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ऑपरेशन सिंदूर : जब BSF ने दुश्मनों के हर हमले का दिया था करारा जवाब, रेत में लिखी पराक्रम की अमर गाथा - BORDER SECURITY FORCE

भारत-पाक सीमा पर तनाव की स्थिति में बीएसएफ के जवानों ने हर बार दुश्मनों को धूल चटाई है. पढ़िए ये स्पेशल रिपोर्ट....

तपती धूप में डटे बीएसएफ के जवान
तपती धूप में डटे बीएसएफ के जवान (ETV Bharat Jaisalmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : June 9, 2025 at 1:50 PM IST

Updated : June 9, 2025 at 2:40 PM IST

7 Min Read

जैसलमेर : रेगिस्तान की तपती रेत, 50 डिग्री तापमान और बॉर्डर पार छिपे बैठे दुश्मन, यह भारत-पाकिस्तान की वह सीमा है, जो जैसलमेर के तनोट और लोंगेवाला क्षेत्र से लगती है. यहीं से शुरू होती है 'ऑपरेशन सिंदूर' की कहानी, जिसने पाकिस्तान की नींदें उड़ा दीं. इसी के जवाब में जब पाकिस्तान ने अपने सबसे बड़े ड्रोन और मिसाइल हमले की तैयारी की तो भारत की सीमा पर तैनात भारत की पहली रक्षा पक्ति यानी बीएसएफ के जवान देश के लिए मजबूत दीवार बनकर खड़े हो गए.

जैसलमेर की इस पश्चिमी सीमा पर पिछले दिनों में जो कुछ घटा, वह एक ओर तो पाकिस्तान की बौखलाहट दिखाता है, वहीं दूसरी ओर भारतीय सुरक्षा बलों की चप्पे-चप्पे पर तैयारी और उनके अदम्य साहस की तस्वीर भी पेश करता है. 6 मई देर रात को ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन और मिसाइल हमलों की बौछार शुरू हो गई. जैसलमेर के तनोट क्षेत्र के सामने पाकिस्तान के रहिमयार खान जिले के तबाह एयरबेस से बड़ी संख्या में ड्रोन भारतीय सीमा की ओर भेजे गए. ये ड्रोन सिर्फ निगरानी के लिए नहीं थे, बल्कि इनके साथ हथियार, विस्फोटक और नशीले पदार्थ भी थे. कई ड्रोन तो सुसाइड मिशन पर थे, जो भारतीय चौकियों को उड़ाने के मकसद से भेजे गए थे, लेकिन भारतीय जवान हर परिस्थिति के लिए तैयार थे और हमले का जवाब भी दिया.

भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ जवान हैं हर पल तैनात.... (ETV Bharat Jaisalmer)

पढे़ें. Explainer : समझें पाकिस्तान से लगते राजस्थान के बॉर्डर का गणित, सरहद से सटे जिलों में रहेगी यह चुनौती

जैसे ही इन ड्रोन की गतिविधियां सीमा पर नोट की गईं, वैसे ही बीएसएफ के हाई अलर्ट सिस्टम ने हर चौकी को रेड अलर्ट पर डाल दिया. आधुनिक एंटी ड्रोन सिस्टम सक्रिय हो गया और सभी ड्रोन को हवा में ही मार गिराया. बीएसएफ के अधिकारियों की मानें तो सैकड़ों ड्रोन एक साथ भेजे गए थे. यह हमला एक सामान्य निगरानी ऑपरेशन नहीं था, बल्कि एक समन्वित आक्रमण योजना का हिस्सा था, लेकिन बीएसएफ की तत्परता ने पाकिस्तान की पूरी साजिश को हवा में ही खाक कर दिया.

ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर (ETV Bharat GFX)
क्या है BSF, समझिए
क्या है BSF, समझिए (ETV Bharat GFX)

पढ़ें. 1971 की लड़ाई के दौरान सिविल डिफेंस कैसे करती थी काम ? खुद सनिए...

