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हरीश रावत दल बदल और स्टिंग केस पर CBI नोटिस से अनजान, बोले- प्रपंच रचा गया होगा - HARISH RAWAT CBI NOTICE

हरीश रावत ने कहा सीबीआई शायद मुझे नमस्ते कहना चाहती होगी, बोले- आर्काइव से मामले निकालने के पीछे होगा कोई मकसद

HARISH RAWAT CBI NOTICE
हरीश रावत (Photo@Harish Rawat Social Media)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 30, 2025 at 10:44 AM IST

Updated : May 30, 2025 at 10:49 AM IST

4 Min Read

देहरादून: दो दिन पहले ही खबर आई थी कि उत्तराखंड में साल 2016 के दौरान हुए बड़े दलबदल और स्टिंग ऑपरेशन पर सीबीआई का एक्शन शुरू हो रहा है. दरअसल उत्तराखंड में 2016 में हुए दल बदल और स्टिंग ऑपरेशन की जांच तेज कर दी गई है. खास बात यह है कि सीबीआई ने अब दल बदल करने वाले विधायकों और प्रकरण से जुड़े नेताओं को समन भेजा है. जिसके इनसे पूछताछ शुरू होने जा रही है. उस समय हरीश रावत की सरकार थी.

हरीश रावत को सीबीआई नोटिस की जानकारी नहीं: इस पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश की प्रतिक्रिया आई है. हरीश रावत दो दिन पहले आदि कैलाश यात्रा पर थे. वहां से लौटते ही सीबीआई के समन पर मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे सीबीआई के नोटिस की अभी कोई जानकारी नहीं है.

कई पूर्व और वर्तमान विधायकों को गया है सीबीआई का नोटिस: खास बात यह है कि सभी नेताओं को अलग-अलग दिन पूछताछ के लिए दिए गए हैं. दल बदल करने वाले तत्कालीन विधायकों में कुछ विधायक इस समय सरकार में मंत्री हैं. कुछ बीजेपी में विधायक के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. जानकारी के अनुसार, भाजपा के एक विधायक से सीबीआई इस मामले में पूछताछ भी कर चुकी है, जबकि बाकी विधायक और नेताओं को अलग-अलग दिनों में बुलाया गया है.

इस पर हरीश रावत ने कहा कि-

मुझे अभी कोई जानकारी नहीं है कि #CBI ने कोई नोटिस दिया है और यदि दिया होगा तो मुझे आश्चर्य होगा कि इतने साल बाद फिर उनको आर्काइव से यह सब मामले निकालने पड़ रहे हैं. क्या इसके पीछे मकसद है? हो सकता है विधानसभा चुनाव आ रहे हों, इधर देखा हो कि मेरी गतिशीलता कुछ बढ़ गई है तो इसलिए मुझे "नमस्ते #HarishRawat कहना चाहते हों !!
-हरीश रावत, पूर्व सीएम-

इसके साथ ही हरीश रावत ने कहा कि-

झेलेंगे, हमने पहले भी झेला है, आगे भी झेलेंगे। लेकिन एक बात, हम न्याय के लिए लड़ते रहेंगे। चाहे उसके लिए कुछ भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े।
-हरीश रावत, पूर्व सीएम-

पूर्व सीएम हरीश रावत ने ये भी कहा कि-

अब मेरे अगले जो #न्याय_यात्रा के चरण होंगे उसमें हम इस मुद्दे को भी सम्मिलित कर लेंगे, यदि यह सत्यता है!अभी मैं एक-दो दिन बहुत दूर था जिस एरिया में कनेक्टिविटी कमजोर थी। यह जो प्रपंच है कुछ न कुछ रचा गया होगा, हो सकता है कुछ नया डाइमेंशन निकालने की कोशिश की जा रही हो !
-हरीश रावत, पूर्व सीएम-

ये है पूरा मामला: दरअसल साल 2016 में बड़े दल बदल के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग वीडियो सामने आया था, जिसमें वह विधायकों को पार्टी में बने रहने के लिए टॉप अप देने और मंत्री पद पर रहते हुए आंखें बंद करने जैसी बात कहते हुए नजर आए थे. इसके बाद यह मामला जांच के दायरे में आ गया था. प्रकरण पर सीबीआई को जांच दी गई थी. इसके बाद से ही मामले में चार्जशीट का सिलसिला भी शुरू हुआ था.

मामले को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने बाद में शिकायत वापस लेने के लिए अर्जी भी लगाई, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया था. इस मामले में सीबीआई ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. हालांकि, राजनीतिक व्यस्तता के चलते वह तय तारीख को पूछताछ के लिए दिल्ली नहीं गए हैं. इसकी जानकारी उन्होंने पहले ही सीबीआई के अधिकारियों को दे दी थी. अब वह जल्द ही दिल्ली जाकर सीबीआई को अपने बयान दर्ज करवा सकते हैं.

