रांचीः आंगनबाड़ी सेविका अब सरकारी स्मार्टफोन के जरिए कामकाज संभालेंगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में रांची और खूंटी जिले के आंगनबाड़ी सेविकाओं को आज 26 मार्च को प्रदान किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि यह मोबाइल नहीं बल्कि यह हमेशा साथ में रहने वाला सहयोगी है, जिसमें अच्छाई भी है और बुराई भी है. आप पर निर्भर करता है कि इसका इस्तेमाल आप किस तरह से करते हैं.
उन्होंने आंगनबाड़ी सेविका को सचेत करते हुए कहा कि मोबाइल से कोई ऐसा ऐप डाउनलोड ना करें जो आपको क्षति पहुंचाए. उन्होंने कहा कि यह ऐसी चीज है कि घर को भी बर्बाद करने से पीछे नहीं छोड़ेगा, क्योंकि मोबाइल पर ऐसे ऐसे लोक लुभावन मैसेज आते हैं जिस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
मोबाइल की उपयोगिता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से संचालित होने वाली योजना की जानकारी सहज और सटीक रूप में मिल सकेगी. यह अलाउद्दीन के चिराग जैसा काम करेगा. अच्छा कहिएगा करने तो अच्छा करेगा बुरा कहिएगा तो बुरा करेगा. इसलिए इसका सही से इस्तेमाल हो. पूरी दुनिया इस मोबाइल के जरिए मुट्ठी में मानो सिमट कर रह गई है. आज के समय में पर्स घर में छूट जाए तो कोई बात नहीं मगर मोबाइल नहीं छूटना चाहिए.
अब तक अपने मोबाइल से करती थी आंगनबाड़ी सेविका काम
झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों रांची के 100 और खूंटी के 50 आंगनबाड़ी सेविका और महिला पर्यवेक्षिका को स्मार्टफोन सौंपा गया. अब तक यह आंगनबाड़ी सेविका और महिला पर्यवेक्षिका अपने घर के मोबाइल से रिपोर्ट तैयार करने का काम करती थी. इसके एवज में इंटरनेट खर्च के लिए विभाग के द्वारा प्रतिमाह 200 रुपये यानी साल के 2400 दिए जाते थे.
सरकार के द्वारा मिले इस स्मार्टफोन में सिम कार्ड पूर्व में रजिस्टर्ड मोबाइल सिम कार्ड को ही इसमें डालकर चालू करना होगा. खूंटी के तोरपा की आंगनबाड़ी सेविका रंजीता देवी कहती है कि सरकार के द्वारा स्मार्टफोन मिलने के बाद कामकाज में सहूलियत मिलेगी. अभी तक हम लोग अपने घर के मोबाइल से काम का चलाते थे.रांची के आंगनबाड़ी सेविका संध्या रानी कहती हैं कि सरकार की ओर से मिले इस मोबाइल को सरकारी काम में उपयोग करेंगे ना की अपने व्यक्तिगत कामों के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे.
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