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सरहुल के दिन घंटों बिजली गुल रहने पर हाईकोर्ट गंभीर, रामनवमी समेत सभी जुलूस के दौरान पावर सप्लाई बंद करने पर लगायी रोक - SARHUL SHOBHA YATRA

सरहुल शोभा यात्रा के दौरान रांची के विभिन्न इलाकों में बिजली बाधित रही, जिस पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने जवाब मांगा है.

Sarhul Shobha Yatra
सरहुल शोभा यात्रा पर बिजली बाधित होने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : April 3, 2025 at 6:01 PM IST

2 Min Read

रांची: 1 अप्रैल को सरहुल शोभा यात्रा के दौरान राजधानी के अलग-अलग इलाकों में 5 से 10 घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहने के मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम.एस.रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की.

जानकारी देते अधिवक्ता (Etv Bharat)

खंडपीठ ने कहा कि बिजली एक अनिवार्य सेवा है. इसको बाधित नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने बिजली निगम से जानना चाहा कि सरहुल के दिन घंटों बिजली आपूर्ति बाधित क्यों रही. इससे होने वाली परेशानी को ध्यान में क्यों नहीं रखा गया. यह जानकारी झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी है.

जवाब में महाधिवक्ता ने बताया कि साल 2000 में एक बड़ा हादसा हुआ था. जिसमें बिजली के तार की चपेट में आने से 29 लोगों की मौत हो गई थी. भविष्य में ऐसी घटना ना हो, इसको ध्यान में रखकर जुलूस के दौरान बिजली आपूर्ति बंद कर दी जाती है.

इसपर खंडपीठ ने कहा कि अनिवार्य सेवा को बाधित नहीं किया जा सकता. लिहाजा, सरकार को सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित कराना चाहिए. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने खंडपीठ को बताया कि 6 अप्रैल को रामनवमी और 6 जुलाई को मुहर्रम जुलूस के मद्देनजर बिजली सप्लाई रोकने की फिर जरुरत पड़ेगी. इसपर खंडपीठ ने आदेश दिया कि कोई हादसा ना हो, इसके उपाय सुनिश्चित कराएं. लेकिन बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए. इस मामले में 9 अप्रैल को विस्तृत सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ें:

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रांची: 1 अप्रैल को सरहुल शोभा यात्रा के दौरान राजधानी के अलग-अलग इलाकों में 5 से 10 घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहने के मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम.एस.रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रौशन की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की.

जानकारी देते अधिवक्ता (Etv Bharat)

खंडपीठ ने कहा कि बिजली एक अनिवार्य सेवा है. इसको बाधित नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने बिजली निगम से जानना चाहा कि सरहुल के दिन घंटों बिजली आपूर्ति बाधित क्यों रही. इससे होने वाली परेशानी को ध्यान में क्यों नहीं रखा गया. यह जानकारी झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने दी है.

जवाब में महाधिवक्ता ने बताया कि साल 2000 में एक बड़ा हादसा हुआ था. जिसमें बिजली के तार की चपेट में आने से 29 लोगों की मौत हो गई थी. भविष्य में ऐसी घटना ना हो, इसको ध्यान में रखकर जुलूस के दौरान बिजली आपूर्ति बंद कर दी जाती है.

इसपर खंडपीठ ने कहा कि अनिवार्य सेवा को बाधित नहीं किया जा सकता. लिहाजा, सरकार को सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित कराना चाहिए. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने खंडपीठ को बताया कि 6 अप्रैल को रामनवमी और 6 जुलाई को मुहर्रम जुलूस के मद्देनजर बिजली सप्लाई रोकने की फिर जरुरत पड़ेगी. इसपर खंडपीठ ने आदेश दिया कि कोई हादसा ना हो, इसके उपाय सुनिश्चित कराएं. लेकिन बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए. इस मामले में 9 अप्रैल को विस्तृत सुनवाई होगी.

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