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Explainer: कहने को समृद्ध है हरियाणा, फिर भी 70% परिवार गरीबी रेखा से नीचे, जानें क्या है इसकी वजह - HARYANA BPL SCAM

Haryana BPL scam: हरियाणा प्रति व्यक्ति आय में देश के शीर्ष राज्यों में शुमार है, फिर भी यहां 70% से ज्यादा लोग गरीब हैं.

Haryana BPL scam
Haryana BPL scam (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 18, 2025 at 2:18 PM IST

Updated : May 19, 2025 at 10:38 AM IST

10 Min Read

पंचकूला: इन दिनों हरियाणा में बीपीएल कार्ड धारकों को लेकर हंगामा मचा है. इसकी शुरुआत हरियाणा विधानसभा बजट सत्र में हुई. जब विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन में परिवार पहचान पत्र और बीपीएल कार्ड में धांधली का मुद्दा उठाया. हरियाणा की आबादी करीब तीन करोड़ के करीब है. इस आबादी के करीब 70 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि हरियाणा प्रति व्यक्ति आय में देश की औसत प्रति व्यक्ति आय से आगे है. फिर ये कैसे संभव है कि करीब 70 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है?

कांग्रेस ने उठाया हरियाणा में बीपीएल कार्ड फर्जीवाड़े का मुद्दा: कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और हरियाणा सरकार पर निशाना साधा. रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि "हरियाणा में चौतरफा फैली गरीबी का सच है कि वादा तो प्रदेश के उत्थान का किया था, लेकिन तीन चौथाई प्रदेश को बीपीएल बना दिया. बीजेपी राज में यही मुमकिन है. आंख बंद हों या खुली, मुझे हरियाणा प्रांत व उसके लोगों की समस्याओं की चिंता भी है और उनका हल निकलवाने की लगन भी, ये बात अलग है कि आपको सत्ता के तख्त पर बैठने के बाद 'खुली आंख' से भी जनता की व्यथा नजर नहीं आती."

Haryana BPL scam
रणदीप सुरजेवाला ने उठाए थे सवाल (Randeep Surjewala Social Media)

सीएम नायब सैनी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन: रणदीप सुरजेवाला के बयान पर पलटवार करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा था कि पहले बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या एक लाख 20 हजार थी. अब हरियाणा में बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या 1 लाख 80 हजार है. संख्या बढ़ रही है, मतलब हमने लोगों को लाभ दिया है. ऐसा कांग्रेस शासनकाल में होता था कि जो लोग आर्थिक रूप से मजबूत होते थे, उनका भी बीपीएल कार्ड होता था. अब उन्होंने सवाल उठाया है, तो हमने जांच के आदेश दिए हैं. बीजेपी सरकार का लक्ष्य है कि पात्र लोगों को लाभ मिले. अपात्र को नहीं.

कांग्रेस के सवाल उठाने के बाद सरकार ने फर्जी बीपीएल कार्ड धारकों के खिलाफ सख्ती शुरू की, जिसके तहत लाखों कार्ड रद्द किए गए हैं. जांच में पता चला कि कई सक्षम लोगों ने भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बीपीएल कार्ड बनाए हुए थे. जिसे अब पहचान कर रद्द किया जा रहा है. आगे हम जानेंगे कि समृद्ध राज्यों की सूची में आने वाले हरियाणा में 70 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे कैसे हो सकते हैं?

हरियाणा की आर्थिक तस्वीर: 2023-24 में हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय ₹2,96,685 थी. जबकि 2024-25 में हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय ₹3,53,182 है, जो राष्ट्रीय औसत (₹1,80,000) से कहीं ज्यादा है. पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश इस मामले में हरियाणा से पीछे है. गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे औद्योगिक केंद्रों ने हरियाणा को आर्थिक ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. 2024-25 में राज्य का राजस्व ₹1,89,326 करोड़ है और जीडीपी वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है.

