सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा विनोद कुमार वरिष्ठ सदस्य हैं, लेकिन वे सदन में पढ़कर नहीं आते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे तथ्य पर बात करें. मुख्यमंत्री की चर्चा में विपक्ष ने किया शोर शराबा शुरू किया. सदन में विपक्ष की नारेबाजी शुरू कर दी. एक ओर मुख्यमंत्री चर्चा पर जवाब दे रहे हैं और दूसरी ओर विपक्ष की नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गया. वहीं, विपक्ष के प्रोटेस्ट को रिकॉर्ड करने से अध्यक्ष ने इनकार कर दिया.
Himachal Budget: मुख्यमंत्री की चर्चा के दौरान विपक्ष ने किया हंगामा, भाजपा का सदन से वॉकआउट - HIMACHAL BUDGET 2025


By ETV Bharat Himachal Pradesh Team
Published : March 21, 2025 at 11:11 AM IST
|Updated : March 21, 2025 at 2:43 PM IST
हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र जारी है. आज बजट अनुमान पर चौथे दिन चर्चा का समापन होगा. आज सदन में नए संस्थान खोलने समेत कई सवाल गूंजेंगे.
LIVE FEED
भाजपा का सदन से वॉकआउट
'ये बजह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को करेगा मजबूत'
सत्ता पक्ष की तरफ से केवल सिंह पठानिया ने कहा ये पक्ष ऐतिहासिक है. ये बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था का है, जिसमें किसानों और बागवानों के हित की बात हुई है. दूध के दाम में बढ़ोतरी की गई है. प्राकृतिक खेती से पैदा होने वाली मक्की और गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है. जिससे ग्रामीणों की जेब में पैसा जाएगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. जिसके बाद भाषण के बीच सदन में शोर शराबा शुरू हो गया.
'सुक्खू सरकार ने लिया 30 हजार करोड़ का लोन'
विपक्ष की तरफ से सुखराम चौधरी ने चर्चा में भाग लिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने दो साल में 30 हजार करोड़ का लोन ले लिया है. वहीं, वर्ष 2012 से 2017 तक वीरभद्र सिंह की सरकार ने 24 हजार करोड़ का लोन लिया था. वहीं, पूर्व की जयराम सरकार ने 2017 से 2022 तक 27 हजार करोड़ का लोन लिया था. अब तो दो साल में ही लोन 30 हजार करोड़ का लिया गया है, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में कोई विकास नजर नहीं आ रहा हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बाहर से आए प्रभारियों ने हिमाचल में लोगों को 10 गारंटियों दी थी, जो अब सरकार के गले का फांस बन गई है. उन्होंने कहा कि आज बिजली बोर्ड के कर्मचारियों पर काम का बहुत दबाव है. 1990 के दशक में बिजली बोर्ड में 40 हजार कर्मचारी थे और उपभोक्ता 9 लाख थे, लेकिन आज 26 लाख उपभोक्ता हैं और कर्मचारियों की संख्या 11 हजार रह गई है. काम का दबाव होने की वजह से इस साल युवा कर्मचारियों की मौत हो गई. वहीं, दो सालों में काम के दबाव में 25 से 30 कर्मचारी अपनी जान गवा चुके हैं, इसलिए सरकार फील्ड स्टाफ की भर्ती करे.
सतपाल सत्ती ने सुक्खू सरकार पर कसा तंज
बीजेपी विधायक सतपाल सत्ती ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी गलती छुपाने के लिए पूर्व सरकार और केंद्र सरकार को दोष देते हैं, जो गलत है. लोन लेने की प्रथा को 1993 से हर सरकार ने आगे बढ़ाया. मुख्यमंत्री को अपनी ताकत को लेकर लड़ाई लड़नी चाहिए. हिमाचल को औद्योगिक पैकेज की देन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है. मोदी सरकार ने हिमाचल को बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और फोरलेन दिए हैं. जिससे हिमाचल के लोगों को रोजगार मिला है.
हिमकेयर योजना को लेकर सतपाल सत्ती ने सुक्खू सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम सुख केयर रख लो पर योजना को चालू तो रखा करो. सत्ती ने भ्रष्टाचार को लेकर हिमाचल में बाहरी राज्यों से आए अधिकारियों को भी घेरा. उन्होंने कहा कि यहां से अटैचियां बाहर जा रही हैं. ऐसे अधिकारियों की संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए.
