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एसआई भर्ती रद्द करवाने के लिए हुंकार भरेंगे बेनीवाल, कहा-एक-दूसरे के कारनामों पर पर्दा डाल रही भाजपा-कांग्रेस - HANUMAN BENIWAL ON SI RECRUITMENT

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला सरकार की विफलता है.

Beniwal addressing press conference
प्रेसवार्ता को संबोधित करते बेनीवाल (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 24, 2025 at 6:15 PM IST

6 Min Read

जयपुर: उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती-2021 परीक्षा रद्द करवाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल जयपुर के शहीद स्मारक से हुंकार भरेंगे. उनकी पार्टी और एसआई भर्ती रद्द करवाने के लिए संघर्ष कर रहे बेरोजगार 26 अप्रैल (शनिवार) से जयपुर के शहीद स्मारक से आंदोलन का आगाज करेंगे. इसके साथ ही प्रदेश में पिछले दस सालों में हुए पेपर लीक के मामलों की जांच, राजस्थान लोकसेवा आयोग के पुनर्गठन, रीट भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग भी रखी जाएगी. उन्होंने कहा, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में भर्तियों के नाम पर सबसे बड़ा घोटाला हुआ जिसकी सीबीआई जांच हो, तो कांग्रेस में सीएम पद के कई दावेदार जेल में होते. उन्होंने कहा, भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे के कारनामों पर पर्दा डालने का काम कर रही हैं.

अब पीओके पर कब्जा करने का समय: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों की फायरिंग में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना में कहीं न कहीं हमारा भी फेल्योर रहा है. इंटेलिजेंस सिस्टम फेल रहा. जहां बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे. वहां सुरक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए थी. जब पंजाब से आतंकवाद का खात्मा हो सकता है, तो कश्मीर से क्यों नहीं हो सकता. अब जिस तरह पीएम जोशीले बयान दे रहे हैं. वो हम दस साल से देख रहे हैं. अब समय आ गया है कि पीओके को भारत में शामिल किया जाए.

बेनीवाल ने भाजपा-कांग्रेस पर साधा निशाना (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: सांसद बेनीवाल का आरोप- SI में चयनित महिला मित्रों को बचा रहे IAS, इसलिए रद्द नहीं होने दे रहे भर्ती परीक्षा - BENIWAL ON SI EXAM

भाजपा के संकल्प पत्र में RPSC पुनर्गठन का वादा: उन्होंने कहा, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय भर्तियों में गड़बड़ी के खिलाफ भाजपा सड़क पर आंदोलन कर रही थी. पार्टी के तमाम बड़े नेता कभी सिविल लाइंस पर प्रदर्शन कर रहे थे. आरपीएससी के पुनर्गठन की बात भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में की है. रीट के लेवल-2 को तो गहलोत सरकार ने रद्द किया. लेकिन रीट लेवल-1 को रद्द नहीं किया. एसआई भर्ती-2021 बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है. पीटीआई भर्ती में 90 फीसदी डिग्रियां बाहरी राज्यों के विश्वविद्यालय की हैं.

पढ़ें: 'मैं अब भी मंत्री, सीएम ने नहीं किया इस्तीफा स्वीकार, एसआई भर्ती पर मुख्यमंत्री को जल्द लेना चाहिए निर्णय-किरोड़ी - KIRODI LAL ON SI RECRUITMENT

पहले लीक हो जाती है ईडी की छापेमारी की सूचना: उन्होंने कहा, 2018 से लेकर 2023 तक गहलोत राज में सबसे बड़ा घोटाला भर्तियों के नाम पर हुआ है. अगर भजनलाल सरकार ठीक से जांच करवाए, तो बड़े मगरमच्छ और सीएम पद के कई दावेदार जेल में होते. ईडी का भी छापा पड़ा था. लेकिन जब ईडी अपने ऑफिस से रवाना होती तो पहले ही समाचार पहुंच जाता तो वे कागज छिपा देते हैं. उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार के सवा साल की विफलता के खिलाफ कांग्रेस भी कोई बड़ा आंदोलन नहीं कर पाई है.

पढ़ें: आरएएस बनने के बाद एसआई भर्ती में नरपत और रामनिवास की जगह डमी कैंडिडेट बना हनुमानाराम, जानिए कैसे खुली पोल

रीट पेपर लीक में नेता-अफसर होते जेल में: बेनीवाल ने कहा, इस सरकार में कई पावर सेंटर बने हुए हैं. उन्होंने वसुंधरा राजे के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के नेता भी इस सरकार के काम से संतुष्ट नहीं हैं. भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे के पापों पर पर्दा डालने का काम कर रही है. कोर्ट भी एसआई भर्ती मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा, रीट में गड़बड़ी की सीबीआई जांच होती, तो कांग्रेस के नेताओं के साथ-साथ कई अफसर जेल में होते. कांग्रेस में कई सीएम पद के दावेदार उस मामले में फंसते. आज भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां कई गुटों में बंटी हुई है.

