रायपुर/ जांजगीर चांपा: कौशल्या धाम और भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में हनुमान जयंती पर विशेष आयोजन किए जा रहे हैं. प्रदेश में हनुमान जन्मोत्सव की वजह से शहर के सभी चौक चौराहो के साथ ही प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. सभी जगह पर राम भक्त हनुमान के जयकारे हो रहे हैं. मंदिरों में सुबह से हनुमान चालीसा भजन कीर्तन के साथ ही भंडारे का आयोजन किया जा रहा है.
रुद्र हनुमान मंदिर में पूजा: रायपुर की पुरानी बस्ती स्थित रूद्र चौक में रूद्र हनुमान मंदिर है. जहां पर हनुमान जी बाल रूप में लेटे हुए हैं, जिसे छत्तीसगढ़ का इकलौता हनुमान जी का मूर्ति बताया जा रहा है. लाखे नगर चौक स्थित हनुमान मंदिर में भी पूजा पाठ का दौर चल रहा है. रूद्र हनुमान मंदिर और लाखे नगर हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. रूद्र हनुमान मंदिर में बाल रूप में हनुमान जी लेटे हुए रूप में विराजमान हैं.
हनुमान जन्मोत्सव बजरंगबली का दिन है. आज सभी लोग खुश हैं. शनिवार के दिन हनुमान जी का जन्म उत्सव मनाया जा रहा है. लाखे नगर चौक पर स्थित हनुमान मंदिर काफी पुराना है. जहां पर मैं सालों से भगवान हनुमान के दर्शन करने के लिए आता हूं. सभी तरफ अच्छा माहौल है. आज भजन और भंडारे का आयोजन भी किया गया है- प्रदीप पृथवानी, भक्त

लाखे नगर के हनुमान जी की महिमा: लाखे नगर चौक स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी मुकेश उपाध्याय ने बताया कि "लाखे नगर चौक पर स्थित यह मंदिर सन 1990 में बनाई गई थी. तब से लेकर आज तक इस मंदिर में भक्तजन पहुंचते हैं. इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त की मनोकामना होती है वह 7 दिनों के अंदर पूरी हो जाती है. कुछ साल पहले नगर निगम के द्वारा सड़क चौड़ीकरण के दौरान इस हनुमान की प्रतिमा को हटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन प्रतिमा खंडित होने लगी थी जिसकी वजह से नगर निगम को आखिरकार इस प्रतिमा को यहीं पर स्थापित करना पड़ा.
पुरानी बस्ती के रूद्र चौक पर स्थित रूद्र हनुमान मंदिर काफी प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर हैं, जो छत्तीसगढ़ का पहला हनुमान मूर्ति है. यहां पर हनुमान जी बाल रूप में सोये हुए प्रतिमा है. भगवान हनुमान का मुख दक्षिण की ओर है इसलिए इसे दक्षिण मुखी हनुमान जी के नाम से भी जाना जाता है.- बलराम कश्यप, रूद्र हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक
जांजगीर चांपा के नहरिया बाबा मंदिर में पूजा: हनुमान जयंती पर जांजगीर चांपा के नहरिया बाबा मंदिर में महाबली हनुमान की पूजा अर्चना की जा रही है. इस हनुमान मंदिर में दर्शन करने के लिए सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. भंडारा और भोग प्रसाद का वितरण किया जा रहा है. मंदिर रेलवे ट्रेक के किनारे और नहर के करीब है, जिसके कारण यहां का नाम नहरिया बाबा मंदिर पड़ा.
नहरिया बाबा मंदिर के निर्माण की कहानी जानिए: नहरिया बाबा मंदिर की कहानी काफी प्राचीन और रोचक है. यहां के पुजारी अशोक कुमार दुबे ने बताया कि हनुमान जी की यह प्रतिमा रेलवे ट्रैक किनारे रेलवे कर्मचारी शंकर बाबा को मिली थी. मुंबई हावड़ा मार्ग में नैला और चाम्पा जंकशन के बीच होने के कारण यहां आए दिन सुसाइड केस सामने आते थे.
रेलवे में पोर्टर शंकर बाबा की रात ड्यूटी लगती थी और भय का वातावरण रहता था. उसी समय एक दिन शंकर बाबा को एक पत्थर की मूर्ति नजर आई और उन्होंने उसकी पूजा अर्चना शुरू की, जिसके बाद वहां रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या के केस कम होने लगे. लोगों का मंदिर आना जाना शुरू हुआ, जिसके बाद स्थानीय लोगों की मंदिर के प्रति आस्था बढ़ती गई और लोगों ने रेलवे ट्रैक से लगे हुए छोटे से मंदिर का निर्माण कराया.-अशोक कुमार दुबे, पुजारी, नहरिया बाबा मंदिर
यहां सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ आए श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है. यहां आने वाले श्रद्धालु मंदिर परिसर में नारियल बांध कर मनोकामना पूर्ति की अर्जी लगाते हैं और मनोकामना पूर्ण होने पर खुद उस नारियल को नहर के धारा में प्रवाहित करते हैं. यहां हर वर्ष हनुमान जयंती के अवसर पर मंगल पाठ और हवन का आयोजन होता है- नन्हे सिंह, श्रद्धालु
नहरिया बाबा हनुमान मंदिर की महिमा अपरंपार है. यहां आने वाले भक्तों की आस्था दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. सच्चे मन से जो मनोकामना श्रद्धालु और भक्त मांगते हैं. उसकी पूर्ति होती है. इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए यहां फुटओवर ब्रिज बनाने की मांग तेज हो गई है.