जयपुर: छोटी काशी जयपुर में हनुमान जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस अवसर पर राजधानी के प्रसिद्ध खोले के हनुमान मंदिर में 108 द्रव्य औषधीयुक्त जल, पंचामृत, गंगाजल से हनुमान जी का महाअभिषेक किया गया. हनुमान जी महाराज को नवीनतम चोला चढ़कर 61 किलो चांदी की पोशाक धारण करवाई गई. राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर आरती उतारी. हनुमान जी के दर्शनों के लिए मंदिर में हजारों की संख्या में भक्तों का सैलाब उमड़ा.
श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि श्री खोले के हनुमान मंदिर में चार दिवसीय हनुमान जन्मोत्सव 9 से 12 अप्रैल तक धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर श्री खोले के हनुमान जी को 61 किलो चांदी की पोशाक धारण करवाई गई. आज सुबह 4:00 बजे से हनुमान जन्मोत्सव के कार्यक्रम शुरू हो गए.
हनुमान जी का महाअभिषेक: हनुमान जन्मोत्सव पर सुबह 108 द्रव्य औषधीयुक्त जल, पंचामृत, गंगाजल से हनुमान जी का महाअभिषेक किया गया. फिर दूध से स्नान करवा कर नवीनतम चोला चढ़ाया गया. ऋतु फल भी अर्पित किए गए. सुबह 11 बजे हनुमान जी महाराज को 61 किलो चांदी की पोशाक धारण करवाई गई. हनुमान जी की छप्पन भोग और फूल बंगले की झांकी सजाई गई. इस खास मौके पर हनुमान जी के दरबार में दूर-दूर से भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचे.

राज्यपाल ने उतारी आरती: राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर खोले के हनुमान जी मंदिर में हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर आरती उतारी. उन्होंने इस अवसर पर राम दरबार के भी दर्शन किए. उन्होंने सभी के लिए सुख-समृद्धि और मंगल कामना की. समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि शनिवार शाम को हनुमान जन्मोत्सव पर श्री श्याम ज्योति भजन संध्या परिवार भजनों की प्रस्तुति देंगे. हनुमान जन्मोत्सव पर भक्तजनों के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से शीतल पेय, वृद्धजनों के लिए वाहन सुविधा की गई है. मंदिर परिसर को रोशनी और फूलों से सजाया गया है. दिल्ली रोड से मंदिर तक रंगीन रोशनी की सजावट की गई है.

बता दें कि चार दिवसीय हनुमान जन्मोत्सव के पहले दिन भजन, भक्ति संध्या के साथ ही पदमश्री गुलाबो सपेरा और कालबेलिया समूह की ओर से प्रस्तुतियां दी गई थी. दूसरे दिन 10 अप्रैल को भारतीय कला संस्थान के लोक कलाकारों ने भक्ति संध्या, बृज रासलीला और सामूहिक नृत्य की प्रस्तुतियां दी. तीसरे दिन शुक्रवार 11 अप्रैल को पदमश्री मुन्ना मास्टर और संपत दाधीच ने अपने भजनों से हनुमान भक्तों को भावविभोर किया.