वाराणसी: सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) भावना भारती की अदालत में सोमवार को ज्ञानवापी के वर्ष 1991 के पुराने मामले में वादी रहे पं.हरिहर पांडेय की बेटियों मणिकुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्रा और रेनू पांडेय की पक्षकार बनाए जाने अर्जी पर सुनवाई शुरू हो गई. इस मामले में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी. हालांकि इस अर्जी पर पहले बहस हुई थी. नए पीठासीन अधिकारी कार्यभार लेने के बाद पक्षकार बनने के अर्जी पर बेटियों की ओर से आशीष श्रीवास्तव ने बहस शुरू की है. उधर वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की हटाने वाली अर्जी पर वाद मित्र ने आपत्ति दाखिल की है.
कोर्ट ने वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दाखिल ट्रस्ट डीड को पत्रावली में शामिल करने की अनुमति दे दी है. पिछली तिथि पर मुकदमे के वादी रहे पं.हरिहर पांडेय की बेटियों मणि कुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्रा और रेनू पांडेय की ओर से मुकदमे में पक्षकार बनाए जाने का दाखिल प्रार्थना पत्र पर अब लंबित है. इस पर पिछले तिथि ओ पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से जवाब दाखिल की गई थी उसपर भी प्रति आपत्ति दाखिल की गई. इस मामले में सुनवाई शुरू हुई थी मगर न्यायिक अधिकारी के स्थानांतरण होने के बाद इस कोर्ट में नए पीठासीन अधिकारी कार्यभार संभालने के फिर से सुनवाई शुरू हो गई.
उधर इस वाद में पिछले तिथि पर एक अर्जी अनुष्का तिवारी की ओर से दाखिल कर लघु देवता वादी, स्वयंभू भगवान विशेश्वर की प्राचीन मूर्ति के वाद मित्र के रूप में विजय शंकर रस्तोगी को हटाने की मांग की गई है. इस मामले वादी रहे सभी की मृत्यु हो चुकी है. पंडित सोमनाथ व्यास का निधन 7 मार्च 2000 को हो गया था. 11 अक्टूबर 2019 को उनके निधन के बाद विजय शंकर रस्तोगी को मुकदमे में देवता के हित का प्रतिनिधित्व जारी रखने के लिए देवता स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर के अगले मित्र के रूप में नियुक्त किया गया था.
स्थानांतरण आवेदन का विरोध करके देवता के अनेक भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं उचित आवश्यक पक्षों को पक्षकार नहीं बनाया गया है, अर्थात राज्य सरकार, भारत संघ और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट इन संस्थाओं की पक्षकार के रूप में अनुपस्थिति संभावित रूप से कार्यवाही की व्यापकता और प्रभावशीलता को प्रभावित कर सकती है. इसी तरह, काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट आसन्न मंदिर का प्रबंधन करता है और उपर्युक्त मुकदमे के परिणाम में निहित स्वार्थ रखता है. एक सुस्थापित कानून है, यदि अगला मित्र मामले को ठीक से नहीं संभाल रहा है और नाबालिग या देवता के हितों की रक्षा नहीं कर रहा है, तो न्यायालय द्वारा अगले मित्र को हटाया जा सकता है.
विजय शंकर रस्तोगी को वादी के नेक्स्ट फ्रेंड के पद से हटाने की कोर्ट से गुहार लगाई है. वहीं नहीं तथा किसी अन्य व्यक्ति को वादी के नेक्स्ट फ्रेंड के रूप में कार्य करने की अनुमति देने की मांग की है. जिसमें अनुष्का ने प्रस्तावित वाद मित्र का नाम विष्णु शंकर जैन, अश्विनी कुमार उपाध्याय, विश्वभर नाथ मिश्रा ( संकट मोचन मन्दिर महंत), जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का नाम पर गुहार लगाई है.
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