50 डिग्री में डटे थे जवान : ड्रोन हमलों के फेल हो जाने के बाद पाकिस्तान ने मिसाइलों का सहारा लिया. जैसलमेर के लोंगेवाला सेक्टर के सामने पाकिस्तान ने कई जगहों से रॉकेट लॉन्चर और मिसाइल फायर किए, लेकिन यहां भी बीएसएफ के जवान पहले से तैयार थे. हर चौकी पर आर्टिलरी यूनिट्स को एक्टिव मोड में रखा गया था. मिसाइल के जवाब में जब भारतीय तोपें गरजीं, तो पाकिस्तानी पोस्टों पर हड़कंप मच गया. पाकिस्तान की पोस्टों के पास स्थित राडार्स तक ध्वस्त होने की खबरें हैं. ऐसे हालात में बॉर्डर का माहौल किसी युद्ध से कम नहीं था. ये सब उस समय हो रहा था, जब तापमान 50 डिग्री को पार कर चुका था, लेकिन बीएसएफ के जवान बंकरों में पूरी तरह मुस्तैद थे.

राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ
राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ (ETV Bharat GFX)
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी तैयार जवान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी तैयार जवान (ETV Bharat GFX)

पढ़ें. सिविल डिफेंस : ये है देश की चौथी फोर्स, हमले के अलर्ट पर कैसे एक्टिव होकर करती है काम? समझिए...

हर पल तैनात रहते हैं जवान : तनोट से लेकर लोंगेवाला तक की सीमा पर कई नई चौकियों की स्थापना की गई है. हर चौकी पर आधुनिक थर्मल इमेजिंग सिस्टम यानी लोरस जैसी तकनीकों को लगाया गया है, जिससे पाकिस्तान की सीमा के उस पार की हर गतिविधि को रियल टाइम में ट्रैक किया जा रहा है. एक-एक हलचल, गाड़ी की मूवमेंट, सैनिकों के समूह भी इनमें कैद हो जाते हैं. बीएसएफ की रणनीति अब सिर्फ डिफेंसिव नहीं है. अब ये सिस्टम अलर्ट देता है तो जवान तत्काल हमले की पोजिशन में चले जाते हैं. एक जवान की निगाह अगर कुछ संदिग्ध देखती है, तो कुछ ही सेकंड में उस संदिग्ध की स्थिति से बंकर में तैनात जवान की बंदूक का निशाना सेट हो जाता है. पाकिस्तान के किसी भी रेंजर ने अगर एक कदम भी आगे बढ़ाने की कोशिश की, तो उस कदम के पहले ही उनकी हरकतों को जवाब मिल जाता है.

रेगिस्तान की तपती रेत में भी तैनात रहते हैं जवान
रेगिस्तान की तपती रेत में भी तैनात रहते हैं जवान (ETV Bharat Jaisalmer)

पढे़ं. स्काउट ने भी अपनी ट्रेनिंग में शामिल किया ऑपरेशन सिंदूर, आर्मी जैसी ट्रेनिंग...सीख रहे ड्रोन और मिसाइल हमले से बचाना

बीएसएफ के पास शेल्स (गोले) और उनकी मारक क्षमता : बीएसएफ की आर्टिलरी यूनिट के पास आज ऐसे शक्तिशाली शेल्स और गोले हैं जो दुश्मन की बंकर तोड़ने की क्षमता रखते हैं. इनमें 105 mm हाई-एक्सप्लोसिव शेल, स्मोक शेल, इल्युमिनेशन शेल, और इंटीग्रेटेड फायर सिस्टम शेल्स शामिल हैं, जो रात में भी दुश्मन की हरकतों पर रोशनी डालकर उसे निशाना बना सकते हैं. सीमा पर तैनात इन तोपों से निकलने वाले हर गोले की एक तय दिशा होती है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब पाकिस्तान की ओर से मिसाइलें और ड्रोन दागे गए, तब इन्हीं तोपों से जवाबी गोले दागे गए, जिन्होंने पाकिस्तानी चौकियों को ध्वस्त कर दिया.

