पंचकूला: हरियाणा लोक सेवा आयोग ने एक महत्वपूर्ण आदेश में हिसार तहसील के नायब तहसीलदार द्वारा समयबद्ध सेवा प्रदान नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की है. यह कार्रवाई हिसार के गांव बीड़ में भूमि हस्तांतरण और म्युटेशन प्रक्रिया में हुई देरी के चलते की गई है. आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि हिसार निवासी सुमेधा जिंदल द्वारा दर्ज शिकायत पर सुनवाई करते हुए आयोग ने पाया कि नायब तहसीलदार नवदीप द्वारा दी गई जानकारी तथ्यों के विपरीत थी.
भेदभाव और सेवा में देरी: दरअसल, द हिसार एनिमल हसबैंड्री को-ऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसायटी लि. के नाम भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया जून 2024 से शुरू होकर अक्टूबर 2024 में पूरी हुई. जबकि उस अवधि में वास्तव में केवल कुछ ही विक्रय विलेख हुए थे. इसके अतिरिक्त हरियाणा सरकार की अधिसूचना दिनांक 16 मार्च 2021 के अनुसार विक्रय विलेख पंजीकरण के दिन ही म्युटेशन प्रक्रिया स्वतः आरंभ हो जानी चाहिए थी. जबकि इस मामले में पंजीकरण और म्युटेशन एंट्री के बीच अत्यधिक विलंब हुआ और म्युटेशन की प्रविष्टि 23 दिसंबर 2024 को तब की गई जब आयोग ने 17 दिसंबर 2024 को इस पर संज्ञान लिया.
आयोग ने पाया कि जिन विलेखों का पंजीकरण शिकायतकर्ता के बाद हुआ था, उनका म्युटेशन पहले दर्ज कर लिया गया. यह स्पष्ट रूप से भेदभाव और सेवा में देरी को दर्शाता है.
वेतन से कटेगी जुर्माना और मुआवजा राशि: राज्य सेवा आयोग ने नायब तहसीलदार नवदीप को सेवा में लापरवाही और शिकायतकर्ता को उत्पीड़ित करने का दोषी पाया है. हरियाणा राइट टू सर्विस एक्ट 2014 की धारा 17(1)(एच) के तहत पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये का मुआवजा भी प्रदान करने के आदेश दिए गए हैं. आयोग द्वारा उपायुक्त, हिसार को निर्देश दिया गया है कि अप्रैल 2025 के वेतन से यह राशि काटकर राज्य कोष में जमा कराई जाए और मुआवजा शिकायतकर्ता को प्रदान किया जाए.
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