Haryana BPL scam
प्रति व्यक्ति आय में हरियाणा पड़ोसी राज्यों से आगे (ETV Bharat)

लेकिन आंकड़े सिर्फ चमक नहीं दिखाते. हरियाणा के गौरव को भी बताते हैं. हरियाणा का कुल राजस्व 1,89,326 करोड़ रुपये है और इसका जीडीपी ग्रोथ रेट भी राष्ट्रीय औसत से ऊपर है. तो सवाल ये है कि जब हरियाणा इतना समृद्ध है, तो 70% से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा से नीचे कैसे? ये विरोधाभास ही बीपीएल घोटाले की कहानी की जड़ है.

बीपीएल का चौंकाने वाला आंकड़ा: 70% से ज्यादा गरीब? हरियाणा की आबादी करीब 2.8 करोड़ है. खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2.10 करोड़ लोग बीपीएल श्रेणी में हैं. दिसंबर 2022 में ये आंकड़ा 1.24 करोड़ (44%) था, लेकिन दो साल में 75 लाख लोग और बीपीएल में जुड़ गए. नवंबर 2024 में 2,67,693 लोग बीपीएल श्रेणी में शामिल हुए.

Haryana BPL scam
हरियाणा में बीपीएल कार्ड (Etv Bharat)

ये आंकड़े हरियाणा की समृद्धि के दावों पर सवाल उठाते हैं. फरीदाबाद में 14.29 लाख, हिसार में 13.55 लाख, और मेवात में 13.49 लाख बीपीएल लाभार्थी हैं. हैरानी की बात ये है कि हिसार और करनाल जैसे समृद्ध जिले भी इस सूची में ऊपर हैं. तो क्या हरियाणा वाकई इतना गरीब है, या ये आंकड़े कुछ और कहानी बयां करते हैं?

परिवार पहचान पत्र- सुविधा या समस्या? हरियाणा में बीपीएल कार्ड परिवार पहचान पत्र (PPP) के आधार पर जारी होते हैं. PPP एक 8-अंकीय परिवार आईडी है, जिसमें परिवार के सदस्यों का नाम, उम्र, और आय जैसी जानकारी होती है. बीपीएल के लिए आय सीमा 1,80,000 रुपये प्रति वर्ष है. लेकिन यहां सबसे बड़ी खामी ये है कि आय का सत्यापन पूरी तरह स्व-घोषणा पर टिका है.

Haryana BPL scam
ऐसे बनता है बीपीएल कार्ड (Etv Bharat)

विशेषज्ञों का कहना है कि PPP में आय की जानकारी सरकारी स्तर पर क्रॉस-चेक नहीं होती. हिसार में एक राशन डीलर ने बताया "कई संपन्न परिवारों ने अलग-अलग कार्ड बनवाए, ताकि आय सीमा के नीचे रहें और बीपीएल लाभ ले सकें." PPP ने डेटा संग्रह को आसान बनाया, लेकिन इसकी खामियां फर्जी कार्ड की बाढ़ का कारण बनीं.

बीपीएल कार्ड का खेल- फर्जीवाड़े की कहानी: हरियाणा में बीपीएल कार्ड का घोटाला कोई नई बात नहीं. 6.84 लाख परिवारों की जांच चल रही है, क्योंकि उन्होंने PPP में गलत आय दिखाई. अप्रैल 2025 तक 2.75 लाख कार्ड रद्द हो चुके हैं. एक चौंकाने वाला मामला रोहतक का है, जहां 35 एकड़ जमीन वाले किसान के पास बीपीएल कार्ड था.

Haryana BPL scam
बीपीएल कार्ड घोटाला (Etv Bharat)

कांग्रेस विधायक भरत भूषण बत्रा ने आरोप लगाया कि 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने बिना सत्यापन के लाखों कार्ड जारी किए. एक रेडिट यूजर ने लिखा, "मेरे गांव में 2 लाख महीने कमाने वाले परिवार के पास भी बीपीएल कार्ड है." ये सिर्फ एक उदाहरण है—ऐसे हजारों मामले सामने आए हैं.

बीपीएल का लालच: लाभ या लूट? बीपीएल कार्ड धारकों को हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (मुफ्त), 2 लीटर सरसों का तेल (40 रुपये), और 1 किलो चीनी (13.50 रुपये) मिलता है. अंत्योदय अन्न योजना के 2,92,847 परिवारों को 35 किलो अनाज मिलता है. इसके अलावा, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ग्रामीण बीपीएल परिवारों को 100 वर्ग गज के प्लॉट देने की घोषणा की.

