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सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोक झोंक, सदन में गूंजे ये मुद्दे - HIMACHAL BUDGET SESSION 2025

हिमाचल बजट सत्र के दौरान गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों के बीच नोकझोक देखने को मिली.

Himachal Assembly Budget Session 2025
हिमाचल विधानसभा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 21, 2025 at 10:26 AM IST

8 Min Read

शिमला: विधानसभा बजट सत्र में बजट अनुमान पर चर्चा जारी है. विधानसभा में गुरुवार को बजट अनुमान पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कई मामलों में तीखी नोक-झोंक भी हुई. तीसरे दिन बजट अनुमान में सत्ता पक्ष की तरफ से संजय अवस्थी ने चर्चा में भाग लिया. इस दौरान टूरिज्म को एडीबी से मिले प्रोजेक्ट को लेकर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के बीच तकरार हो गई.

सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक

चर्चा के दौरान जब कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकाल में एडीबी प्रोजेक्ट का दुरुपयोग किया, इस पर विपक्ष के नेता भड़क उठे. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता पक्ष तथ्य पर बात करें. उन्होंने कहा कि एडीबी का जो प्रोजेक्ट पूर्व सरकार लेकर आई थी, उसकी तो अभी तक डीपीआर भी नहीं बनी है. ऐसे में पैसा कहां से खर्च डाला. विधायक गलत तथ्य सदन में रख रहे हैं, जो कि सरासर गलत है. जयराम ठाकुर ने कहा कि 2400 करोड़ का एडीबी प्रोजेक्ट हमारी सरकार ने लाया था. जिस पर अभी तक काम नहीं हो रहा है. इस पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री अपनी सीट पर खड़े हुए और कहा कि एडीबी के तहत कुल्लू-मनाली व सराज में संपत्तियों को भाजपा सरकार प्राइवेट सेक्टर को दे रही थी. यहां तक की क्यारी बंगला का टूरिज्म होटल भी प्राइवेट कंपनी को देने की तैयारी थी.

'सनसनी फैलाना भाजपा का काम'

संजय अवस्थी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने सरकार बनाते ही व्यवस्था परिवर्तन का संकल्प लिया. जिसकी झलक आज तीसरे बजट में देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि आज तक जितने बजट अनुमान पेश किए गए, यह बजट उससे हटकर है. संजय अवस्थी ने कहा कि प्रदेश को आर्थिक तौर पर समृद्ध करने के लिए इस बजट में विजन दिया गया है. संजय अवस्थी ने कहा कि हिमाचल में माइनस ग्रोथ वाला बजट भाजपा के समय में आया था, जब यहां पर भाजपा सरकार थी. उन्होंने कहा कि विपक्ष को हिमाचल में सकारात्मक रूप से विकास नजर नहीं आ रहा. उन्होंने कहा कि सनसनी फैलाना आपका काम है. तभी आप विपक्ष में बैठे हैं.

काम नहीं कर रही सरकार

बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के विधायक पवन काजल ने सरकार को घेरा. उनके चुनाव क्षेत्र कांगड़ा में करोड़ों की डीपीआर मंजूर होने के बावजूद काम पूरा न होने से नाराज पवन काजल ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग में एक करोड़ 45 लाख की टूल किट के सहित 6.6 करोड़ के खर्च की जांच होनी चाहिए. भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि जल शक्ति विभाग में एक ही काम को तीन- तीन मर्तबा ठेकेदारों को आवंटित किया गया. उन्होंने उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से इस मामले की जांच की मांग की.

भाजपा विधायक ने सरकार पर कसा तंज

सरकार पर तंज कसते हुए पवन काजल ने कहा कि वेतन व पेंशन के भुगतान को सरकार अपनी उपलब्धि बता रही है. उन्होंने कहा कि दो सालों में सरकार बेसहारा पशुओं के लिए तो कुछ नहीं कर सकी, मगर गोबर खरीदने की गारंटी पहले ही दे चुकी है. क्या सरकार का काम गोबर खरीदना है? उन्होंने कहा कि न उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिली और न ही 18 से 60 साल की सभी महिलाओं को 1500-1500 रुपए मिले हैं. इसी तरह से युवाओं को एक लाख नौकरियां भी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि मनरेगा कामगारों से लेकर आउटसोर्स तक सभी सरकार से नाराज हैं. पवन काजल ने चर्चा में भाग लेते हुए टांडा मेडिकल कालेज की खामियों को भी सदन में उठाया.