आरपीएससी के बाकि सदस्यों-अध्यक्ष से पूछताछ नहीं: उन्होंने कहा कि शनिवार (26 अप्रैल) से शहीद स्मारक से नौजवानों की मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा. इसके तहत एसआई भर्ती रद्द करवाने और रीट मामले की जांच की जाएगी. आरपीएससी के पुनर्गठन और ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग भी इसमें शामिल होगी. उन्होंने कहा कि आरपीएससी के दो सदस्य पेपर लीक मामले में पकड़े गए हैं. लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष से क्यों पूछताछ नहीं की गई. बाकि सदस्यों को जांच से बाहर क्यों रखा गया.

प्रदेश में कहां है कानून का राज?: उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री को लगातार जान से मारने की धमकी मिल गई. बच्चियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. ऐसे में कहां कानून का राज है. उन्होंने एसआई भर्ती के मामले में एक मंत्री की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि एसओजी पेपर लीक मामलों की जांच कर रही है. लेकिन एसओजी के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है. ऐसे में रीट पेपर लीक से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए. भाजपा के नेता कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लगाती है. लेकिन जांच क्यों नहीं करवाई जाती है.

आरपीएससी के पूर्व अध्यक्षों की भी हो जांच: उन्होंने कहा कि आरपीएससी के अब तक के सभी अध्यक्षों की जांच होनी चाहिए कि किनके रिश्तेदार कहां-कहां नौकरी पर लगे हैं. उनकी संपत्तियों की भी जांच होनी चाहिए. आरपीएससी में अपने चहेतों को नौकरी लगवाने का खेल लंबे समय से चल रहा है. इसलिए अब तक अध्यक्ष रहे सभी लोगों की भूमिका और उनकी संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए.

कार्रवाई से बचने के लिए कांग्रेस नेताओं का सरेंडर: हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पशु परिचर भर्ती में नॉर्मलाइजेशन के नाम पर अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है. वे बोले, आरएलपी के सहयोग से दस साल बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता खुला. लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार के सामने सरेंडर कर दिया और कार्रवाई से बचने के लिए अपने ही प्रत्याशियों की जमानत जब्त करवा ली. यह दर्शाता है कि प्रदेश में कांग्रेस-भाजपा के गठजोड़ का खेल चल रहा है. पांच साल इसका और पांच साल उसक राज. दोनों पार्टियां एक-दूसरे के कारनामों पर पर्दा डालने में लगी हैं.

जयपुर: उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती-2021 परीक्षा रद्द करवाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल जयपुर के शहीद स्मारक से हुंकार भरेंगे. उनकी पार्टी और एसआई भर्ती रद्द करवाने के लिए संघर्ष कर रहे बेरोजगार 26 अप्रैल (शनिवार) से जयपुर के शहीद स्मारक से आंदोलन का आगाज करेंगे. इसके साथ ही प्रदेश में पिछले दस सालों में हुए पेपर लीक के मामलों की जांच, राजस्थान लोकसेवा आयोग के पुनर्गठन, रीट भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग भी रखी जाएगी. उन्होंने कहा, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में भर्तियों के नाम पर सबसे बड़ा घोटाला हुआ जिसकी सीबीआई जांच हो, तो कांग्रेस में सीएम पद के कई दावेदार जेल में होते. उन्होंने कहा, भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे के कारनामों पर पर्दा डालने का काम कर रही हैं.

अब पीओके पर कब्जा करने का समय: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों की फायरिंग में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना में कहीं न कहीं हमारा भी फेल्योर रहा है. इंटेलिजेंस सिस्टम फेल रहा. जहां बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे. वहां सुरक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए थी. जब पंजाब से आतंकवाद का खात्मा हो सकता है, तो कश्मीर से क्यों नहीं हो सकता. अब जिस तरह पीएम जोशीले बयान दे रहे हैं. वो हम दस साल से देख रहे हैं. अब समय आ गया है कि पीओके को भारत में शामिल किया जाए.

बेनीवाल ने भाजपा-कांग्रेस पर साधा निशाना (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: सांसद बेनीवाल का आरोप- SI में चयनित महिला मित्रों को बचा रहे IAS, इसलिए रद्द नहीं होने दे रहे भर्ती परीक्षा - BENIWAL ON SI EXAM

भाजपा के संकल्प पत्र में RPSC पुनर्गठन का वादा: उन्होंने कहा, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय भर्तियों में गड़बड़ी के खिलाफ भाजपा सड़क पर आंदोलन कर रही थी. पार्टी के तमाम बड़े नेता कभी सिविल लाइंस पर प्रदर्शन कर रहे थे. आरपीएससी के पुनर्गठन की बात भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में की है. रीट के लेवल-2 को तो गहलोत सरकार ने रद्द किया. लेकिन रीट लेवल-1 को रद्द नहीं किया. एसआई भर्ती-2021 बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है. पीटीआई भर्ती में 90 फीसदी डिग्रियां बाहरी राज्यों के विश्वविद्यालय की हैं.

