'

अनुशासन में रहकर आगे बढ़ाना है

वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा है कि, 'पिछले दिनों विधानसभा का सत्र था, जिसमें हमने स्टेटमेंट पढ़ी. उसके मुताबिक जो हमारी कर्मचारियों की सैलरी कैश फ्लो के कारण मिस मैनेजमेंट हुई थी. उसको हमने रेगुलेट किया था. हमारी वित्तीय स्थिति अच्छी है, लेकिन हम अनुशासन में रहकर वित्तीय सेहत को और ठीक करना चाहते हैं. इसलिए कई सालों से 3 करोड़ सैलरी और पेंशन के ब्याज के रूप में जाता रहा. उसको ठीक करने के बाद हमने कुछ समय के लिए सैलरी और पेंशन को दो से चार दिन डिले करने का प्रावधान किया. हमने सिंबोलिक तौर पर खुद भी सैलरी नहीं लेने का निर्णय लिया, ताकि वित्तीय अनुशासन में आगे बढ़ा जा सके. हम सत्ता का सुख भोगने के लिए नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं.'

ये भी पढ़ें: जल शक्ति विभाग के 50 आउटसोर्स कर्मियों को दिखाया बाहर का रास्ता, कर्मचारियों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

शिमला: हिमाचल में अक्टूबर महीने के त्योहारी सीजन में लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के घर पर धनलक्ष्मी की कृपा बरसने वाली है. प्रदेश के 1.80 लाख सरकारी कर्मचारियों और 1.70 लाख पेंशनर्स को दीवाली से तीन दिन पहले मोबाइल फोन पर सुख का संदेश मिलेगा. प्रदेश की सुक्खू सरकार ने लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की दीवाली में मिठास घोलने के लिए नवंबर महीने में मिलने वाली सैलरी और पेंशन को चार दिन पहले यानी 28 अक्टूबर को खाते में डालने का फैसला किया है.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को सचिवालय में पत्रकार वार्ता के दौरान ये ऐलान किया. ऐसे में इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की दीवाली रोशन होने वाली है. पिछले लंबे समय सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स डीएम की मांग को लेकर अड़े हुए थे. सचिवालय में इसे लेकर प्रदर्शन भी हुआ था. इस दौरान सचिवालय कर्मचारियों और एक कैबिनेट मंत्री के बीच खूब जुबानी जंग हुई थी.

अनुशासन में रहकर वित्तिय सेहत ठीक करेंगे: सुक्खू (ETV BHARAT)

4 फीसदी डीए भी मिलेगा

हिमाचल में 3.50 लाख से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए सुख की एक और खबर हैं. प्रदेश की सुक्खू सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 1 जनवरी 2023 से देय 4 फीसदी डीए की किश्त देने की भी घोषणा की है. ऐसे में त्योहार सीजन में कर्मचारियों के लिए ये दोहरी राहत मिली है. प्रदेश भर में कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से डीए की किश्त जारी करने के लिए संघर्ष कर रहे थे. डीए की किश्त जारी करने से सरकारी खजाने पर करीब 600 करोड़ का बोझ पड़ेगा.

मेडिकल बिलों की पेडेंसी भी होगी खत्म

हिमाचल में लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के मेडिकल बिलों की पेडेंसी भी अब खत्म होने वाली है. सीएम सुक्खू ने कहा कि मेडिकल की जो भी बिल लंबित है, उन्हें तुरंत प्रभाव से दे दिए जाने का ऐलान किया है. इसी तरह से 75 साल या इससे अधिक आयु वर्ग के पेंशनर्स को पूरे एरियर का भुगतान किया जाएगा. सीएम सुक्खू ने इसकी भी घोषणा की है.

अन्य मांगों का भी जल्द हो समाधान

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा का कहना है कि, 'मुख्यमंत्री ने 28 अक्टूबर को सैलरी और पेंशन डालने और डीए की 4 फीसदी किश्त जारी करने का ऐलान किया है. इसका हम स्वागत करते हैं. कर्मचारियों को 1 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2024 तक के डीए का एरियर सहित 2016 से 2022 तक के स्केल एरियर का भी जल्द भुगतान करना चाहिए. कर्मचारियों के और भी कई मसले हैं, उनके समाधान के लिए जल्द वार्ता बुलानी चाहिए. वहीं कर्मचारियों पर लाए गए प्रिविलेज मोशन और जारी किए गए नोटिस को भी वापस लिया जाना चाहिए.'

अनुशासन में रहकर आगे बढ़ाना है

वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा है कि, 'पिछले दिनों विधानसभा का सत्र था, जिसमें हमने स्टेटमेंट पढ़ी. उसके मुताबिक जो हमारी कर्मचारियों की सैलरी कैश फ्लो के कारण मिस मैनेजमेंट हुई थी. उसको हमने रेगुलेट किया था. हमारी वित्तीय स्थिति अच्छी है, लेकिन हम अनुशासन में रहकर वित्तीय सेहत को और ठीक करना चाहते हैं. इसलिए कई सालों से 3 करोड़ सैलरी और पेंशन के ब्याज के रूप में जाता रहा. उसको ठीक करने के बाद हमने कुछ समय के लिए सैलरी और पेंशन को दो से चार दिन डिले करने का प्रावधान किया. हमने सिंबोलिक तौर पर खुद भी सैलरी नहीं लेने का निर्णय लिया, ताकि वित्तीय अनुशासन में आगे बढ़ा जा सके. हम सत्ता का सुख भोगने के लिए नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं.'

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