बजट का 9% जनजातीय क्षेत्रों पर खर्च करने का आग्रह

लाहौल स्पीति की कांग्रेस विधायक अनुराधा राणा ने वर्ष 2025-26 का 9 फीसदी जनजातीय क्षेत्रों के विकास पर खर्च करने का आग्रह किया है. बजट अनुमान चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि नीतियों में बदलाव के वक्त जनजातीय जिलों को अलग नजरिए से देखा जाना चाहिए. लाहौल स्पीति में मौजूद पर्यटन क्षमता का पूरी तरह दोहन करने के साथ-साथ जिला में पर्यटन विकास अधिकारी और जिला खेल अधिकारी की तैनाती की मांग भी उन्होंने सदन में की.

होम स्टे नियमों में रियायत की मांग

अनुराधा राणा ने कहा कि उनके जिले में डॉक्टरों की किल्लत है. इसे दूर करने की तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही स्कूलों में विज्ञान विषय को लेकर भी उन्होंने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने होम स्टे के नियमों में बदलाव किया है. जनजातीय जिलों में होम स्टे नियमों को राज्य के अन्य भागों के समान नहीं रखा जा सकता है. इसकी वजह जनजातीय क्षेत्रों के छह माह बर्फ से ढका होता है. लिहाजा सरकार को इन क्षेत्रों में होम स्टे नियमों में रियायत देनी चाहिए.

कांग्रेस विधायक की अन्य मांगे

अनुराधा राणा ने अटल टनल के आसपास के क्षेत्रों को टीसीपी के दायरे से बाहर रखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पंचायती राज कानून के तहत भी अटल टनल के नजदीक की लाहौल की 7-8 पंचायतों में निर्माण को रेगुलेट किया जा सकता है. विधायक ने कहा कि उनके जिले में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग का कार्यालय ही नहीं है. लिहाजा लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस विधायक ने स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स के मानदेय में एक हजार रुपए का इजाफा करने और उनके जिले में बीआरओ के द्वारा बनाई जा रही सड़कों के भू अधिग्रहण का मुआवजा बढ़ाने का आग्रह भी सरकार से किया. कांग्रेस विधायक ने बजट का समर्थन करते हुए उनके जिले में टीजीटी भर्ती पर ध्यान देने का आग्रह शिक्षा मंत्री से किया.

'बजट में सबसे कम वृद्धि'

विधायक सुरेंद्र शोरी ने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में सबसे कम वृद्धि हुई है. एक तो बजट का आकार नहीं बढ़ा, वहीं जो आंकड़े पेश किए गए, उसके अनुसार विकास के लिए अब 100 में 24 रुपए ही रह गए हैं. ऐसे में प्रदेश में विकास रुक जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बार विधायक क्षेत्र विकास निधि और ऐच्छिक निधि भी नहीं बढ़ाई गई. उन्होंने कहा कि बजट में बंजार का नाम तक नहीं है. केवल हरोली, नादौन और देहरा का ही नाम नजर आ रहा है. वृद्धजनों को पेंशन नहीं मिल रही है. करुणामूलक का जिक्र तक बजट में नहीं है. करुणामूलक को नौकरियां देने के लिए कमेटी का गठन किया गया है, लेकिन सरकार की कथनी और करनी से प्रदेश बदनाम हो रहा है. समोसों की जांच, जंगली मुर्गा, स्कूलों में जादू दिखाने की अधिसूचना सहित अन्य मामलों से प्रदेश बदनाम हुआ है.

'दिल्ली से कुछ नहीं मिला'

कांग्रेस विधायक संजय रत्न ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री ने सभी वर्ग को टच किया है. दिल्ली से प्रदेश को कुछ नहीं मिल रहा है. सरकार ने अपने सीमित साधनों से कुछ गारंटी को पूरा किया है और हर आपदा प्रभावित को राहत देने का काम किया है. यह बजट सुधार वादक के रूप में जाना जाएगा. सरकार ने कई कानूनों में बदलाव कर प्रदेश को आगे ले जाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि विरोध विरोध के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि बेटरमेंट के लिए होना चाहिए.

'जनजातीय क्षेत्र के नहीं कोई योजना'

विधायक डॉ. जनकराज ने पूछा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को कौन से रास्ते से आत्मनिर्भर बनाएगी. साथ ही उन्होंने पूछा कि सरकार के लिए नीड़ बेस के मापदंड क्या हैं? उन्होंने कहा कि इस बजट में जनजातीय क्षेत्रों के लोगों के लिए प्रदेश सरकार की कोई योजना नहीं है. वहीं, भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि जो बजट पेश किया गया है, उसे कविता या शेयर के रूप में पढ़ दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार केवल प्रयास कर रही है, लेकिन सरकार पटरी पर नहीं आ रही है. प्रदेश सरकार के पास बजट नहीं है और दावे बड़े-बड़े किए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 3 पुश्तों से वन भूमि पर कब्जा होगा नियमित, 50 बीघा तक जमीन का मिलेगा मालिकाना हक