Haryana BPL scam
लाभ और खर्च (Etv Bharat)

इसका मासिक खर्च? : अगर खर्च की बात करें तो सरकार बीपीएल राशन पर कुल 241 करोड़ रुपये हर महीने खर्च करती है, जिसमें अनाज पर 119 करोड़, तेल पर 109 करोड़, और चीनी पर 13 करोड़. लेकिन फर्जी कार्ड धारकों की वजह से ये पैसा गलत हाथों में जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी मार्च 2025 में सवाल उठाया "जब प्रति व्यक्ति आय इतनी ज्यादा है, तो 70% लोग बीपीएल कैसे?"

पड़ोसियों से तुलना- हरियाणा क्यों अलग? हरियाणा की तुलना में पड़ोसी राज्यों में बीपीएल आबादी कम है. पंजाब में 8.4%, राजस्थान में 22.1% और उत्तर प्रदेश में 32.8% लोग बीपीएल हैं. पंजाब में 40.24 लाख परिवारों को राशन मिलता है, लेकिन कोई अतिरिक्त राज्य योजना नहीं है. राजस्थान में 22 लाख बीपीएल परिवार हैं, और स्वरोजगार योजनाएं चल रही हैं.

Haryana BPL scam
बीपीएल कार्ड के आठ फायदे (Etv Bharat)

हरियाणा की 70% बीपीएल आबादी इन राज्यों से कहीं ज्यादा है. इसका कारण? ढीला सत्यापन और फर्जी कार्ड. हरियाणा की समृद्धि के बावजूद ये आंकड़े सवाल उठाते हैं कि क्या गरीबी वाकई इतनी है, या ये सिर्फ आंकड़ों का खेल है.

हकीकत क्या कहती है? पंचकूला के मजदूर रमेश कहते हैं "मैं दिनभर मेहनत करता हूं, लेकिन बीपीएल कार्ड नहीं मिला. गांव में बड़े लोग पैसे देकर कार्ड बनवा लेते हैं." फरीदाबाद की राशन डीलर सुनीता बताती हैं, "कई बार PPP डेटा गलत आता है. हमें नहीं पता कौन सही हकदार है."

Haryana BPL scam
फर्जी बीपीएल कार्ड पर सरकार सख्त (Etv Bharat)

सरकार का कदम: हरियाणा सरकार ने फर्जी कार्ड पर नकेल कसना शुरू किया है. अप्रैल 2025 में 6.84 लाख परिवारों को नोटिस भेजा गया कि वो PPP में सही आय दिखाएं, वरना कानूनी कार्रवाई होगी. PPP समन्वयक सतीश खोला ने कहा, "हमने 9.6 लाख अयोग्य परिवारों को हटाया, लेकिन आय सीमा बढ़ने से 16 लाख नए परिवार जुड़े."

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा, "गलत जानकारी देने वालों पर FIR होगी." मई 2025 तक 2.75 लाख कार्ड रद्द हो चुके हैं, और 3.25 लाख की जांच चल रही है. लेकिन सवाल ये है—क्या ये सख्ती असली गरीबों तक लाभ पहुंचाएगी?

Haryana BPL scam
बीपीएल कार्ड के इन दस्तावेजों का होना जरूरी (Etv Bharat)

विशेषज्ञ की राय: वरिष्ठ पत्रकार बलवंत तक्षक कहते हैं "हरियाणा में जरूरतमंद लोग काफी हैं, जिन्हें बीपीएल कार्ड की आवश्यकता है. लेकिन असल जरूरतमंद लोगों के बजाय अनेक ऐसे लोगों के बीपीएल कार्ड बनाए गए हैं, जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं. इसके लिए सरकार को गलत तरीके से बने फर्जी बीपीएल कार्ड तो रद्द करने चाहिए ही, लेकिन उससे पहले उन कर्मचारियों/अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने ये फर्जी कार्ड बनाए हैं. बिना प्रयास सरकारी योजनाओं से कोई लाभ मिले तो हर कोई लेना चाहता है. जबकि कभी हरियाणा प्रति व्यक्ति आय में पहले नंबर पर रहा है. लेकिन योजनाएं हो या परियोजनाएं, अंतिम कतार के जरूरतमंद अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचे, तभी कोई कदम सार्थक साबित हो सकता है."

