शिमला: हिमाचल में कई दशकों बाद बीपीएल परिवारों का नए सिरे से चयन किया जा रहा है. इसके लिए प्रदेशभर में 1 अप्रैल से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ऐसे में बीपीएल सूची में इच्छुक परिवार जरूरी घोषणा-पत्र के साथ संबंधित ग्राम पंचायत में अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं. इसके लिए प्रदेश सरकार ने तारीख निर्धारित कर दी है. जरूरतमंद परिवार 30 अप्रैल तक बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए संबंधित पंचायतों में आवेदन जमा कर सकते हैं. यही नहीं पहले से बीपीएल सूची में शामिल परिवारों को भी फिर से सूची में शामिल के लिए आवेदन करना होगा. ये इसलिए, ताकि बीपीएल सूची में पात्र परिवारों का ही चयन हो सके और अपात्र परिवार सरकार की ओर से तय मापदंडों में खरा न उतरने पर सूची से बाहर हो जाएंगे.
15 अप्रैल तक त्रिसदस्यीय सत्यापन समिति का गठन
हिमाचल में अब ग्रामसभा में बीपीएल परिवारों का सीधा चयन नहीं होगा. ग्रामसभा की अध्यक्षता प्रधान करता है. ऐसे में पहले ग्राम सभा की बैठक के दिन ही बीपीएल सूची तैयार कर दी जाती थी. जिसमें कई जगहों पर प्रधानों की मनमानी के आरोप लगने की सरकार को शिकायतें प्राप्त हो रही हैं. ऐसे में अब प्रदेशभर में बीपीएल परिवारों के चयन के लिए 15 अप्रैल तक SDM की ओर से त्रिसदस्यीय सत्यापन समिति का गठन किया जाएगा. जिसमें पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को शामिल किया जाएगा. इस तरह से सत्यापन समिति द्वारा तैयार की गई सूचियों को 15 जून तक सार्वजनिक जांच के लिए ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित किया जाएगा, ताकि जुलाई माह में ग्राम सभा में मामले पर पारदर्शी रूप से चर्चा की जा सके. इस पूरी प्रक्रिया को इस वर्ष 15 अक्टूबर तक पूरा किया जाएगा.
ये हैं BPL चयन के नए मानदंड
हिमाचल सरकार को लगातार BPL सूची में प्रभावी लोगों के शामिल होने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं. ऐसे में BPL सूची के लिए नए मापदंड तय किए गए हैं. इसके मुताबिक-
- ऐसे परिवार जिनमें 18 साल से कम आयु के अनाथ बच्चे ही सदस्य हैं या ऐसे परिवार जिनमें केवल 59 वर्ष की आयु से अधिक के वृद्धजन ही सदस्य हैं व 18-59 वर्ष की आयु का कोई भी वयस्क सदस्य नहीं है को सूची में शामिल किया जाएगा.
- ऐसे परिवार जिनमें महिला मुखिया हो और जिसमें 18 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई व्यस्क पुरुष सदस्य ना हो जिसमें विधवा / अविवाहित/ तलाकशुदा/ परित्यक्त महिलाओं को सूची में डाला जाएगा.
- ऐसे परिवार जिनके मुखिया 50 फीसदी से अधिक विकलांग हों.
- सूची में ऐसे परिवारों को भी शामिल किया जाएगा, जिनके सभी वयस्क सदस्यों द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन का रोजगार प्राप्त किया है.
- इसी तरह से जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके कारण वे स्थायी रूप से अक्षम हो गए हैं. ऐसे में इन मानदंडों में से किसी एक या अधिक को पूरा करते हैं. वो भी बीपीएल की सूची में शामिल होने के पात्र होंगे.
- इसके अलावा ऐसे परिवार जिनमें एक से अधिक ऐसे सदस्य हों जो कि कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं. उन्हें बीपीएल सूची के चयन में प्राथमिकता दी जाएगी.
ये परिवार होंगे सूची से बाहर
हिमाचल प्रदेश में ऐसे परिवार जिनके पास रहने के लिए पक्का मकान है, उन्हें सूची से बाहर किया जाएगा. इसी तरह से ऐसे परिवार जिनका कोई भी सदस्य आयकर देता हो, ऐसे परिवार जिनकी समस्त स्रोतों से अर्जित वार्षिक आय 50 हजार रुपये से ज्यादा है, ऐसे परिवार जिनके पास एक-एक हेक्टेयर से ज्यादा भूमि हो, ऐसे परिवार जिनका कोई भी सदस्य सरकारी/अर्ध सरकारी या निजी नौकरी में है, BPL सूची में शामिल होने के लिए अपात्र होंगे.
BPL सूची में शामिल होने के लिए आवेदन पत्र के साथ करनी होगी ये घोषणा
- मेरे परिवार के पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है.
- मेरा परिवार आयकर नहीं देता है.
- मेरे परिवार की समस्त स्रोतों से अर्जित वार्षिक आय 50,000 रुपये से ज्यादा नहीं है.
- मेरे परिवार के पास एक हेक्टेयर से ज्यादा भूमि नहीं है.
- मेरे परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी/अर्ध सरकारी या निजी नौकरी में नहीं है.
केंद्र से कितना कोटा निर्धारित?
केंद्र ने हिमाचल के लिए BPL सूची में शामिल करने के लिए कोटा तय किया है, जिसके तहत प्रदेश में 2,82,370 परिवारों को ही बीपीएल सूची में शामिल किया जा सकता है. वहीं, वर्तमान में अभी 2 लाख 66 हजार 304 परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं. ऐसे में केंद्र के कोटे के मुताबिक 16 हजार 66 नए परिवारों को भी अभी BPL सूची में और जोड़ा जा सकता है. बता दें कि केंद्र से निर्धारित कोटे की उपलब्धता के हिसाब से ही अन्य नए परिवारों को भी सूची में शामिल किया जाएगा.