जिसके बाद चर्चा में सत्ता पक्ष की तरफ से अजय सोलंकी ने भाग लिया. उन्होंने कहा कि बजट गरीब महिलाएं, किसान, बागवान, युवा और कर्मचारियों का ध्यान रखा गया है. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की और गेहूं का सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है. उन्होंने सरकार को सुझाव भी दिया कि प्राकृतिक खेती से अच्छा उत्पादन हो, इसके लिए गांव-गांव में जाकर किसानों को भी जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि हिमाचल में शिक्षा के क्षेत्र अभूतपूर्व विकास हुआ है. बजट में आखिरी व्यक्ति के बारे में सोचा गया है.
'हिमाचल प्रदेश रेवेन्यू डेफिसिट स्टेट है'
लंच के बाद बजट अनुमान पर फिर से चर्चा शुरू हो गई. सत्ता पक्ष से आरएस बाली बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश रेवेन्यू डेफिसिट स्टेट है, यहां आय कम और खर्चा अधिक है. हमारे पास मिनरल नहीं है. उन्होंने केंद्र सरकार को घेरा. बाली ने कहा कि केंद्र हर राज्य को ग्रांट देती है, ग्रांट देना अहसान नहीं एक जिम्मेवारी है. उसका निर्वहन केंद्र की हर सरकार करती है. चाहे वह किसी भी दल की सरकार रही हो. उन्होंने कहा आज हमारे साथ केंद्र ने फंडिंग को लेकर सौतेला व्यवहार किया है. अब विपक्ष की तरफ से सतपाल सत्ती चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं.
बजट का 57 फीसदी पैसा सैलरी, पेंशन और लोन चुकाने पर हो रहा खर्च: अनिल शर्मा
हिमाचल विधानसभा में बजट अनुमान चर्चा के दौरान भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि ये जो प्रदेश सरकार ने जो 58,514 करोड़ का बजट पेश किया गया है, ये आय और व्यय का लेखा जोखा होता है. उन्होंने कहा कि आज 57 फीसदी पैसा सैलरी, पेंशन और लोन चुकाने पर खर्च हो रहा है. जो वर्तमान में चिंता का विषय है. उन्होंने शराब के ठेकों की नीलामी को लेकर भी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि सरकार शराब के ठेकों की नीलामी से आय की बात करती है, लेकिन मंडी जिले में शराब के ठेकों की नीलामी से आय में एक फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अनिल शर्मा ने कहा कि सदन में पेश किए गए इतने बड़े बजट में विकास के लिए केवल 7 हजार करोड़ हैं.
हिमाचल में डैम और नदी-नालों में खतरनाक जगहें होंगी चिन्हित: डिप्टी सीएम
वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने जीरो आवर्स में सिराज विधानसभा ने दो बच्चों के पानी में डूबने से हुई मौत का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि अब गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है. इस दौरान डैम या नदी-नालों में साफ सुथरा और नीला पानी देखकर पर्यटक और अन्य लोग रास्ता तलाशते हुए इन स्थानों में पहुंचते हैं. ऐसे सभी पॉइंट को चिन्हित किया जाए.
इस दौरान डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हिमाचल में डैम और नदी-नालों में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ऐसे स्थानों को चिन्हित करेगी, ताकि आने वाले गर्मियों के सीजन में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके. इसके लिए सरकार उचित कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि ब्यास नदी में इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती हैं.
बजट अनुमान पर चर्चा जारी, कांग्रेस विधायक बोले- बंद हुए भ्रष्टाचार के दरवाजे
हिमाचल विधानसभा में बजट अनुमान पर आज आखिरी दिन की चर्चा शुरू हो गई है. आज सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से चर्चा में चार-चार सदस्य भाग लेंगे. जिन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने 15-15 मिनट का समय दिया है. बजट अनुमान चर्चा में आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 3 बजे अपना जवाब देंगे. अभी सत्ता पक्ष की तरफ से सुंदर ठाकुर चर्चा में भाग ले रहे हैं. सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि बजट में भ्रष्टाचार के दरवाजे बंद हुए हैं. बेरोजगारों के लिए एक हजार बस रूट देने की बात बजट में कही गई है. बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की बात हुई है. गाय और भैंस के दूध का खरीद मूल्य बढ़ाया गया है. जिससे लोगों का फिर से पशुपालन की तरफ रुझान बढ़ा है. फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेत संरक्षण योजना लाई गई है. अब बजट अनुमान चर्चा में विपक्ष की तरफ से अनिल शर्मा भाग ले रहे हैं.
