गया : बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर में पवित्र बोधि वृक्ष की वैज्ञानिक जांच की गई. वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) देहरादून के वैज्ञानिक डॉ. संतन भर थवाल और डॉ. शैलेश पांडे की टीम ने वृक्ष का निरीक्षण किया. इस दौरान बीटीएमसी की सचिव महाश्वेता महारथी, बौद्ध भिक्षु और अन्य सदस्य मौजूद रहे.
पवित्र महाबोधि मंदिर से निकल रहा तरल : वैज्ञानिकों की टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि बोधि वृक्ष के मुख्य तने से तरल पदार्थ निकल रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पुराने पेड़ों की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और इससे किसी प्रकार की चिंता की आवश्यकता नहीं है.

बोधि वृक्ष का हेल्थ बुलेटिन जारी : डॉ. शैलेश पांडे ने बताया कि बोधि वृक्ष की समग्र स्थिति अत्यंत स्वस्थ है. पेड़ की पत्तियां हरी और तनावमुक्त हैं, साथ ही पत्तियों में किसी भी प्रकार के संक्रमण के संकेत नहीं पाए गए. वृक्ष की नियमित जांच वर्ष में चार बार की जाती है, जिसमें यह जांच उसी क्रम का हिस्सा थी.
सुरक्षा के लिए लोहे के खंभे का सहारा : बीटीएमसी सचिव महाश्वेता महारथी ने बताया कि बोधि वृक्ष की एक शाखा को सुरक्षा के दृष्टिकोण से लोहे के खंभे का सहारा दिया गया है. मौसम की खराब स्थिति को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं. सूखी और मृत शाखाओं की छंटाई भी की गई है.

निरीक्षण में कई अधिकारी रहे मौजूद : वृक्ष निरीक्षण के दौरान भिक्षु डॉ. मनोज, डॉ. महाश्वेता महारथी, डॉ. अरविंद सिंह और श्री किरण लामा भी उपस्थित थे. वैज्ञानिकों ने आश्वस्त किया है कि वृक्ष पूरी तरह स्वस्थ है और उसकी जीवन शक्ति मजबूत बनी हुई है.
''बोधि वृक्ष में कोई अन्य समस्या नहीं मिली, एहतियाती उपायों के रूप में वृक्ष पर हल्का उपचार किया गया, बोधि वृक्ष बहुत स्वस्थ है, उसके पत्ते भी बहुत स्वस्थ हैं, खास बात यह है कि उस के पत्ते हरे हैं, उनमें किसी भी तरह का तनाव नहीं है, बोधि वृक्ष की बारीकी से जांच हुई है, ये जांच रुटीन जांच में से एक है.''- डॉ शैलेश पांडेय, जांचकर्ता वैज्ञानिक
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