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गुरुग्राम में जर्जर इमारतों को लेकर सख्त हुआ मानवाधिकार आयोग, नगर निगम को भेजी नोटिस - HARYANA HUMAN RIGHTS COMMISSION

हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग ने जर्जर इमारतों को लेकर गुरुग्राम नगर निगम को नोटिस भेजा है.

Dilapidated building in Gurugram
गुरुग्राम में जर्जर इमारत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : April 3, 2025 at 6:13 PM IST

3 Min Read

गुरुग्राम: पिछले दिनों म्यांमार और थाईलैंड में भूंकप से हुए बड़े हादसे के बाद भी गुरुग्राम नगर निगम सबक नहीं ले रहा है. इन दोनों देशों में सैकड़ों इमारतें जमींदोज हो गईं. इसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान भी गई. वहीं, नई दिल्ली से सटे गुरुग्राम में 54 ऐसी इमारतें हैं, जिन्हें खतरनाक घोषित किया जा चुका है.निगम की ओर से इन इमारतों को लेकर किसी तरह की कार्रवाई न होने पर हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग ने नगर निगम को नोटिस भेजी है. आयोन ने निगम की लापरवाही पर कड़ा संज्ञान लेते हुए यह नोटिस जारी की है.

2022 हादसे में दो महिलाओं की हुई थी मौत: दरअसल, आयोग में 20 मई को होने वाली सुनवाई में निगम आयुक्त और चीफ इंजीनियर को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के आदेश जारी किए हैं. आयोग इस बात पर काफी नाराज है कि नगर निगम ने इन 54 इमारतों को लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की. दरअसल, 10 फरवरी 2022 को गुरुग्राम की चिंटल पैराडाइसो सोसायटी की बहुमंजिला इमारत का एक हिस्सा गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई थी. इस हादसे में एक व्यक्ति घायल भी हुआ. इस घटना के बाद मानवाधिकार आयोग ने ऐसी इमारतों को लेकर निगम को अलर्ट करती रहती है.

हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग सख्त (ETV Bharat)

183 इमारतों को किया गया था चिन्हित: नगर निगम की ओर से आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि गुरुग्राम में 183 खतरनाक इमारतों को चिह्नित किया गया. इनमें से 152 इमारतों का निरीक्षण भी किया गया. उस समय 80 इमारतों को खतरनाक माना गया. बड़ी बात यह है कि अब निगम की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में इस संख्या को घटाकर 54 कर दिया है। इतना ही नहीं, 15 इमारतों का निगम ने अभी तक निरीक्षण भी नहीं किया है. आयोग ने अपने नोटिस में स्पष्ट तौर पर कहा है कि इससे स्पष्ट होता है कि नगर निगम इस मुद्दे पर कतई गंभीर नहीं है.

अगली कार्यवाही में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश: नोटिस के जरिए आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) ललित बतरा, सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया की पीठ ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. आयोग ने मुख्य अभियंता मनोज यादव को निर्देश दिए हैं कि वे अगली सुनवाई में 54 खतरनाक इमारतों और शेष 15 इमारतों की स्थिति पर ठोस कार्यवाही की रिपोर्ट पेश करें. इस बारे में चिंटल पैराडीसो आरडबल्यू अध्यक्ष राकेश हुड़्डा ने भी कहा कि आयोग ने सही कदम उठाया है. किसी भी इमारत की स्थिति सही न होने पर निगम को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे में हादसे का खतरा रहता है. लोगों की जान जाती है.

ये भी पढ़ें:फरीदाबाद की मेयर प्रवीण जोशी ने संभाला पदभार, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने जनता का जताया आभार

गुरुग्राम: पिछले दिनों म्यांमार और थाईलैंड में भूंकप से हुए बड़े हादसे के बाद भी गुरुग्राम नगर निगम सबक नहीं ले रहा है. इन दोनों देशों में सैकड़ों इमारतें जमींदोज हो गईं. इसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान भी गई. वहीं, नई दिल्ली से सटे गुरुग्राम में 54 ऐसी इमारतें हैं, जिन्हें खतरनाक घोषित किया जा चुका है.निगम की ओर से इन इमारतों को लेकर किसी तरह की कार्रवाई न होने पर हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग ने नगर निगम को नोटिस भेजी है. आयोन ने निगम की लापरवाही पर कड़ा संज्ञान लेते हुए यह नोटिस जारी की है.

2022 हादसे में दो महिलाओं की हुई थी मौत: दरअसल, आयोग में 20 मई को होने वाली सुनवाई में निगम आयुक्त और चीफ इंजीनियर को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के आदेश जारी किए हैं. आयोग इस बात पर काफी नाराज है कि नगर निगम ने इन 54 इमारतों को लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की. दरअसल, 10 फरवरी 2022 को गुरुग्राम की चिंटल पैराडाइसो सोसायटी की बहुमंजिला इमारत का एक हिस्सा गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई थी. इस हादसे में एक व्यक्ति घायल भी हुआ. इस घटना के बाद मानवाधिकार आयोग ने ऐसी इमारतों को लेकर निगम को अलर्ट करती रहती है.

हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग सख्त (ETV Bharat)

183 इमारतों को किया गया था चिन्हित: नगर निगम की ओर से आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि गुरुग्राम में 183 खतरनाक इमारतों को चिह्नित किया गया. इनमें से 152 इमारतों का निरीक्षण भी किया गया. उस समय 80 इमारतों को खतरनाक माना गया. बड़ी बात यह है कि अब निगम की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में इस संख्या को घटाकर 54 कर दिया है। इतना ही नहीं, 15 इमारतों का निगम ने अभी तक निरीक्षण भी नहीं किया है. आयोग ने अपने नोटिस में स्पष्ट तौर पर कहा है कि इससे स्पष्ट होता है कि नगर निगम इस मुद्दे पर कतई गंभीर नहीं है.

अगली कार्यवाही में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश: नोटिस के जरिए आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) ललित बतरा, सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया की पीठ ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. आयोग ने मुख्य अभियंता मनोज यादव को निर्देश दिए हैं कि वे अगली सुनवाई में 54 खतरनाक इमारतों और शेष 15 इमारतों की स्थिति पर ठोस कार्यवाही की रिपोर्ट पेश करें. इस बारे में चिंटल पैराडीसो आरडबल्यू अध्यक्ष राकेश हुड़्डा ने भी कहा कि आयोग ने सही कदम उठाया है. किसी भी इमारत की स्थिति सही न होने पर निगम को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे में हादसे का खतरा रहता है. लोगों की जान जाती है.

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