सदन में गूंजा पासपोर्ट ऑफिस खोले जाने का मुद्दा, डिप्टी सीएम ने कहा- प्रदेश सरकार के पास नहीं अधिकार
हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान विधायक नीरज नय्यर का सवाल था कि प्रदेश के किन-किन जिलों में कहां-कहां पासपोर्ट कार्यालय खोले गए हैं? क्या सरकार जिला चंबा मुख्यालय में भी पासपोर्ट कार्यालय खोलने का विचार रखती है? जिसका जवाब उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में दिया.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चंबा में पासपोर्ट ऑफिस खोलने का मामला केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 7 पासपोर्ट कार्यालय हैं. पासपोर्ट ऑफिस खोलने का अधिकार प्रदेश सरकार के पास नहीं है. इसकी अनुमति केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय से मिलती है. डिप्टी सीएम ने कहा कि एक संसदीय क्षेत्र में केवल एक ही पासपोर्ट ऑफिस खुलता है, लेकिन कुछ संसदीय क्षेत्र में दो पासपोर्ट ऑफिस खुले हैं. उन्होंने बताया कि कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भी दो पासपोर्ट ऑफिस खुले हैं और चंबा भी इसी संसदीय क्षेत्र के तहत आता है. फिर भी ये मामला केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अभी सदन में नहीं पहुंचे हैं. उनकी जगह डिप्टी सीएम ही सदस्यों के सवालों के जवाब दे रहे हैं. विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान 16 प्रश्न लगे. जिसके सदन में सदस्यों को उत्तर दिए गए. इसकी जानकारी विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन में दी.
हिमाचल में अब जरूरत के मुताबिक ही खुलेंगे संस्थान: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री
हिमाचल विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है. सदन में प्रश्नकाल शुरू है. इस दौरान सदन में प्रदेश में खोले गए संस्थानों को लेकर प्रश्न पूछा गया. जिसके जवाब में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में अब जरूरत के मुताबिक ही संस्थान खोले जाएंगे. पिछली जयराम सरकार ने चुनाव जीतने के लिए चुनाव के 6 महीने पहले 1 हजार संस्थान खोल दिए थे, जिसके लिए न तो बजट का प्रावधान किया गया था और न ही पद सृजित किए गए थे. इसलिए ऐसे संस्थानों को डिनोटिफाई किया गया है. ऐसे संस्थानों को खोलने के लिए सरकार अब दोबारा इसका मूल्यांकन करेगी.
विपक्ष की ओर से श्री नैना देवी के विधायक रणधीर शर्मा, सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल और ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती द्वारा सामान्य प्रशासन से संबंधित पूछा गया कि 15 जनवरी 2024 तक सरकार ने कितने नए संस्थान खोलने की अधिसूचना जारी की है? उन्होंने पूछा है कि इस अवधि में सरकार ने प्रस्तावित कौन-कौन से नए कार्यालय व संस्थान खोले हैं? इन कार्यालयों व संस्थानों को खोलने के लिए धनराशि का प्रावधान व पदों का सृजन किया गया है, इसको लेकर ब्यौरा मांगा गया था. प्रश्नकाल में यह पहला सवाल लगा था. जिस पर सदन में 28 मिनट चर्चा हुई.
बजट अनुमान पर चर्चा चौथे दिन भी जारी
हिमाचल विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए अनुमानित बजट पर आज चौथे दिन चर्चा होगी और बजट पर चर्चा का समापन होगा. 26 मार्च को सदन में बजट पारित किया जाएगा. 10 मार्च को शुरू हुआ बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 मार्च को विधानसभा में बजट अनुमान पेश किया था. आज सदन में विधायकों के कुल 77 प्रश्न लगेंगे. इसमें 57 तारांकित और 20 अतारांकित प्रश्न पूछे गए हैं.
हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र जारी है. आज बजट अनुमान पर चौथे दिन चर्चा का समापन होगा. आज सदन में नए संस्थान खोलने समेत कई सवाल गूंजेंगे.
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भाजपा का सदन से वॉकआउट
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा विनोद कुमार वरिष्ठ सदस्य हैं, लेकिन वे सदन में पढ़कर नहीं आते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे तथ्य पर बात करें. मुख्यमंत्री की चर्चा में विपक्ष ने किया शोर शराबा शुरू किया. सदन में विपक्ष की नारेबाजी शुरू कर दी. एक ओर मुख्यमंत्री चर्चा पर जवाब दे रहे हैं और दूसरी ओर विपक्ष की नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गया. वहीं, विपक्ष के प्रोटेस्ट को रिकॉर्ड करने से अध्यक्ष ने इनकार कर दिया.
'ये बजह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को करेगा मजबूत'
सत्ता पक्ष की तरफ से केवल सिंह पठानिया ने कहा ये पक्ष ऐतिहासिक है. ये बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था का है, जिसमें किसानों और बागवानों के हित की बात हुई है. दूध के दाम में बढ़ोतरी की गई है. प्राकृतिक खेती से पैदा होने वाली मक्की और गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है. जिससे ग्रामीणों की जेब में पैसा जाएगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. जिसके बाद भाषण के बीच सदन में शोर शराबा शुरू हो गया.
'सुक्खू सरकार ने लिया 30 हजार करोड़ का लोन'
विपक्ष की तरफ से सुखराम चौधरी ने चर्चा में भाग लिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने दो साल में 30 हजार करोड़ का लोन ले लिया है. वहीं, वर्ष 2012 से 2017 तक वीरभद्र सिंह की सरकार ने 24 हजार करोड़ का लोन लिया था. वहीं, पूर्व की जयराम सरकार ने 2017 से 2022 तक 27 हजार करोड़ का लोन लिया था. अब तो दो साल में ही लोन 30 हजार करोड़ का लिया गया है, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में कोई विकास नजर नहीं आ रहा हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बाहर से आए प्रभारियों ने हिमाचल में लोगों को 10 गारंटियों दी थी, जो अब सरकार के गले का फांस बन गई है. उन्होंने कहा कि आज बिजली बोर्ड के कर्मचारियों पर काम का बहुत दबाव है. 1990 के दशक में बिजली बोर्ड में 40 हजार कर्मचारी थे और उपभोक्ता 9 लाख थे, लेकिन आज 26 लाख उपभोक्ता हैं और कर्मचारियों की संख्या 11 हजार रह गई है. काम का दबाव होने की वजह से इस साल युवा कर्मचारियों की मौत हो गई. वहीं, दो सालों में काम के दबाव में 25 से 30 कर्मचारी अपनी जान गवा चुके हैं, इसलिए सरकार फील्ड स्टाफ की भर्ती करे.
सतपाल सत्ती ने सुक्खू सरकार पर कसा तंज
बीजेपी विधायक सतपाल सत्ती ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी गलती छुपाने के लिए पूर्व सरकार और केंद्र सरकार को दोष देते हैं, जो गलत है. लोन लेने की प्रथा को 1993 से हर सरकार ने आगे बढ़ाया. मुख्यमंत्री को अपनी ताकत को लेकर लड़ाई लड़नी चाहिए. हिमाचल को औद्योगिक पैकेज की देन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है. मोदी सरकार ने हिमाचल को बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और फोरलेन दिए हैं. जिससे हिमाचल के लोगों को रोजगार मिला है.
हिमकेयर योजना को लेकर सतपाल सत्ती ने सुक्खू सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम सुख केयर रख लो पर योजना को चालू तो रखा करो. सत्ती ने भ्रष्टाचार को लेकर हिमाचल में बाहरी राज्यों से आए अधिकारियों को भी घेरा. उन्होंने कहा कि यहां से अटैचियां बाहर जा रही हैं. ऐसे अधिकारियों की संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए.