Haryana BPL scam
इन वजहों से रद हो सकता है बीपीएल का कार्ड (Etv Bharat)

क्यों बढ़ा बीपीएल का आंकड़ा? हरियाणा में बीपीएल आंकड़े बढ़ने की कई वजहें हैं:

  • आय सीमा में बदलाव: 2022 में आय सीमा 1.20 लाख से बढ़ाकर 1,80,000 रुपये की गई.
  • चुनावी रणनीति: कांग्रेस का आरोप है कि 2024 चुनाव से पहले फर्जी कार्ड बांटे गए.
  • असमान विकास: गुरुग्राम और फरीदाबाद की चमक मेवात जैसे इलाकों तक नहीं पहुंची.
  • फर्जी कार्ड: स्व-घोषणा और बिचौलियों ने फर्जी कार्ड की बाढ़ ला दी.
  • ये वजहें हरियाणा की समृद्धि और गरीबी के बीच की खाई को दिखाती हैं.

समृद्धि सबके लिए: हरियाणा की ऊंची प्रति व्यक्ति आय उसकी ताकत है, लेकिन 70% से ज्यादा बीपीएल आबादी एक चेतावनी. ये आंकड़े न सिर्फ फर्जी कार्ड की समस्या दिखाते हैं, बल्कि असमान विकास की हकीकत भी बयां करते हैं. सरकार की सख्ती और तकनीक का सही इस्तेमाल इस विरोधाभास को खत्म कर सकता है. हरियाणा की असली जीत तभी होगी, जब समृद्धि की चमक हर गांव, हर घर तक पहुंचे. अगर आपको फर्जी कार्ड की खबर मिले, तो टोल-फ्री नंबर 1800-180-2087 पर शिकायत करें. आपका एक कदम किसी गरीब का हक बचा सकता है.

ये भी पढ़ें- बीपीएल जांच मामले में मंत्री राजेश नागर ने किया क्लियर, कहा- इन लोगों का काटा जाएगा नाम - FAKE BPL INVESTIGATION CASE

ये भी पढ़ें- बीपीएल मामले में सीएम सैनी का स्पष्टीकरण, कहा- "इसलिए हमने दिए जांच के आदेश" - CM NAYAB SAINI ON HARYANA FAKE BPL

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार का फर्जी BPL परिवारों को अल्टीमेटम, जाली कार्ड धारकों पर होगा एक्शन, 1609 परिवारों का नाम हटाया - HARYANA FAKE BPL CARD FAMILIES

पंचकूला: इन दिनों हरियाणा में बीपीएल कार्ड धारकों को लेकर हंगामा मचा है. इसकी शुरुआत हरियाणा विधानसभा बजट सत्र में हुई. जब विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन में परिवार पहचान पत्र और बीपीएल कार्ड में धांधली का मुद्दा उठाया. हरियाणा की आबादी करीब तीन करोड़ के करीब है. इस आबादी के करीब 70 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि हरियाणा प्रति व्यक्ति आय में देश की औसत प्रति व्यक्ति आय से आगे है. फिर ये कैसे संभव है कि करीब 70 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है?

कांग्रेस ने उठाया हरियाणा में बीपीएल कार्ड फर्जीवाड़े का मुद्दा: कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और हरियाणा सरकार पर निशाना साधा. रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि "हरियाणा में चौतरफा फैली गरीबी का सच है कि वादा तो प्रदेश के उत्थान का किया था, लेकिन तीन चौथाई प्रदेश को बीपीएल बना दिया. बीजेपी राज में यही मुमकिन है. आंख बंद हों या खुली, मुझे हरियाणा प्रांत व उसके लोगों की समस्याओं की चिंता भी है और उनका हल निकलवाने की लगन भी, ये बात अलग है कि आपको सत्ता के तख्त पर बैठने के बाद 'खुली आंख' से भी जनता की व्यथा नजर नहीं आती."

