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मातम में बदली ईद की खुशियां, बूंदी में बाइक सवार को रौंदा, हादसे में दो की मौत - ROAD ACCIDENT IN BUNDI

बूंदी में भारी वाहन ने ईद का मेला देखकर घर लौट रहे मोटरसाइकल सवार दो युवकों को कुचल दिया. दोनों युवकों की मौत हो गई.

accident victim
हादसे के शिकार युवक (ETV Bharat Bundi)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 1, 2025 at 10:23 AM IST

Updated : April 1, 2025 at 2:18 PM IST

4 Min Read

बूंदी/कोटा: जिले के केशोरायपाटन थाना क्षेत्र में सोमवार रात भारी वाहन ने मोटरसाइकल सवार दो युवकों को कुचल दिया. युवक बूंदी से ईद का मेले से घर लौट रहे थे. हादसा इतना भयानक था कि मोटरसाइकिल के परखच्चे उड़ गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों युवकों को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने अज्ञात वाहन के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है. उधर, मृतकों के परिजन ने आरोप लगाया कि कोटा के एमबीएस अस्पताल में रेजिडेंट्स की हड़ताल के कारण समय पर इलाज नहीं मिला. इसके चलते युवकों ने दम तोड़ दिया.

केशवरायपाटन थाना प्रभारी हंसराज मीणा ने बताया कि कस्बे के कच्ची बस्ती निवासी 22 वर्षीय नादिल हुसैन पुत्र अंसार मोहम्मद और 23 वर्षीय शहीद पुत्र सलीम की दुर्घटना में मौत हो गई. दोनों सोमवार दोपहर मोटरसाइकिल से ईद का मेला देखने बूंदी थे. रात में दोनों केशवरायपाटन लौट रहे थे कि रास्ते में हादसे का शिकार हो गए. दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए हैं.

परिजन ने लगाए आरोप, अस्पताल अधीक्षक का इनकार (ETV Bharat Kota)

पढ़ें:तेज रफ्तार में बाइक चलाना पड़ा भारी, ट्रक और कार के बीच से ओवरटेक करते समय हुआ हादसा, एक की मौत -

गलत साइड से आए वाहन ने मारी टक्कर: पुलिस के अनुसार, घटना सोमवार रात करीब साढ़े दस और ग्यारह बजे के बीच की है. नादिल और शहीद बाइक से केशवरायपाटन लौट रहे थे कि कोटा मेगा हाईवे पर गुडली के पास गलत साइड से आ रहे भारी वाहन ने उनकी बाइक को चपेट में ले लिया. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कुछ मीटर तक युवकों को भारी वाहन घसीटते हुए ले गया. हादसे के बाद चालक वाहन भगा ले गया.

ईद की खुशियों को ग्रहण: दोनों युवकों के परिजन ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि सुबह ईद की खुशियां रात होते होते मातम में बदल जाएगी. दुर्घटना के शिकार नादिल और शहीद गहरे दोस्त थे. दोनों हमेशा साथ रहते थे. ईद को दिन में केशवरायपाटन में परिजन व रिश्तेदारों से मिले. दोपहर में बूंदी में मेले में जाने की कहकर निकले थे. हादसे की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया.

परिजन बोले-रेजिडेंट्स की हड़ताल नहीं होती तो बच जाती जान

परिजनों का आरोप : बूंदी के केशोरायपाटन इलाके के सड़क हादसे के शिकार के परिजन बोले कि यदि कोटा के एमबीएस अस्पताल मेंं समय पर इलाज मिलता तो दोनों युवकों की जिंदगी बच सकती थी. परिजन ने आरोप लगाया कि कोटा में रेजिडेंट्स हड़ताल के चलते घायलों को समय पर इलाज नहीं मिला.

मरीज के परिजन शाह हातिम ने कहा कि सोमवार रात 108 एंबुलेंस के जरिए घायलों को कोटा के एमबीएस अस्पताल ले जाया गया. वहां हमने एमबीएस में डॉक्टर से आधा घंटे रिक्वेस्ट की, लेकिन दोनों को किसी चिकित्सक ने नहीं देखा. नादिम की सांसें अच्छे से चल रही थी. शाहिद की हालात सीरियस थी. बड़ी मुश्किल से एक चिकित्सक आए, लेकिन ईसीजी कर लौट गए. इलाज होता नहीं दिखा तो हम दोनों घायलों को मैत्री अस्पताल ले गए. इस दौरान एक घंटे से ज्यादा समय खराब हो गया. मैत्री अस्पताल में दोनों युवकों को मृत घोषित कर दिया गया. अगर रेजिडेंट हड़ताल नहीं होती और चिकित्सक समय से देख लेते तो जान बच सकती थी.

करेंगे शिकायत: परिजनों ने इस संबंध में शिकायत करने की बात कही. उनका कहना था कि हमारे दो लड़के चले गए, लेकिन दूसरे के साथ ऐसा नहीं हो, इसलिए शिकायत करना जरूरी है. दो मांओं की कोख उजड़ गई. पिता समेत पूरा परिवार सदमे में है.

आरोप से इनकार, कहा-ड्यूटी पर थे सीएमओ: इधर, कोटा के एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. धर्मराज मीणा ने परिजन के आरोप को निराधार बताया. डॉ. मीणा ने कहा कि रेजिडेंट्स जरूर स्ट्राइक पर थे, लेकिन सीएमओ ड्यूटी पर मौजूद थे. दुर्घटना के बाद एंबुलेंस इन्हें लेकर पहुंची थी, तब वे खुद भी अस्पताल में मौजूद थे. तत्काल इन्हें सीएमओ ड्यूटी कर रहे डॉक्टर ने देखा था. ईसीजी भी कराई गई थी. रिवाइव करने के लिए सीपीआर भी दिया था, जबकि अस्पताल आने के पहले ही दोनों की मौत हो चुकी थी.