शिमला: विधानसभा बजट सत्र में बजट अनुमान पर चर्चा जारी है. विधानसभा में गुरुवार को बजट अनुमान पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कई मामलों में तीखी नोक-झोंक भी हुई. तीसरे दिन बजट अनुमान में सत्ता पक्ष की तरफ से संजय अवस्थी ने चर्चा में भाग लिया. इस दौरान टूरिज्म को एडीबी से मिले प्रोजेक्ट को लेकर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के बीच तकरार हो गई.

सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक

चर्चा के दौरान जब कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकाल में एडीबी प्रोजेक्ट का दुरुपयोग किया, इस पर विपक्ष के नेता भड़क उठे. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता पक्ष तथ्य पर बात करें. उन्होंने कहा कि एडीबी का जो प्रोजेक्ट पूर्व सरकार लेकर आई थी, उसकी तो अभी तक डीपीआर भी नहीं बनी है. ऐसे में पैसा कहां से खर्च डाला. विधायक गलत तथ्य सदन में रख रहे हैं, जो कि सरासर गलत है. जयराम ठाकुर ने कहा कि 2400 करोड़ का एडीबी प्रोजेक्ट हमारी सरकार ने लाया था. जिस पर अभी तक काम नहीं हो रहा है. इस पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री अपनी सीट पर खड़े हुए और कहा कि एडीबी के तहत कुल्लू-मनाली व सराज में संपत्तियों को भाजपा सरकार प्राइवेट सेक्टर को दे रही थी. यहां तक की क्यारी बंगला का टूरिज्म होटल भी प्राइवेट कंपनी को देने की तैयारी थी.

'सनसनी फैलाना भाजपा का काम'

संजय अवस्थी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने सरकार बनाते ही व्यवस्था परिवर्तन का संकल्प लिया. जिसकी झलक आज तीसरे बजट में देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि आज तक जितने बजट अनुमान पेश किए गए, यह बजट उससे हटकर है. संजय अवस्थी ने कहा कि प्रदेश को आर्थिक तौर पर समृद्ध करने के लिए इस बजट में विजन दिया गया है. संजय अवस्थी ने कहा कि हिमाचल में माइनस ग्रोथ वाला बजट भाजपा के समय में आया था, जब यहां पर भाजपा सरकार थी. उन्होंने कहा कि विपक्ष को हिमाचल में सकारात्मक रूप से विकास नजर नहीं आ रहा. उन्होंने कहा कि सनसनी फैलाना आपका काम है. तभी आप विपक्ष में बैठे हैं.

काम नहीं कर रही सरकार

बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के विधायक पवन काजल ने सरकार को घेरा. उनके चुनाव क्षेत्र कांगड़ा में करोड़ों की डीपीआर मंजूर होने के बावजूद काम पूरा न होने से नाराज पवन काजल ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग में एक करोड़ 45 लाख की टूल किट के सहित 6.6 करोड़ के खर्च की जांच होनी चाहिए. भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि जल शक्ति विभाग में एक ही काम को तीन- तीन मर्तबा ठेकेदारों को आवंटित किया गया. उन्होंने उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से इस मामले की जांच की मांग की.

भाजपा विधायक ने सरकार पर कसा तंज

सरकार पर तंज कसते हुए पवन काजल ने कहा कि वेतन व पेंशन के भुगतान को सरकार अपनी उपलब्धि बता रही है. उन्होंने कहा कि दो सालों में सरकार बेसहारा पशुओं के लिए तो कुछ नहीं कर सकी, मगर गोबर खरीदने की गारंटी पहले ही दे चुकी है. क्या सरकार का काम गोबर खरीदना है? उन्होंने कहा कि न उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिली और न ही 18 से 60 साल की सभी महिलाओं को 1500-1500 रुपए मिले हैं. इसी तरह से युवाओं को एक लाख नौकरियां भी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि मनरेगा कामगारों से लेकर आउटसोर्स तक सभी सरकार से नाराज हैं. पवन काजल ने चर्चा में भाग लेते हुए टांडा मेडिकल कालेज की खामियों को भी सदन में उठाया.