Haryana BPL scam
रणदीप सुरजेवाला ने उठाए थे सवाल (Randeep Surjewala Social Media)

सीएम नायब सैनी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन: रणदीप सुरजेवाला के बयान पर पलटवार करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा था कि पहले बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या एक लाख 20 हजार थी. अब हरियाणा में बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या 1 लाख 80 हजार है. संख्या बढ़ रही है, मतलब हमने लोगों को लाभ दिया है. ऐसा कांग्रेस शासनकाल में होता था कि जो लोग आर्थिक रूप से मजबूत होते थे, उनका भी बीपीएल कार्ड होता था. अब उन्होंने सवाल उठाया है, तो हमने जांच के आदेश दिए हैं. बीजेपी सरकार का लक्ष्य है कि पात्र लोगों को लाभ मिले. अपात्र को नहीं.

कांग्रेस के सवाल उठाने के बाद सरकार ने फर्जी बीपीएल कार्ड धारकों के खिलाफ सख्ती शुरू की, जिसके तहत लाखों कार्ड रद्द किए गए हैं. जांच में पता चला कि कई सक्षम लोगों ने भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बीपीएल कार्ड बनाए हुए थे. जिसे अब पहचान कर रद्द किया जा रहा है. आगे हम जानेंगे कि समृद्ध राज्यों की सूची में आने वाले हरियाणा में 70 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे कैसे हो सकते हैं?

हरियाणा की आर्थिक तस्वीर: 2023-24 में हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय ₹2,96,685 थी. जबकि 2024-25 में हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय ₹3,53,182 है, जो राष्ट्रीय औसत (₹1,80,000) से कहीं ज्यादा है. पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश इस मामले में हरियाणा से पीछे है. गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे औद्योगिक केंद्रों ने हरियाणा को आर्थिक ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. 2024-25 में राज्य का राजस्व ₹1,89,326 करोड़ है और जीडीपी वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है.

Haryana BPL scam
प्रति व्यक्ति आय में हरियाणा पड़ोसी राज्यों से आगे (ETV Bharat)

लेकिन आंकड़े सिर्फ चमक नहीं दिखाते. हरियाणा के गौरव को भी बताते हैं. हरियाणा का कुल राजस्व 1,89,326 करोड़ रुपये है और इसका जीडीपी ग्रोथ रेट भी राष्ट्रीय औसत से ऊपर है. तो सवाल ये है कि जब हरियाणा इतना समृद्ध है, तो 70% से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा से नीचे कैसे? ये विरोधाभास ही बीपीएल घोटाले की कहानी की जड़ है.

बीपीएल का चौंकाने वाला आंकड़ा: 70% से ज्यादा गरीब? हरियाणा की आबादी करीब 2.8 करोड़ है. खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2.10 करोड़ लोग बीपीएल श्रेणी में हैं. दिसंबर 2022 में ये आंकड़ा 1.24 करोड़ (44%) था, लेकिन दो साल में 75 लाख लोग और बीपीएल में जुड़ गए. नवंबर 2024 में 2,67,693 लोग बीपीएल श्रेणी में शामिल हुए.

Haryana BPL scam
हरियाणा में बीपीएल कार्ड (Etv Bharat)

ये आंकड़े हरियाणा की समृद्धि के दावों पर सवाल उठाते हैं. फरीदाबाद में 14.29 लाख, हिसार में 13.55 लाख, और मेवात में 13.49 लाख बीपीएल लाभार्थी हैं. हैरानी की बात ये है कि हिसार और करनाल जैसे समृद्ध जिले भी इस सूची में ऊपर हैं. तो क्या हरियाणा वाकई इतना गरीब है, या ये आंकड़े कुछ और कहानी बयां करते हैं?

परिवार पहचान पत्र- सुविधा या समस्या? हरियाणा में बीपीएल कार्ड परिवार पहचान पत्र (PPP) के आधार पर जारी होते हैं. PPP एक 8-अंकीय परिवार आईडी है, जिसमें परिवार के सदस्यों का नाम, उम्र, और आय जैसी जानकारी होती है. बीपीएल के लिए आय सीमा 1,80,000 रुपये प्रति वर्ष है. लेकिन यहां सबसे बड़ी खामी ये है कि आय का सत्यापन पूरी तरह स्व-घोषणा पर टिका है.