बूंदी/कोटा: जिले के केशोरायपाटन थाना क्षेत्र में सोमवार रात भारी वाहन ने मोटरसाइकल सवार दो युवकों को कुचल दिया. युवक बूंदी से ईद का मेले से घर लौट रहे थे. हादसा इतना भयानक था कि मोटरसाइकिल के परखच्चे उड़ गए. सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों युवकों को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने अज्ञात वाहन के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है. उधर, मृतकों के परिजन ने आरोप लगाया कि कोटा के एमबीएस अस्पताल में रेजिडेंट्स की हड़ताल के कारण समय पर इलाज नहीं मिला. इसके चलते युवकों ने दम तोड़ दिया.

केशवरायपाटन थाना प्रभारी हंसराज मीणा ने बताया कि कस्बे के कच्ची बस्ती निवासी 22 वर्षीय नादिल हुसैन पुत्र अंसार मोहम्मद और 23 वर्षीय शहीद पुत्र सलीम की दुर्घटना में मौत हो गई. दोनों सोमवार दोपहर मोटरसाइकिल से ईद का मेला देखने बूंदी थे. रात में दोनों केशवरायपाटन लौट रहे थे कि रास्ते में हादसे का शिकार हो गए. दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए हैं.

परिजन ने लगाए आरोप, अस्पताल अधीक्षक का इनकार (ETV Bharat Kota)

पढ़ें:तेज रफ्तार में बाइक चलाना पड़ा भारी, ट्रक और कार के बीच से ओवरटेक करते समय हुआ हादसा, एक की मौत -

गलत साइड से आए वाहन ने मारी टक्कर: पुलिस के अनुसार, घटना सोमवार रात करीब साढ़े दस और ग्यारह बजे के बीच की है. नादिल और शहीद बाइक से केशवरायपाटन लौट रहे थे कि कोटा मेगा हाईवे पर गुडली के पास गलत साइड से आ रहे भारी वाहन ने उनकी बाइक को चपेट में ले लिया. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कुछ मीटर तक युवकों को भारी वाहन घसीटते हुए ले गया. हादसे के बाद चालक वाहन भगा ले गया.

ईद की खुशियों को ग्रहण: दोनों युवकों के परिजन ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि सुबह ईद की खुशियां रात होते होते मातम में बदल जाएगी. दुर्घटना के शिकार नादिल और शहीद गहरे दोस्त थे. दोनों हमेशा साथ रहते थे. ईद को दिन में केशवरायपाटन में परिजन व रिश्तेदारों से मिले. दोपहर में बूंदी में मेले में जाने की कहकर निकले थे. हादसे की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया.

परिजन बोले-रेजिडेंट्स की हड़ताल नहीं होती तो बच जाती जान

परिजनों का आरोप : बूंदी के केशोरायपाटन इलाके के सड़क हादसे के शिकार के परिजन बोले कि यदि कोटा के एमबीएस अस्पताल मेंं समय पर इलाज मिलता तो दोनों युवकों की जिंदगी बच सकती थी. परिजन ने आरोप लगाया कि कोटा में रेजिडेंट्स हड़ताल के चलते घायलों को समय पर इलाज नहीं मिला.

मरीज के परिजन शाह हातिम ने कहा कि सोमवार रात 108 एंबुलेंस के जरिए घायलों को कोटा के एमबीएस अस्पताल ले जाया गया. वहां हमने एमबीएस में डॉक्टर से आधा घंटे रिक्वेस्ट की, लेकिन दोनों को किसी चिकित्सक ने नहीं देखा. नादिम की सांसें अच्छे से चल रही थी. शाहिद की हालात सीरियस थी. बड़ी मुश्किल से एक चिकित्सक आए, लेकिन ईसीजी कर लौट गए. इलाज होता नहीं दिखा तो हम दोनों घायलों को मैत्री अस्पताल ले गए. इस दौरान एक घंटे से ज्यादा समय खराब हो गया. मैत्री अस्पताल में दोनों युवकों को मृत घोषित कर दिया गया. अगर रेजिडेंट हड़ताल नहीं होती और चिकित्सक समय से देख लेते तो जान बच सकती थी.

करेंगे शिकायत: परिजनों ने इस संबंध में शिकायत करने की बात कही. उनका कहना था कि हमारे दो लड़के चले गए, लेकिन दूसरे के साथ ऐसा नहीं हो, इसलिए शिकायत करना जरूरी है. दो मांओं की कोख उजड़ गई. पिता समेत पूरा परिवार सदमे में है.

आरोप से इनकार, कहा-ड्यूटी पर थे सीएमओ: इधर, कोटा के एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. धर्मराज मीणा ने परिजन के आरोप को निराधार बताया. डॉ. मीणा ने कहा कि रेजिडेंट्स जरूर स्ट्राइक पर थे, लेकिन सीएमओ ड्यूटी पर मौजूद थे. दुर्घटना के बाद एंबुलेंस इन्हें लेकर पहुंची थी, तब वे खुद भी अस्पताल में मौजूद थे. तत्काल इन्हें सीएमओ ड्यूटी कर रहे डॉक्टर ने देखा था. ईसीजी भी कराई गई थी. रिवाइव करने के लिए सीपीआर भी दिया था, जबकि अस्पताल आने के पहले ही दोनों की मौत हो चुकी थी.

Last Updated : April 1, 2025 at 2:18 PM IST
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