गुरुग्राम: गुरुग्राम में 2500 मकानों को कल से DTPE सील किया जाएगा. गुरुग्राम में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग की तरफ से ये हरियाणा की अब तक की सबसे बड़ी सीलिंग अभियान है. दरअसल, हाई कोर्ट के आदेश के बाद रिहायशी इलाकों में चल रही कमर्शियल गतिविधि पर विभाग का डंडा चलेगा. गुरुग्राम के डीएलएफ फेज 1 से लेकर फेस 5 तक सभी रिहायशी इलाकों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों पर विभाग की तरफ से सीलिंग की जाएगी. हाईकोर्ट के आदेश के बाद विभाग यह कार्रवाई कर रहा है.
15 हजार इमारतों का हुआ सर्वे: हाई कोर्ट के आदेश के बाद डीपीपी विभाग की तरफ से इन सभी पांच फेज में सर्वे कराया गया था, जिसमें लगभग 15 हजार इमारतों का सर्वे हुआ था. इनमें से 4 हजार से ज्यादा ऐसी इमारतें हैं, जो कि रिहाइशी प्लॉट थे, लेकिन वहां व्यावसायिक गतिविधि चलाई जा रही है.
2500 मकानों को रेस्टोरेशन के आदेश: टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के एनफोर्समेंट टीम की तरफ से डीएलएफ फेज 1 से 5 में अवैध निर्माण और मकानों में संचालित की जा रही व्यावसायिक गतिविधि वाले मकानों पर कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन की ओर से इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. उपायुक्त गुरूग्राम की तरफ से 4 अप्रैल से धरातल पर सीलिंग और तोड़फोड़ कार्रवाई के प्लान को भी मंजूरी दे दी गई है. एनफोर्समेंट टीम की तरफ से अब तक 4 हजार से अधिक मकानों को कारण बताओ नोटिस और लगभग 2500 मकानों को रेस्टोरेशन के आदेश दिए जा चुके है.
डीटीपीई ने की अपील: इस बारे में डीटीपीई अमित मधोलिया ने भी लोगों से खास अपील की है. साथ ही कहा है कि, "4 अप्रैल से पहले अपने मकानों को रिस्टोर कर लें. अन्यथा मौके पर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, जिसके लिए विभाग किसी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होगा."
लोगों ने जताया विरोध: वहीं, जिन मकानों और प्रॉपर्टी पर विभाग कार्रवाई करेगी, वहां रहने वाले लोगों ने इसका विरोध जताया है. लोगों का कहना है कि वह पिछले कई सालों से नगर निगम को व्यावसायिक टैक्स दे रहे हैं. वे डीएलएफ को मेंटेनेंस दे रहे हैं. इसके बाद भी उनके खिलाफ ये कार्रवाई की जा रही है, जो कि गलत है. वहीं, दूसरी तरफ विभाग का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद ये कार्रवाई की जा रही है. 19 अप्रैल तक पूरी रिपोर्ट सीलिंग करने के बाद कोर्ट में सबमिट भी करनी है.
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