Haryana BPL scam
ऐसे बनता है बीपीएल कार्ड (Etv Bharat)

विशेषज्ञों का कहना है कि PPP में आय की जानकारी सरकारी स्तर पर क्रॉस-चेक नहीं होती. हिसार में एक राशन डीलर ने बताया "कई संपन्न परिवारों ने अलग-अलग कार्ड बनवाए, ताकि आय सीमा के नीचे रहें और बीपीएल लाभ ले सकें." PPP ने डेटा संग्रह को आसान बनाया, लेकिन इसकी खामियां फर्जी कार्ड की बाढ़ का कारण बनीं.

बीपीएल कार्ड का खेल- फर्जीवाड़े की कहानी: हरियाणा में बीपीएल कार्ड का घोटाला कोई नई बात नहीं. 6.84 लाख परिवारों की जांच चल रही है, क्योंकि उन्होंने PPP में गलत आय दिखाई. अप्रैल 2025 तक 2.75 लाख कार्ड रद्द हो चुके हैं. एक चौंकाने वाला मामला रोहतक का है, जहां 35 एकड़ जमीन वाले किसान के पास बीपीएल कार्ड था.

Haryana BPL scam
बीपीएल कार्ड घोटाला (Etv Bharat)

कांग्रेस विधायक भरत भूषण बत्रा ने आरोप लगाया कि 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने बिना सत्यापन के लाखों कार्ड जारी किए. एक रेडिट यूजर ने लिखा, "मेरे गांव में 2 लाख महीने कमाने वाले परिवार के पास भी बीपीएल कार्ड है." ये सिर्फ एक उदाहरण है—ऐसे हजारों मामले सामने आए हैं.

बीपीएल का लालच: लाभ या लूट? बीपीएल कार्ड धारकों को हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (मुफ्त), 2 लीटर सरसों का तेल (40 रुपये), और 1 किलो चीनी (13.50 रुपये) मिलता है. अंत्योदय अन्न योजना के 2,92,847 परिवारों को 35 किलो अनाज मिलता है. इसके अलावा, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने ग्रामीण बीपीएल परिवारों को 100 वर्ग गज के प्लॉट देने की घोषणा की.

Haryana BPL scam
लाभ और खर्च (Etv Bharat)

इसका मासिक खर्च? : अगर खर्च की बात करें तो सरकार बीपीएल राशन पर कुल 241 करोड़ रुपये हर महीने खर्च करती है, जिसमें अनाज पर 119 करोड़, तेल पर 109 करोड़, और चीनी पर 13 करोड़. लेकिन फर्जी कार्ड धारकों की वजह से ये पैसा गलत हाथों में जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी मार्च 2025 में सवाल उठाया "जब प्रति व्यक्ति आय इतनी ज्यादा है, तो 70% लोग बीपीएल कैसे?"

पड़ोसियों से तुलना- हरियाणा क्यों अलग? हरियाणा की तुलना में पड़ोसी राज्यों में बीपीएल आबादी कम है. पंजाब में 8.4%, राजस्थान में 22.1% और उत्तर प्रदेश में 32.8% लोग बीपीएल हैं. पंजाब में 40.24 लाख परिवारों को राशन मिलता है, लेकिन कोई अतिरिक्त राज्य योजना नहीं है. राजस्थान में 22 लाख बीपीएल परिवार हैं, और स्वरोजगार योजनाएं चल रही हैं.

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बीपीएल कार्ड के आठ फायदे (Etv Bharat)

हरियाणा की 70% बीपीएल आबादी इन राज्यों से कहीं ज्यादा है. इसका कारण? ढीला सत्यापन और फर्जी कार्ड. हरियाणा की समृद्धि के बावजूद ये आंकड़े सवाल उठाते हैं कि क्या गरीबी वाकई इतनी है, या ये सिर्फ आंकड़ों का खेल है.

हकीकत क्या कहती है? पंचकूला के मजदूर रमेश कहते हैं "मैं दिनभर मेहनत करता हूं, लेकिन बीपीएल कार्ड नहीं मिला. गांव में बड़े लोग पैसे देकर कार्ड बनवा लेते हैं." फरीदाबाद की राशन डीलर सुनीता बताती हैं, "कई बार PPP डेटा गलत आता है. हमें नहीं पता कौन सही हकदार है."