जिसके बाद चर्चा में सत्ता पक्ष की तरफ से अजय सोलंकी ने भाग लिया. उन्होंने कहा कि बजट गरीब महिलाएं, किसान, बागवान, युवा और कर्मचारियों का ध्यान रखा गया है. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की और गेहूं का सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है. उन्होंने सरकार को सुझाव भी दिया कि प्राकृतिक खेती से अच्छा उत्पादन हो, इसके लिए गांव-गांव में जाकर किसानों को भी जागरूक किया जाए. उन्होंने कहा कि हिमाचल में शिक्षा के क्षेत्र अभूतपूर्व विकास हुआ है. बजट में आखिरी व्यक्ति के बारे में सोचा गया है.
'हिमाचल प्रदेश रेवेन्यू डेफिसिट स्टेट है'
लंच के बाद बजट अनुमान पर फिर से चर्चा शुरू हो गई. सत्ता पक्ष से आरएस बाली बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश रेवेन्यू डेफिसिट स्टेट है, यहां आय कम और खर्चा अधिक है. हमारे पास मिनरल नहीं है. उन्होंने केंद्र सरकार को घेरा. बाली ने कहा कि केंद्र हर राज्य को ग्रांट देती है, ग्रांट देना अहसान नहीं एक जिम्मेवारी है. उसका निर्वहन केंद्र की हर सरकार करती है. चाहे वह किसी भी दल की सरकार रही हो. उन्होंने कहा आज हमारे साथ केंद्र ने फंडिंग को लेकर सौतेला व्यवहार किया है. अब विपक्ष की तरफ से सतपाल सत्ती चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं.
बजट का 57 फीसदी पैसा सैलरी, पेंशन और लोन चुकाने पर हो रहा खर्च: अनिल शर्मा
हिमाचल विधानसभा में बजट अनुमान चर्चा के दौरान भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि ये जो प्रदेश सरकार ने जो 58,514 करोड़ का बजट पेश किया गया है, ये आय और व्यय का लेखा जोखा होता है. उन्होंने कहा कि आज 57 फीसदी पैसा सैलरी, पेंशन और लोन चुकाने पर खर्च हो रहा है. जो वर्तमान में चिंता का विषय है. उन्होंने शराब के ठेकों की नीलामी को लेकर भी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि सरकार शराब के ठेकों की नीलामी से आय की बात करती है, लेकिन मंडी जिले में शराब के ठेकों की नीलामी से आय में एक फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अनिल शर्मा ने कहा कि सदन में पेश किए गए इतने बड़े बजट में विकास के लिए केवल 7 हजार करोड़ हैं.
हिमाचल में डैम और नदी-नालों में खतरनाक जगहें होंगी चिन्हित: डिप्टी सीएम
वहीं, नेता प्रतिपक्ष ने जीरो आवर्स में सिराज विधानसभा ने दो बच्चों के पानी में डूबने से हुई मौत का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि अब गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है. इस दौरान डैम या नदी-नालों में साफ सुथरा और नीला पानी देखकर पर्यटक और अन्य लोग रास्ता तलाशते हुए इन स्थानों में पहुंचते हैं. ऐसे सभी पॉइंट को चिन्हित किया जाए.
इस दौरान डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हिमाचल में डैम और नदी-नालों में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ऐसे स्थानों को चिन्हित करेगी, ताकि आने वाले गर्मियों के सीजन में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके. इसके लिए सरकार उचित कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि ब्यास नदी में इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती हैं.
बजट अनुमान पर चर्चा जारी, कांग्रेस विधायक बोले- बंद हुए भ्रष्टाचार के दरवाजे
हिमाचल विधानसभा में बजट अनुमान पर आज आखिरी दिन की चर्चा शुरू हो गई है. आज सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से चर्चा में चार-चार सदस्य भाग लेंगे. जिन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने 15-15 मिनट का समय दिया है. बजट अनुमान चर्चा में आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 3 बजे अपना जवाब देंगे. अभी सत्ता पक्ष की तरफ से सुंदर ठाकुर चर्चा में भाग ले रहे हैं. सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि बजट में भ्रष्टाचार के दरवाजे बंद हुए हैं. बेरोजगारों के लिए एक हजार बस रूट देने की बात बजट में कही गई है. बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की बात हुई है. गाय और भैंस के दूध का खरीद मूल्य बढ़ाया गया है. जिससे लोगों का फिर से पशुपालन की तरफ रुझान बढ़ा है. फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए खेत संरक्षण योजना लाई गई है. अब बजट अनुमान चर्चा में विपक्ष की तरफ से अनिल शर्मा भाग ले रहे हैं.