बजट का 9% जनजातीय क्षेत्रों पर खर्च करने का आग्रह

लाहौल स्पीति की कांग्रेस विधायक अनुराधा राणा ने वर्ष 2025-26 का 9 फीसदी जनजातीय क्षेत्रों के विकास पर खर्च करने का आग्रह किया है. बजट अनुमान चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि नीतियों में बदलाव के वक्त जनजातीय जिलों को अलग नजरिए से देखा जाना चाहिए. लाहौल स्पीति में मौजूद पर्यटन क्षमता का पूरी तरह दोहन करने के साथ-साथ जिला में पर्यटन विकास अधिकारी और जिला खेल अधिकारी की तैनाती की मांग भी उन्होंने सदन में की.

होम स्टे नियमों में रियायत की मांग

अनुराधा राणा ने कहा कि उनके जिले में डॉक्टरों की किल्लत है. इसे दूर करने की तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही स्कूलों में विज्ञान विषय को लेकर भी उन्होंने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने होम स्टे के नियमों में बदलाव किया है. जनजातीय जिलों में होम स्टे नियमों को राज्य के अन्य भागों के समान नहीं रखा जा सकता है. इसकी वजह जनजातीय क्षेत्रों के छह माह बर्फ से ढका होता है. लिहाजा सरकार को इन क्षेत्रों में होम स्टे नियमों में रियायत देनी चाहिए.

कांग्रेस विधायक की अन्य मांगे

अनुराधा राणा ने अटल टनल के आसपास के क्षेत्रों को टीसीपी के दायरे से बाहर रखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पंचायती राज कानून के तहत भी अटल टनल के नजदीक की लाहौल की 7-8 पंचायतों में निर्माण को रेगुलेट किया जा सकता है. विधायक ने कहा कि उनके जिले में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग का कार्यालय ही नहीं है. लिहाजा लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस विधायक ने स्पेशल पुलिस ऑफिसर्स के मानदेय में एक हजार रुपए का इजाफा करने और उनके जिले में बीआरओ के द्वारा बनाई जा रही सड़कों के भू अधिग्रहण का मुआवजा बढ़ाने का आग्रह भी सरकार से किया. कांग्रेस विधायक ने बजट का समर्थन करते हुए उनके जिले में टीजीटी भर्ती पर ध्यान देने का आग्रह शिक्षा मंत्री से किया.

'बजट में सबसे कम वृद्धि'

विधायक सुरेंद्र शोरी ने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में सबसे कम वृद्धि हुई है. एक तो बजट का आकार नहीं बढ़ा, वहीं जो आंकड़े पेश किए गए, उसके अनुसार विकास के लिए अब 100 में 24 रुपए ही रह गए हैं. ऐसे में प्रदेश में विकास रुक जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बार विधायक क्षेत्र विकास निधि और ऐच्छिक निधि भी नहीं बढ़ाई गई. उन्होंने कहा कि बजट में बंजार का नाम तक नहीं है. केवल हरोली, नादौन और देहरा का ही नाम नजर आ रहा है. वृद्धजनों को पेंशन नहीं मिल रही है. करुणामूलक का जिक्र तक बजट में नहीं है. करुणामूलक को नौकरियां देने के लिए कमेटी का गठन किया गया है, लेकिन सरकार की कथनी और करनी से प्रदेश बदनाम हो रहा है. समोसों की जांच, जंगली मुर्गा, स्कूलों में जादू दिखाने की अधिसूचना सहित अन्य मामलों से प्रदेश बदनाम हुआ है.

'दिल्ली से कुछ नहीं मिला'

कांग्रेस विधायक संजय रत्न ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री ने सभी वर्ग को टच किया है. दिल्ली से प्रदेश को कुछ नहीं मिल रहा है. सरकार ने अपने सीमित साधनों से कुछ गारंटी को पूरा किया है और हर आपदा प्रभावित को राहत देने का काम किया है. यह बजट सुधार वादक के रूप में जाना जाएगा. सरकार ने कई कानूनों में बदलाव कर प्रदेश को आगे ले जाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि विरोध विरोध के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि बेटरमेंट के लिए होना चाहिए.

'जनजातीय क्षेत्र के नहीं कोई योजना'

विधायक डॉ. जनकराज ने पूछा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को कौन से रास्ते से आत्मनिर्भर बनाएगी. साथ ही उन्होंने पूछा कि सरकार के लिए नीड़ बेस के मापदंड क्या हैं? उन्होंने कहा कि इस बजट में जनजातीय क्षेत्रों के लोगों के लिए प्रदेश सरकार की कोई योजना नहीं है. वहीं, भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि जो बजट पेश किया गया है, उसे कविता या शेयर के रूप में पढ़ दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार केवल प्रयास कर रही है, लेकिन सरकार पटरी पर नहीं आ रही है. प्रदेश सरकार के पास बजट नहीं है और दावे बड़े-बड़े किए जा रहे हैं.

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