Haryana BPL scam
फर्जी बीपीएल कार्ड पर सरकार सख्त (Etv Bharat)

सरकार का कदम: हरियाणा सरकार ने फर्जी कार्ड पर नकेल कसना शुरू किया है. अप्रैल 2025 में 6.84 लाख परिवारों को नोटिस भेजा गया कि वो PPP में सही आय दिखाएं, वरना कानूनी कार्रवाई होगी. PPP समन्वयक सतीश खोला ने कहा, "हमने 9.6 लाख अयोग्य परिवारों को हटाया, लेकिन आय सीमा बढ़ने से 16 लाख नए परिवार जुड़े."

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा, "गलत जानकारी देने वालों पर FIR होगी." मई 2025 तक 2.75 लाख कार्ड रद्द हो चुके हैं, और 3.25 लाख की जांच चल रही है. लेकिन सवाल ये है—क्या ये सख्ती असली गरीबों तक लाभ पहुंचाएगी?

Haryana BPL scam
बीपीएल कार्ड के इन दस्तावेजों का होना जरूरी (Etv Bharat)

विशेषज्ञ की राय: वरिष्ठ पत्रकार बलवंत तक्षक कहते हैं "हरियाणा में जरूरतमंद लोग काफी हैं, जिन्हें बीपीएल कार्ड की आवश्यकता है. लेकिन असल जरूरतमंद लोगों के बजाय अनेक ऐसे लोगों के बीपीएल कार्ड बनाए गए हैं, जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं. इसके लिए सरकार को गलत तरीके से बने फर्जी बीपीएल कार्ड तो रद्द करने चाहिए ही, लेकिन उससे पहले उन कर्मचारियों/अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने ये फर्जी कार्ड बनाए हैं. बिना प्रयास सरकारी योजनाओं से कोई लाभ मिले तो हर कोई लेना चाहता है. जबकि कभी हरियाणा प्रति व्यक्ति आय में पहले नंबर पर रहा है. लेकिन योजनाएं हो या परियोजनाएं, अंतिम कतार के जरूरतमंद अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचे, तभी कोई कदम सार्थक साबित हो सकता है."

Haryana BPL scam
इन वजहों से रद हो सकता है बीपीएल का कार्ड (Etv Bharat)

क्यों बढ़ा बीपीएल का आंकड़ा? हरियाणा में बीपीएल आंकड़े बढ़ने की कई वजहें हैं:

  • आय सीमा में बदलाव: 2022 में आय सीमा 1.20 लाख से बढ़ाकर 1,80,000 रुपये की गई.
  • चुनावी रणनीति: कांग्रेस का आरोप है कि 2024 चुनाव से पहले फर्जी कार्ड बांटे गए.
  • असमान विकास: गुरुग्राम और फरीदाबाद की चमक मेवात जैसे इलाकों तक नहीं पहुंची.
  • फर्जी कार्ड: स्व-घोषणा और बिचौलियों ने फर्जी कार्ड की बाढ़ ला दी.
  • ये वजहें हरियाणा की समृद्धि और गरीबी के बीच की खाई को दिखाती हैं.

समृद्धि सबके लिए: हरियाणा की ऊंची प्रति व्यक्ति आय उसकी ताकत है, लेकिन 70% से ज्यादा बीपीएल आबादी एक चेतावनी. ये आंकड़े न सिर्फ फर्जी कार्ड की समस्या दिखाते हैं, बल्कि असमान विकास की हकीकत भी बयां करते हैं. सरकार की सख्ती और तकनीक का सही इस्तेमाल इस विरोधाभास को खत्म कर सकता है. हरियाणा की असली जीत तभी होगी, जब समृद्धि की चमक हर गांव, हर घर तक पहुंचे. अगर आपको फर्जी कार्ड की खबर मिले, तो टोल-फ्री नंबर 1800-180-2087 पर शिकायत करें. आपका एक कदम किसी गरीब का हक बचा सकता है.

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Last Updated : May 19, 2025 at 10:38 AM IST
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