सदन में गूंजा पासपोर्ट ऑफिस खोले जाने का मुद्दा, डिप्टी सीएम ने कहा- प्रदेश सरकार के पास नहीं अधिकार
हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दौरान विधायक नीरज नय्यर का सवाल था कि प्रदेश के किन-किन जिलों में कहां-कहां पासपोर्ट कार्यालय खोले गए हैं? क्या सरकार जिला चंबा मुख्यालय में भी पासपोर्ट कार्यालय खोलने का विचार रखती है? जिसका जवाब उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में दिया.
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चंबा में पासपोर्ट ऑफिस खोलने का मामला केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 7 पासपोर्ट कार्यालय हैं. पासपोर्ट ऑफिस खोलने का अधिकार प्रदेश सरकार के पास नहीं है. इसकी अनुमति केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय से मिलती है. डिप्टी सीएम ने कहा कि एक संसदीय क्षेत्र में केवल एक ही पासपोर्ट ऑफिस खुलता है, लेकिन कुछ संसदीय क्षेत्र में दो पासपोर्ट ऑफिस खुले हैं. उन्होंने बताया कि कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भी दो पासपोर्ट ऑफिस खुले हैं और चंबा भी इसी संसदीय क्षेत्र के तहत आता है. फिर भी ये मामला केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.
वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अभी सदन में नहीं पहुंचे हैं. उनकी जगह डिप्टी सीएम ही सदस्यों के सवालों के जवाब दे रहे हैं. विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान 16 प्रश्न लगे. जिसके सदन में सदस्यों को उत्तर दिए गए. इसकी जानकारी विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन में दी.
हिमाचल में अब जरूरत के मुताबिक ही खुलेंगे संस्थान: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री
हिमाचल विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है. सदन में प्रश्नकाल शुरू है. इस दौरान सदन में प्रदेश में खोले गए संस्थानों को लेकर प्रश्न पूछा गया. जिसके जवाब में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में अब जरूरत के मुताबिक ही संस्थान खोले जाएंगे. पिछली जयराम सरकार ने चुनाव जीतने के लिए चुनाव के 6 महीने पहले 1 हजार संस्थान खोल दिए थे, जिसके लिए न तो बजट का प्रावधान किया गया था और न ही पद सृजित किए गए थे. इसलिए ऐसे संस्थानों को डिनोटिफाई किया गया है. ऐसे संस्थानों को खोलने के लिए सरकार अब दोबारा इसका मूल्यांकन करेगी.
विपक्ष की ओर से श्री नैना देवी के विधायक रणधीर शर्मा, सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल और ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती द्वारा सामान्य प्रशासन से संबंधित पूछा गया कि 15 जनवरी 2024 तक सरकार ने कितने नए संस्थान खोलने की अधिसूचना जारी की है? उन्होंने पूछा है कि इस अवधि में सरकार ने प्रस्तावित कौन-कौन से नए कार्यालय व संस्थान खोले हैं? इन कार्यालयों व संस्थानों को खोलने के लिए धनराशि का प्रावधान व पदों का सृजन किया गया है, इसको लेकर ब्यौरा मांगा गया था. प्रश्नकाल में यह पहला सवाल लगा था. जिस पर सदन में 28 मिनट चर्चा हुई.
बजट अनुमान पर चर्चा चौथे दिन भी जारी
हिमाचल विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए अनुमानित बजट पर आज चौथे दिन चर्चा होगी और बजट पर चर्चा का समापन होगा. 26 मार्च को सदन में बजट पारित किया जाएगा. 10 मार्च को शुरू हुआ बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 मार्च को विधानसभा में बजट अनुमान पेश किया था. आज सदन में विधायकों के कुल 77 प्रश्न लगेंगे. इसमें 57 तारांकित और 20 अतारांकित प्रश्न पूछे गए हैं.