पढ़ें: 'मैं अब भी मंत्री, सीएम ने नहीं किया इस्तीफा स्वीकार, एसआई भर्ती पर मुख्यमंत्री को जल्द लेना चाहिए निर्णय-किरोड़ी - KIRODI LAL ON SI RECRUITMENT

पहले लीक हो जाती है ईडी की छापेमारी की सूचना: उन्होंने कहा, 2018 से लेकर 2023 तक गहलोत राज में सबसे बड़ा घोटाला भर्तियों के नाम पर हुआ है. अगर भजनलाल सरकार ठीक से जांच करवाए, तो बड़े मगरमच्छ और सीएम पद के कई दावेदार जेल में होते. ईडी का भी छापा पड़ा था. लेकिन जब ईडी अपने ऑफिस से रवाना होती तो पहले ही समाचार पहुंच जाता तो वे कागज छिपा देते हैं. उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार के सवा साल की विफलता के खिलाफ कांग्रेस भी कोई बड़ा आंदोलन नहीं कर पाई है.

पढ़ें: आरएएस बनने के बाद एसआई भर्ती में नरपत और रामनिवास की जगह डमी कैंडिडेट बना हनुमानाराम, जानिए कैसे खुली पोल

रीट पेपर लीक में नेता-अफसर होते जेल में: बेनीवाल ने कहा, इस सरकार में कई पावर सेंटर बने हुए हैं. उन्होंने वसुंधरा राजे के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के नेता भी इस सरकार के काम से संतुष्ट नहीं हैं. भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे के पापों पर पर्दा डालने का काम कर रही है. कोर्ट भी एसआई भर्ती मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा, रीट में गड़बड़ी की सीबीआई जांच होती, तो कांग्रेस के नेताओं के साथ-साथ कई अफसर जेल में होते. कांग्रेस में कई सीएम पद के दावेदार उस मामले में फंसते. आज भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां कई गुटों में बंटी हुई है.

आरपीएससी के बाकि सदस्यों-अध्यक्ष से पूछताछ नहीं: उन्होंने कहा कि शनिवार (26 अप्रैल) से शहीद स्मारक से नौजवानों की मांगों को लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा. इसके तहत एसआई भर्ती रद्द करवाने और रीट मामले की जांच की जाएगी. आरपीएससी के पुनर्गठन और ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग भी इसमें शामिल होगी. उन्होंने कहा कि आरपीएससी के दो सदस्य पेपर लीक मामले में पकड़े गए हैं. लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष से क्यों पूछताछ नहीं की गई. बाकि सदस्यों को जांच से बाहर क्यों रखा गया.

प्रदेश में कहां है कानून का राज?: उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री को लगातार जान से मारने की धमकी मिल गई. बच्चियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. ऐसे में कहां कानून का राज है. उन्होंने एसआई भर्ती के मामले में एक मंत्री की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि एसओजी पेपर लीक मामलों की जांच कर रही है. लेकिन एसओजी के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है. ऐसे में रीट पेपर लीक से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए. भाजपा के नेता कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लगाती है. लेकिन जांच क्यों नहीं करवाई जाती है.

आरपीएससी के पूर्व अध्यक्षों की भी हो जांच: उन्होंने कहा कि आरपीएससी के अब तक के सभी अध्यक्षों की जांच होनी चाहिए कि किनके रिश्तेदार कहां-कहां नौकरी पर लगे हैं. उनकी संपत्तियों की भी जांच होनी चाहिए. आरपीएससी में अपने चहेतों को नौकरी लगवाने का खेल लंबे समय से चल रहा है. इसलिए अब तक अध्यक्ष रहे सभी लोगों की भूमिका और उनकी संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए.

कार्रवाई से बचने के लिए कांग्रेस नेताओं का सरेंडर: हनुमान बेनीवाल ने कहा कि पशु परिचर भर्ती में नॉर्मलाइजेशन के नाम पर अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है. वे बोले, आरएलपी के सहयोग से दस साल बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता खुला. लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार के सामने सरेंडर कर दिया और कार्रवाई से बचने के लिए अपने ही प्रत्याशियों की जमानत जब्त करवा ली. यह दर्शाता है कि प्रदेश में कांग्रेस-भाजपा के गठजोड़ का खेल चल रहा है. पांच साल इसका और पांच साल उसक राज. दोनों पार्टियां एक-दूसरे के कारनामों पर पर्दा डालने में लगी हैं.

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