पंचकूला: हरियाणा पुलिस भर्ती में राज्य सरकार द्वारा अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. इसी तरह से वन विभाग में फोरेस्ट गार्ड, जेल वार्डर और खनन गार्ड की नौकरी में भी अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है. पंचकूला में अग्निवारों की नौकरी में आरक्षण संबंधी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता के दौरान सीएम ने कहा, "हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने अग्निवीरों को सेना की सेवाअवधि के बाद नौकरी देने का प्रावधान कर उनका भविष्य सुरक्षित किया है. उन्हें सुरक्षा कवच प्रदान किया है."
नौकरी के लिए पोर्टल पर होगा रजिस्ट्रेशन: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि "अग्निवीर सेना की सेवा अवधि के बाद हरियाणा में नौकरी पा सकेंगे. इसको लेकर उनके लिए अलग से पोर्टल बनाया जाएगा, जिस पर वे अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इसके बाद उन्हें शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नौकरियों में वरीयता दी जाएगी."
अग्निवीरों का पहला बैच 2026 में होगा पूरा: केंद्र सरकार की ओर से साल 2022 से शुरू की गई अग्निपथ योजना के तहत सेना के तीनों अंगों थल, जल और वायु सेना में अग्निवीरों की भर्ती की गई है. अग्निवीरों का पहला बैच जुलाई 2026 में पूरा होना है, जबकि हरियाणा मंत्रिमंडल ने इससे पहले ही हरियाणा अग्निवीर नीति 2024 क्रियान्वित कर अग्निवीरों को सुरक्षा कवच प्रदान कर दिया. बताया गया कि हरियाणा से वर्ष 2022-23 के दौरान 2227 और 2023-24 के दौरान लगभग 2893 अग्निवीर थल, जल और वायु सेना में भर्ती हुए.
इन विभागों में भी आरक्षण, उद्योगों को सब्सिडी: हरियाणा में अग्निवीरों को खनन गार्ड, जेल वार्डर और एसपीओ की भर्ती में 10 प्रतिशत होर्टिजेनटल आरक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा ग्रुप-सी की भर्ती में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. जो अग्निवीर स्वरोजगार या उद्यमशीलता को अपनाना चाहते हैं, उन्हें सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा. इसके अलावा जो उद्योग अग्निवीरों को 30 हजार रुपये से अधिक मासिक वेतनमान पर सेवाओं में रखते हैं, उन उद्योगों को सरकार 60 हजार रुपये वार्षिक सब्सिडी भी उपलब्ध करवाएगी.
अग्निवीरों को गन लाइसेंस में प्राथमिकता: इसके साथ ही जो अग्निवीर प्राइवेट सुरक्षा कर्मी के रूप में सेवाएं देना चाहते हैं, उन्हें गन लाइसेंस प्रदान करने में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए अग्निवीरों को पोर्टल पर आवेदन करना होगा.
यह पदाधिकारी रहेंगे बैठक में मौजूद: बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा, सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार मौजूद रहे. इसके अलावा मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. साकेत कुमार भी बैठक में शामिल हुए.
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