गया: पूर्व मध्य रेलवे धनबाद और डीडीयू रेल मंडल के बीच सेमी हाई स्पीड ट्रेन का ट्रायल किया गया. ट्रायल सफल रही और इस दौरान हाई स्पीड ट्रेन बुलेट 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकली और धनबाद के खांटा जंक्शन तक पहुंची. बता दें कि इस ट्रेन का गया जंक्शन पर ठहराव हुआ. पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह के नेतृत्व में यह ट्रायल हुआ.
ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी : रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, तकरीबन 412 किलोमीटर लंबे ग्रैंड कार्ड रेलखंड के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से गया जंक्शन होते ट्रायल ट्रेन प्रधान खांटा जंक्शन धनबाद तक और वापसी में प्रधान खांटा जंक्शन धनबाद से गया जंक्शन होते पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन तक अप एवं डाउन लाइन पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ हाई स्पीड का ट्रायल किया गया किया.

सफल रहा सेमी हाई स्पीड ट्रेन का ट्रायल : हाई स्पीड ट्रेन ट्रेन जब गया जंक्शन पहुंची तो डीडीयू मंडल के डीआरएम राजेश गुप्ता यहां उतर गए. साथ ही यहां पहले से मौजूद धनबाद मंडल के डीआरएम कमल किशोर ट्रेन में सवार हुआ. इसके बाद ट्रेन धनबाद के खांटा जंक्शन के लिए निकली. थोड़ी देर में ट्रेन ने मानपुर जंक्शन पार किया और फिर अपने गंतव्य खांटा जंक्शन पहुंच गई. ट्रेन को धनबाद से गया पहुंचने में 1 घंटे 48 मिनट का समय लगा.
वंदे भारत का टूटा रिकॉर्ड : ऐसे में इस ट्रेन ने सेमी वंदे भारत को भी पीछे छोड़ दिया है. बता दें कि वंदे भारत ट्रेन का अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है. हालांकि ट्रायल के दौरान इसकी स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार देखी गई थी.
Successful 160 kmph speed trial of the Pt. Deen Dayal Upadhyaya Junction - Dhanbad section. pic.twitter.com/p0lle9N1rd
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) April 4, 2025
160 की रफ्तार, ट्रेन में बैठे अधिकारियों में खुशी : पूर्व मध्य रेल के डीडीडू से गया होते हुए ट्रायल वाली हाई स्पीड ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की बुलेट जैसी रफ्तार से धनबाद पहुंची और फिर वहां से वापस गया जंक्शन होते हुए डीडीयू वापस पहुंची. इस दौरान जब ट्रेन की रफ्तार की सूई 160 किलोमीटर पर पहुंची, तो वैसे ही डीआरएम और अन्य अधिकारियों ने ट्रेन में खुशी जाहिर की.
सुरक्षित यात्रा, तगड़े इंतजाम : रेलवे के द्वारा प्रमुख रेलमार्गों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सुरक्षित यात्रा कराने के मकसद से रेलवे ट्रैक के दोनों और सुरक्षा बाड़ भी लगाए जा रहे हैं. मिशन रफ्तार के तहत बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार के तकरीबन 412 किलोमीटर लंबी ग्रैंड कार्ड रेलवे ट्रैक का कवर हो रहा है.

अब 160 KM प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी ट्रेनें : वही, ट्रायल ट्रेन में सवार पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने कहा कि ''मिशन रफ्तार के तहत हाई स्पीड ट्रेन का ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा है. कहा कि थोड़े कार्य अब शेष रह गया हैं, लेकिन जल्द ही पूरा हो जाएगा. अब इस रूट पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन में चलाई जाएगी.''
'यात्रियों के समय की बचत होगी' : वही, ट्रायल के तौर पर हाई स्पीड ट्रेन चला रहे लोको पायलट सुरेश चंद्र ने कहा कि ''160 की स्पीड चलने में कोई प्रॉब्लम नहीं हुई. पहली बार हाई स्पीड ट्रायल ट्रेन चलाई गई है, यात्रियों को समय की बचत होगी, यात्रा भी सुरक्षित रहेगी.''

बुलेट की तरह निकाली ट्रायल हाई स्पीड ट्रेन : यह पूर्व मध्य रेल के लिए बड़ी उपलब्धि बताई जा रही है. कम समय में सुरक्षित यात्रा को लेकर मिशन रफ्तार के तहत हाई स्पीड ट्रेन का ट्रायल शुक्रवार को किया गया था. हाई स्पीड ट्रेन के ट्रायल के सफल होने के साथ ही पूर्व मध्य रेल को अपनी उपलब्धि में एक और कड़ी जुड़ गई.
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