हर संदिग्ध गतिविधियों पर रहती है पैनी नजर
हर संदिग्ध गतिविधियों पर रहती है पैनी नजर (ETV Bharat Jaisalmer)

'अब गोली का जवाब गोले से मिलेगा' : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीकानेर में एक सार्वजनिक सभा में साफ शब्दों में कहा कि 'अब गोली का जवाब गोले से मिलेगा'. यही वाक्य अब बीएसएफ के हर जवान की चेतना में बस चुका है. तनोट से लोंगेवाला तक हर चौकी से अब सिर्फ सुरक्षा का सिग्नल नहीं, बल्कि जवाबी हमले की चेतावनी भी जाती है. इस पूरे ऑपरेशन में बीएसएफ के दर्जनों अफसर और सैकड़ों जवान शामिल रहे. कुछ जवानों ने दिन-रात एक कर दिया. किसी ने तीन-तीन महीने तक छुट्टी नहीं ली तो किसी ने परिवार को सिर्फ वीडियो कॉल पर देखा. तनोट पोस्ट पर खड़े होने पर दूर पाकिस्तान की पोस्टें साफ दिखाई देती हैं. वहां पाकिस्तानी सेना की हलचल, उनके टेंट, उनके हथियार सब कुछ देख सकते हैं. INSAS, LMG, AK सीरीज की राइफलें, रॉकेट लॉन्चर और थर्मल मिसाइल डिटेक्टर जैसे आधुनिक हथियार अब हर जवान के पास हैं. अगर कोई पूछे कि जैसलमेर की सीमा पर सुरक्षा कैसी है तो सिर्फ एक ही जवाब है- अभेद.

हर परिस्थितियों के लिए तैयार रहते हैं जवान
हर परिस्थितियों के लिए तैयार रहते हैं जवान (ETV Bharat Jaisalmer)

ऑपरेशन सिंदूर जारी है. फिलहाल सीजफायर किया गया है. पाकिस्तान के आतंकियों ने जो हरकत की थी, उसका जवाब भारत ने उसके ठिकानों को खाक में मिलाकर दिया है. पाक ने हमारे सैन्य ठिकाने और देश के आम नागरिकों को निशाना बनाकर हमला किया था. हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने उनके हर प्रहार को नाकाम किया. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल मजबूती के साथ उनकी तमाम कोशिशों को विफल बनाने में सफल रही हैं. अगर उनकी तरफ से पहली गोली चलाई गई तो हमें पता है इन्हें क्या जवाब देना है. : योगेंद्र सिंह राठौड़, DIG, सीमा सुरक्षा बल

जैसलमेर : रेगिस्तान की तपती रेत, 50 डिग्री तापमान और बॉर्डर पार छिपे बैठे दुश्मन, यह भारत-पाकिस्तान की वह सीमा है, जो जैसलमेर के तनोट और लोंगेवाला क्षेत्र से लगती है. यहीं से शुरू होती है 'ऑपरेशन सिंदूर' की कहानी, जिसने पाकिस्तान की नींदें उड़ा दीं. इसी के जवाब में जब पाकिस्तान ने अपने सबसे बड़े ड्रोन और मिसाइल हमले की तैयारी की तो भारत की सीमा पर तैनात भारत की पहली रक्षा पक्ति यानी बीएसएफ के जवान देश के लिए मजबूत दीवार बनकर खड़े हो गए.

जैसलमेर की इस पश्चिमी सीमा पर पिछले दिनों में जो कुछ घटा, वह एक ओर तो पाकिस्तान की बौखलाहट दिखाता है, वहीं दूसरी ओर भारतीय सुरक्षा बलों की चप्पे-चप्पे पर तैयारी और उनके अदम्य साहस की तस्वीर भी पेश करता है. 6 मई देर रात को ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन और मिसाइल हमलों की बौछार शुरू हो गई. जैसलमेर के तनोट क्षेत्र के सामने पाकिस्तान के रहिमयार खान जिले के तबाह एयरबेस से बड़ी संख्या में ड्रोन भारतीय सीमा की ओर भेजे गए. ये ड्रोन सिर्फ निगरानी के लिए नहीं थे, बल्कि इनके साथ हथियार, विस्फोटक और नशीले पदार्थ भी थे. कई ड्रोन तो सुसाइड मिशन पर थे, जो भारतीय चौकियों को उड़ाने के मकसद से भेजे गए थे, लेकिन भारतीय जवान हर परिस्थिति के लिए तैयार थे और हमले का जवाब भी दिया.

भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ जवान हैं हर पल तैनात.... (ETV Bharat Jaisalmer)

पढे़ें. Explainer : समझें पाकिस्तान से लगते राजस्थान के बॉर्डर का गणित, सरहद से सटे जिलों में रहेगी यह चुनौती

जैसे ही इन ड्रोन की गतिविधियां सीमा पर नोट की गईं, वैसे ही बीएसएफ के हाई अलर्ट सिस्टम ने हर चौकी को रेड अलर्ट पर डाल दिया. आधुनिक एंटी ड्रोन सिस्टम सक्रिय हो गया और सभी ड्रोन को हवा में ही मार गिराया. बीएसएफ के अधिकारियों की मानें तो सैकड़ों ड्रोन एक साथ भेजे गए थे. यह हमला एक सामान्य निगरानी ऑपरेशन नहीं था, बल्कि एक समन्वित आक्रमण योजना का हिस्सा था, लेकिन बीएसएफ की तत्परता ने पाकिस्तान की पूरी साजिश को हवा में ही खाक कर दिया.

ऑपरेशन सिंदूर
ऑपरेशन सिंदूर (ETV Bharat GFX)
क्या है BSF, समझिए
क्या है BSF, समझिए (ETV Bharat GFX)

पढ़ें. 1971 की लड़ाई के दौरान सिविल डिफेंस कैसे करती थी काम ? खुद सनिए...

50 डिग्री में डटे थे जवान : ड्रोन हमलों के फेल हो जाने के बाद पाकिस्तान ने मिसाइलों का सहारा लिया. जैसलमेर के लोंगेवाला सेक्टर के सामने पाकिस्तान ने कई जगहों से रॉकेट लॉन्चर और मिसाइल फायर किए, लेकिन यहां भी बीएसएफ के जवान पहले से तैयार थे. हर चौकी पर आर्टिलरी यूनिट्स को एक्टिव मोड में रखा गया था. मिसाइल के जवाब में जब भारतीय तोपें गरजीं, तो पाकिस्तानी पोस्टों पर हड़कंप मच गया. पाकिस्तान की पोस्टों के पास स्थित राडार्स तक ध्वस्त होने की खबरें हैं. ऐसे हालात में बॉर्डर का माहौल किसी युद्ध से कम नहीं था. ये सब उस समय हो रहा था, जब तापमान 50 डिग्री को पार कर चुका था, लेकिन बीएसएफ के जवान बंकरों में पूरी तरह मुस्तैद थे.

राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ
राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ (ETV Bharat GFX)
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी तैयार जवान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी तैयार जवान (ETV Bharat GFX)

पढ़ें. सिविल डिफेंस : ये है देश की चौथी फोर्स, हमले के अलर्ट पर कैसे एक्टिव होकर करती है काम? समझिए...

हर पल तैनात रहते हैं जवान : तनोट से लेकर लोंगेवाला तक की सीमा पर कई नई चौकियों की स्थापना की गई है. हर चौकी पर आधुनिक थर्मल इमेजिंग सिस्टम यानी लोरस जैसी तकनीकों को लगाया गया है, जिससे पाकिस्तान की सीमा के उस पार की हर गतिविधि को रियल टाइम में ट्रैक किया जा रहा है. एक-एक हलचल, गाड़ी की मूवमेंट, सैनिकों के समूह भी इनमें कैद हो जाते हैं. बीएसएफ की रणनीति अब सिर्फ डिफेंसिव नहीं है. अब ये सिस्टम अलर्ट देता है तो जवान तत्काल हमले की पोजिशन में चले जाते हैं. एक जवान की निगाह अगर कुछ संदिग्ध देखती है, तो कुछ ही सेकंड में उस संदिग्ध की स्थिति से बंकर में तैनात जवान की बंदूक का निशाना सेट हो जाता है. पाकिस्तान के किसी भी रेंजर ने अगर एक कदम भी आगे बढ़ाने की कोशिश की, तो उस कदम के पहले ही उनकी हरकतों को जवाब मिल जाता है.

