शिमला: देशभर में अपनी मिठास के लिए जाना जाने वाला हिमाचल का सेब अब जल्द ही मंडियों में अपनी महक बिखेरेगा. प्रदेश के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इस महीने के आखिरी में अर्ली वैरायटी का सेब मंडियों में पहुंचना शुरू हो जाएगा. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सेब सीजन की तैयारियों को लेकर 12 जून को बैठक बुलाई है. प्रदेश सचिवालय में आयोजित होने वाली इस बैठक में बागवानों, आढ़ती, ट्रक ऑपरेटर, कार्टन विक्रेताओं सहित सेब कारोबार से जुड़े लोगों को बुलाया गया है. इस दौरान प्रदेश में सेब सीजन की तैयारियों को लेकर सभी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की जाएगी.
15 जुलाई के बाद तेज होगा सेब सीजन
इसके अलावा इस बैठक में सेब उत्पादन को लेकर भी अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी, ताकि समय पर सेब को मंडियों में पहुंचाने के लिए ट्रकों की व्यवस्था की जा सके. प्रदेश में 15 जुलाई के बाद सेब सीजन रफ्तार पकड़ेगा. वहीं, हिमाचल में इस बार मौसम का मिजाज खराब रहने के बाद भी सेब उत्पादन 3.66 करोड़ पेटियां रहने का संभावना जताई गई है. हालांकि ये अभी मई महीने में फील्ड से प्राप्त हुए सेब उत्पादन का प्रारंभिक अनुमान है. अभी जून महीने के आखिर में फील्ड से आने वाली रिपोर्ट में स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.

3.66 करोड़ सेब पेटियों का अनुमान
हिमाचल में इस बार सेब उत्पादन पिछले साल से अधिक रहने का अनुमान है. प्रदेश भर में सेब पैदा करने वाले जिलों से प्राप्त हुई प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक इस बार प्रदेश में 3.66 करोड़ पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान है. इसमें सबसे अधिक सेब जिला शिमला में 2.53 करोड़ पेटियां होने की संभावना है. प्रदेश में सबसे अधिक सेब जिला शिमला में ही होता है. वहीं, कुल्लू जिले में 70.75 लाख सेब पेटियां होने का अनुमान है. इसी तरह से किन्नौर जिले में 41.52 लाख सेब की पेटियां होने का अनुमान है. मंडी जिले में 28.58 लाख सेब पेटियों का उत्पादन रह सकता है. चंबा जिले में 6.16 लाख पेटियां सेब होने का अनुमान है. सिरमौर जिले में भी सेब उत्पादन 3.19 लाख पेटियां होने का अनुमान जताया गया है. लाहौल स्पीति में 63 हजार, कांगड़ा में 24 हजार, सोलन में 9 हजार, बिलासपुर में 1800, हमीरपुर में 300 और ऊना जिले में सबसे कम 100 पेटियां सेब उत्पादन रहने का अनुमान लगाया गया है.

पिछले साल 2.51 करोड़ पेटियों का उत्पादन
हिमाचल की आर्थिक सेब पर काफी अधिक निर्भर है. सेब से न सिर्फ बागवानों की आर्थिक सेहत के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे लाखों लोगों का रोजगार भी जुड़ा है. पिछले पांच साल के आंकड़ों को देखें तो प्रदेश में साल 2020-21 में सेब उत्पादन 2,40,53,099 पेटियां रहा था. इसी तरह से साल 2021-22 में सेब उत्पादन बढ़कर 3,05,95,058 तक पहुंच गया था. वहीं, साल 2022-23 में भी मौसम ने बागवानों का अच्छा साथ दिया. जिस कारण प्रदेश में सेब उत्पादन में एक फिर से वृद्धि दर्ज की गई. उस साल प्रदेश ने 3,36,17,133 पेटियां सेब पैदावार हुई थी. इसके अगले साल यानी साल 2023-24 में मौसम ने बागवानों का साथ नहीं दिया और सेब उत्पादन गिरकर 2,11,11,972 पेटियों तक पहुंच गया. उस साल मंडियों में 24 किलो की पैकिंग में सेब बिका था. इसी तरह से प्रदेश में वर्ष 2024-25 में सेब उत्पादन 2,51,47,400 पेटियां सेब पैदावार हुई थी. प्रदेश में पिछली साल सेब 20 किलो के यूनिवर्सल कार्टन में सेब देश भर की विभिन्न मंडियों में पहुंचा था.

यूनिवर्सल कार्टन में होगी पैकिंग
हिमाचल प्रदेश में इस साल सेब यूनिवर्सल कार्टन में बेचा जाएगा. पिछले साल से ही हिमाचल में सेब यूनिवर्सल कार्टन में बिकना शुरू हो गया है. पहले हिमाचल में टेलिस्कोपिक कार्टन में सेब पैक होता था. टेलीस्कोपिक कार्टन में मनमर्जी की पैकिंग कर सकते थे. इसमें 25 से 30 किलो तक का सेब आ सकता था. जबकि यूनिवर्सल कार्टन में सिर्फ 20 किलो सेब ही भरा जा सकता है. इसलिए उत्पादन पेटियों में बढ़ा है, लेकिन टन के हिसाब से कम हुआ है.
