उदयपुर: राजस्थान सहित पूरे देश में शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. उदयपुर में हनुमानजी के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही. बदनोर की हवेली स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में सुबह दुग्धाभिषेक, पंचामृत अभिषेक, रुद्राभिषेक सहित विधि विधान के साथ भगवान को बेहद सुंदर और अलौकिक श्रृंगार करवाया गया. इसके साथ ही सुबह कलश यात्रा और पाग यात्रा का आयोजन किया गया.
पाग यात्रा में स्वर्णरथ पर हनुमानजी के रूप में एक बालक को रथ का सारथी बनाया गया. रथ में 1111 मीटर की पाग का दर्शन करने हनुमान भक्त उमड़ पड़े. भक्तों ने शोभायात्रा का पुष्पवर्षा से स्वागत किया. पाग और कलश यात्रा शहर के अंदरूनी इलाकों से होकर श्रीमंशापूर्ण हनुमान मंदिर पहुंची. यात्रा में अखाड़ा प्रदर्शन लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा. शोभायात्रा फिर से मंदिर परिसर पहुंची तो जय श्रीराम के जयकारों से पूरा इलाका गूंज उठा. जयकारों के बीच 1111 मीटर की पाग मंशापूर्ण हनुमान को धारण करवाई गई.

मंदिर के पुजारी पवन कुमार शर्मा ने बताया कि मंशापूर्ण मित्र मंडल बदनोर की हवेली द्वारा श्री मंशापूर्ण हनुमान मन्दिर में 26वां 56 भोग महोत्सव मनाया गया. छप्पन भोग महोत्सव के तहत सुबह से अखण्ड रामायण पाठ का शुभारंभ हुआ. मित्र मंडल के संरक्षक भूपेश मेहता ने बताया कि महोत्सव के तहत शनिवार सुबह 10 बजे 1111 मीटर की पगड़ी के साथ भव्य पाग महोत्सव व कलश यात्रा शुरू हुई जिसमें भगवान श्री राम, हनुमान की भव्य झांकिया और अखाड़ा प्रदर्शन किया गया. मित्र मण्डल के अध्यक्ष राजेश तोषनीवाल ने बताया कि सुबह 6:30 बजे महा रुद्राभिषेक, 7:30 बजे हनुमान जी का पंचामृत अभिषेक विधि विधान से किया गया. शाम को मंशापूर्ण हनुमान की भव्य महाआरती में पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ शामिल हुए.

अजमेर में बजरंगढ़ बालाजी मंदिर में रही धूम: हनुमान जन्मोत्सव पर शहर के हनुमान मंदिरों में सुबह से ही दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहा. बजरंगगढ़ के हनुमान मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष में मेले का आयोजन हुआ. यहां रात 12 बजे से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की कतारें लगी हुई है. दोपहर 12 बजे बजरंगगढ़ बालाजी के मंदिर में महाआरती का आयोजन हुआ. मंदिर में विराजमान पहाड़ी वाले बाबा की प्रतिमा स्वयंभू है. कभी यहां सेठ हमीर सिंह लोढ़ा का घर बनना था, लेकिन बाद में यह बजरंगगढ़ बालाजी मंदिर बन गया. लोढ़ा परिवार के वंशज रणजीत मल लोढ़ा ने बताया कि पहाड़ी वाले बाबा के नाम से विख्यात बजरंगगढ़ बालाजी मंदिर 300 बरस से भी अधिक प्राचीन है. पहले यहां सेठ केवल नैन हमीर सिंह लोढ़ा ने घर बनाने के इरादे से पहाड़ी खरीदी थी. मकान के लिए नींव खोदी गई, तब उसमें से बालाजी की प्रतिमा स्वयंभू प्रकट हुई. इसके बाद उन्होंने यहां पर बालाजी का मंदिर बनवाया. तब से यह स्थान बजरंगगढ़ बालाजी के नाम से विख्यात हुआ. सेठ लोढ़ा ने मंदिर के पीछे वाली पहाड़ी खरीदी और वहां पर अपना भव्य भवन बनाया जो आज सर्किट हाउस है.

सालों से आ रहे हैं मंदिर में कई श्रद्धालु: यहां आने वाले भक्त रामप्रकाश गुप्ता ने बताया कि वे अजमेर में बैंक में कर्मचारी थे, तब से बालाजी के दर्शनों के लिए नित्य आया करते थे. कुछ सालों पहले उनका तबादला जयपुर हो गया, लेकिन हनुमान जन्मोत्सव के दिन वह हमेशा अजमेर में बजरंग गढ़ बालाजी के दर्शन और सेवा के लिए मौजूद रहते हैं. श्रद्धालु जुगल छापरवाल बताते हैं कि मेरे पिता के साथ बचपन से बजरंग गढ़ बालाजी के दर्शन के लिए आया करता था और यहां देखते ही देखते भक्तों की भीड़ बढ़ गई है. श्रद्धालु अनुप आत्रे सम्राट पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय में व्याख्याता है. उन्होंने बताया कि 10 बरस से नित्य दर्शनों के लिए बजरंगगढ़ आते हैं. हनुमान जन्मोत्सव के दिन सुबह से लेकर रात तक मंदिर में ही सेवा देते हैं. आत्रे बताते हैं कि श्रद्धालु रात्रि 12 बजे से आ रहे हैं.

कुचामनसिटी में शोभायात्रा: हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर शहर के मुख्य मार्गों पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इस दौरान भारी पुलिस बल मौजूद रहा. शोभायात्रा शहर के डीडवाना रोड स्थित डूंगरी वाले बालाजी मन्दिर से रवाना होकर डीडवाना रोड, अंबेडकर सर्किल, बस स्टैंड, सदर बाजार, पुरानी धान मंडी, घाटी कुआं, छीपों का मोहल्ला, गुलजारपुरा, नया शहर, सीकर रोड, न्यू कॉलोनी, स्टेशन रोड, आथूना दरवाजा होते हुए पुनः डूंगरी के बालाजी मंदिर पहुंची. इस अवसर पर हनुमान मंदिरों में रामचरित मानस का पाठ हुआ व हनुमानजी का भव्य श्रंगार किया गया. मंदिरों में पूजन आरती के साथ ही सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद भी ग्रहण किया.
सवाईमाधोपुर जिले में भी उत्साह से मनाया हनुमान जन्मोत्सव: जिले में हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. जिला मुख्यालय पर हिंदुस्तान शिव सेना एवं विभिन्न हिन्दू संगठनों ने भव्य शोभायात्रा निकाली. शोभायात्रा ठींगला से झंडा पूजन के बाद शुरू हुई और शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए बजरिया के टोंक बस स्टैंड पहुंची. शोभायात्रा में सैकड़ों की तादाद में लोग शामिल हुए. इस दौरान अखाड़ेबाजों ने हैरत अंगेज करतब दिखाए. शोभायात्रा के दौरान जीवंत झांकियां भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बिंदु बनी रही.