रेगिस्तान की तपती रेत में भी तैनात रहते हैं जवान
रेगिस्तान की तपती रेत में भी तैनात रहते हैं जवान (ETV Bharat Jaisalmer)

पढे़ं. स्काउट ने भी अपनी ट्रेनिंग में शामिल किया ऑपरेशन सिंदूर, आर्मी जैसी ट्रेनिंग...सीख रहे ड्रोन और मिसाइल हमले से बचाना

बीएसएफ के पास शेल्स (गोले) और उनकी मारक क्षमता : बीएसएफ की आर्टिलरी यूनिट के पास आज ऐसे शक्तिशाली शेल्स और गोले हैं जो दुश्मन की बंकर तोड़ने की क्षमता रखते हैं. इनमें 105 mm हाई-एक्सप्लोसिव शेल, स्मोक शेल, इल्युमिनेशन शेल, और इंटीग्रेटेड फायर सिस्टम शेल्स शामिल हैं, जो रात में भी दुश्मन की हरकतों पर रोशनी डालकर उसे निशाना बना सकते हैं. सीमा पर तैनात इन तोपों से निकलने वाले हर गोले की एक तय दिशा होती है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब पाकिस्तान की ओर से मिसाइलें और ड्रोन दागे गए, तब इन्हीं तोपों से जवाबी गोले दागे गए, जिन्होंने पाकिस्तानी चौकियों को ध्वस्त कर दिया.

हर संदिग्ध गतिविधियों पर रहती है पैनी नजर
हर संदिग्ध गतिविधियों पर रहती है पैनी नजर (ETV Bharat Jaisalmer)

'अब गोली का जवाब गोले से मिलेगा' : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीकानेर में एक सार्वजनिक सभा में साफ शब्दों में कहा कि 'अब गोली का जवाब गोले से मिलेगा'. यही वाक्य अब बीएसएफ के हर जवान की चेतना में बस चुका है. तनोट से लोंगेवाला तक हर चौकी से अब सिर्फ सुरक्षा का सिग्नल नहीं, बल्कि जवाबी हमले की चेतावनी भी जाती है. इस पूरे ऑपरेशन में बीएसएफ के दर्जनों अफसर और सैकड़ों जवान शामिल रहे. कुछ जवानों ने दिन-रात एक कर दिया. किसी ने तीन-तीन महीने तक छुट्टी नहीं ली तो किसी ने परिवार को सिर्फ वीडियो कॉल पर देखा. तनोट पोस्ट पर खड़े होने पर दूर पाकिस्तान की पोस्टें साफ दिखाई देती हैं. वहां पाकिस्तानी सेना की हलचल, उनके टेंट, उनके हथियार सब कुछ देख सकते हैं. INSAS, LMG, AK सीरीज की राइफलें, रॉकेट लॉन्चर और थर्मल मिसाइल डिटेक्टर जैसे आधुनिक हथियार अब हर जवान के पास हैं. अगर कोई पूछे कि जैसलमेर की सीमा पर सुरक्षा कैसी है तो सिर्फ एक ही जवाब है- अभेद.

हर परिस्थितियों के लिए तैयार रहते हैं जवान
हर परिस्थितियों के लिए तैयार रहते हैं जवान (ETV Bharat Jaisalmer)

ऑपरेशन सिंदूर जारी है. फिलहाल सीजफायर किया गया है. पाकिस्तान के आतंकियों ने जो हरकत की थी, उसका जवाब भारत ने उसके ठिकानों को खाक में मिलाकर दिया है. पाक ने हमारे सैन्य ठिकाने और देश के आम नागरिकों को निशाना बनाकर हमला किया था. हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने उनके हर प्रहार को नाकाम किया. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल मजबूती के साथ उनकी तमाम कोशिशों को विफल बनाने में सफल रही हैं. अगर उनकी तरफ से पहली गोली चलाई गई तो हमें पता है इन्हें क्या जवाब देना है. : योगेंद्र सिंह राठौड़, DIG, सीमा सुरक्षा बल

Last Updated : June 9, 2025 at 2:40 PM IST
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