रोहित कुमार सोनी, देहरादून: देश और दुनिया घूमना लगभग हर किसी को पसंद है, लेकिन लोग अपनी सहूलियत को देखते हुए भ्रमण पर जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो लोगों को जागरूक करने को लेकर देश-विदेश के भ्रमण पर निकलते हैं. ऐसे ही एक युवक हरियाणा के रेवाड़ी का रहने वाला है, जो साइकिल के जरिए 14 देशों की भ्रमण कर रहा है.
हरियाणा का रहने वाला युवक महेश कुमार ने 15 जनवरी को रेवाड़ी से अपनी साइकिल यात्रा शुरू की थी. जो चंडीगढ़ से होते हुए 8 अप्रैल को देहरादून पहुंचा. अब वो उत्तराखंड के विभिन्न राज्यों से गुजरते हुए बनबसा होकर नेपाल के लिए रवाना हो गया है. महेश कुमार 'मेंटल हेल्थ अवेयरनेस' और 'वसुधैव कुटुंबकम' का संदेश लेकर साइकिल पर निकला है.
ईटीवी भारत से बातचीत में साइकिलिस्ट महेश कुमार ने कहा कि इस साइकिल यात्रा के जरिए वो 'मेंटल हेल्थ अवेयरनेस' और 'वसुधैव कुटुंबकम' को प्रमोट कर रहे हैं. ताकि, वो सोसाइटी में इसके प्रति एक अच्छा संदेश फैला पाए. ऐसे में वो 14 देशों के भ्रमण पर निकला है, जिसे पूरा करने में लगभग 11 से 12 महीने का समय लगेगा.
हरियाणा के सीएम ने दिखाई थी हरी झंडी, हांगकांग में होगा साइकिल यात्रा का समापन: साइकिलिस्ट महेश ने बताया कि इस साइकिल यात्रा का शुभारंभ हरियाणा के रेवाड़ी में हुआ है और इसका समापन हांगकांग में होगा. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उनकी इस साइकिल यात्रा को हरी झंडी दिखाई थी. इसके साथ ही फिट इंडिया अभियान में महेश को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है.

इसके साथ ही महेश ने बताया कि 'संडे और साइकिल' एक कॉन्सेप्ट चल रहा है. जिसके तहत हर रविवार को कहीं न कहीं कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. जिसका भी महेश को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है. उन्होंने बताया कि हरियाणा के रेवाड़ी से साइकिल यात्रा शुरू की थी. जिसके बाद वो चंडीगढ़ पहुंचे.
जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उनकी साइकिल की यात्रा को हरी झंडी दिखाई. इसके बाद वो देहरादून पहुंचे हैं, जहां वो बीएसएफ कैंप में रखेंगे. इसके बाद कल आइटीबीपी कैंप में स्टे करेंगे. इसके बाद उत्तराखंड के बनबसा से होते हुए नेपाल पहुंचेंगे. नेपाल के साथ ही सिक्किम होते हुए भारत वापस आएंगे, इसके बाद भूटान जाएंगे.
बीएसएफ और आईटीबीपी कर रही सपोर्ट: उनके इस साइकिल यात्रा में बीएसएफ और आईटीबीपी भी सपोर्ट कर रही है. देश के तमाम हिस्सों में वार की स्थिति बनी हुई है. कई देशों के बीच वार हो ही चुकी है. ऐसे में उनकी कोशिश है कि इस साइकिल यात्रा के जरिए वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देश-दुनिया तक पहुंचाया जाए.

स्वामी विवेकानंद से प्रेरित होकर साइकिल के भ्रमण पर निकले: महेश ने बताया कि उन्होंने बीसीए कोर्स किया हुआ है, लेकिन वो स्वामी विवेकानंद से प्रेरित होकर ही साइकिल के जरिए 14 देशों के भ्रमण पर निकले हैं. उन्होंने बताया कि वो जॉब कर रहे थे, लेकिन वो जॉब छोड़कर इस साइकिल यात्रा पर निकले हैं. हालांकि, अपने भविष्य को देखते हुए उन्होंने एक स्पोर्ट्स इवेंट कंपनी बनाई है.
उन्होंने बताया कि उनके इस साइकिल यात्रा के दौरान होने वाले खर्च का वहन जर्मन की एक कंपनी के साथ ही कुछ लोगों के सहयोग से किया जा रहा है. महेश की यह साइकिल यात्रा आरामदायक तो नहीं है, लेकिन उनको इसमें काफी ज्यादा मजा आ रहा है, लेकिन जिस तरह से हर जगह पर मौसम और पानी का बदलाव हो रहा है, वो एक बड़ी चुनौती है. महेश ने बताया कि उन्होंने अपने साइकिल में स्लीपिंग बैग, योगा मैट, पानी की बोतल, साइकिल से जुड़े तमाम इक्विपमेंट समेत जरूरी सामान रखे हुए हैं.

साइकिल चलाने के फायदे: साइकिलिंग करने से मांसपेशियां मजबूत होती है. साथ ही शरीर का चर्बी कम होने के साथ ही वजन भी घटता है. इसके साथ ही कई और बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं. साइकिलिंग से एक साथ कई सारे अंगों की कसरत हो जाती है. जिससे फिटनेस बना रहता है और स्वास्थ्य भी सुधरने लगता है.
साइकिलिंग से मांसपेशियां मजबूत होने के साथ ही पैर व जांघों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है. साथ ही कैलरी भी खूब खर्च होती है. साइकिलिंग से वजन घटता है. दिल की गति बढ़ाता है. साथ ही फैट को जलाने में भी काफी मददगार साबित होती है. एक शोध के मुताबिक, रोजाना साइकिल चलाने से मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है.
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