इस मामले में हरीश रावत, मौजूदा निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और दल बदल करने वाले तमाम विधायक और नेता भी पूछताछ के दायरे में हैं.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में दलबदल मामले पर CBI ने शुरू की पूछताछ, कई विधायकों को बुलाया

देहरादून: दो दिन पहले ही खबर आई थी कि उत्तराखंड में साल 2016 के दौरान हुए बड़े दलबदल और स्टिंग ऑपरेशन पर सीबीआई का एक्शन शुरू हो रहा है. दरअसल उत्तराखंड में 2016 में हुए दल बदल और स्टिंग ऑपरेशन की जांच तेज कर दी गई है. खास बात यह है कि सीबीआई ने अब दल बदल करने वाले विधायकों और प्रकरण से जुड़े नेताओं को समन भेजा है. जिसके इनसे पूछताछ शुरू होने जा रही है. उस समय हरीश रावत की सरकार थी.

हरीश रावत को सीबीआई नोटिस की जानकारी नहीं: इस पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश की प्रतिक्रिया आई है. हरीश रावत दो दिन पहले आदि कैलाश यात्रा पर थे. वहां से लौटते ही सीबीआई के समन पर मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे सीबीआई के नोटिस की अभी कोई जानकारी नहीं है.

कई पूर्व और वर्तमान विधायकों को गया है सीबीआई का नोटिस: खास बात यह है कि सभी नेताओं को अलग-अलग दिन पूछताछ के लिए दिए गए हैं. दल बदल करने वाले तत्कालीन विधायकों में कुछ विधायक इस समय सरकार में मंत्री हैं. कुछ बीजेपी में विधायक के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. जानकारी के अनुसार, भाजपा के एक विधायक से सीबीआई इस मामले में पूछताछ भी कर चुकी है, जबकि बाकी विधायक और नेताओं को अलग-अलग दिनों में बुलाया गया है.

इस पर हरीश रावत ने कहा कि-

मुझे अभी कोई जानकारी नहीं है कि #CBI ने कोई नोटिस दिया है और यदि दिया होगा तो मुझे आश्चर्य होगा कि इतने साल बाद फिर उनको आर्काइव से यह सब मामले निकालने पड़ रहे हैं. क्या इसके पीछे मकसद है? हो सकता है विधानसभा चुनाव आ रहे हों, इधर देखा हो कि मेरी गतिशीलता कुछ बढ़ गई है तो इसलिए मुझे "नमस्ते #HarishRawat कहना चाहते हों !!
-हरीश रावत, पूर्व सीएम-

इसके साथ ही हरीश रावत ने कहा कि-

झेलेंगे, हमने पहले भी झेला है, आगे भी झेलेंगे। लेकिन एक बात, हम न्याय के लिए लड़ते रहेंगे। चाहे उसके लिए कुछ भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े।
-हरीश रावत, पूर्व सीएम-

पूर्व सीएम हरीश रावत ने ये भी कहा कि-

अब मेरे अगले जो #न्याय_यात्रा के चरण होंगे उसमें हम इस मुद्दे को भी सम्मिलित कर लेंगे, यदि यह सत्यता है!अभी मैं एक-दो दिन बहुत दूर था जिस एरिया में कनेक्टिविटी कमजोर थी। यह जो प्रपंच है कुछ न कुछ रचा गया होगा, हो सकता है कुछ नया डाइमेंशन निकालने की कोशिश की जा रही हो !
-हरीश रावत, पूर्व सीएम-

ये है पूरा मामला: दरअसल साल 2016 में बड़े दल बदल के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग वीडियो सामने आया था, जिसमें वह विधायकों को पार्टी में बने रहने के लिए टॉप अप देने और मंत्री पद पर रहते हुए आंखें बंद करने जैसी बात कहते हुए नजर आए थे. इसके बाद यह मामला जांच के दायरे में आ गया था. प्रकरण पर सीबीआई को जांच दी गई थी. इसके बाद से ही मामले में चार्जशीट का सिलसिला भी शुरू हुआ था.

मामले को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने बाद में शिकायत वापस लेने के लिए अर्जी भी लगाई, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया था. इस मामले में सीबीआई ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. हालांकि, राजनीतिक व्यस्तता के चलते वह तय तारीख को पूछताछ के लिए दिल्ली नहीं गए हैं. इसकी जानकारी उन्होंने पहले ही सीबीआई के अधिकारियों को दे दी थी. अब वह जल्द ही दिल्ली जाकर सीबीआई को अपने बयान दर्ज करवा सकते हैं.

इस मामले में हरीश रावत, मौजूदा निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और दल बदल करने वाले तमाम विधायक और नेता भी पूछताछ के दायरे में हैं.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में दलबदल मामले पर CBI ने शुरू की पूछताछ, कई विधायकों को बुलाया

Last Updated : May 30, 2025 at 10:49 AM IST
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