भरतपुर: बयाना क्षेत्र के पीलूपुरा गांव में आगामी 8 जून को प्रस्तावित गुर्जर समाज की महापंचायत से पहले समाज ने तैयारियां तेज कर दी हैं. महापंचायत को लेकर समाज के प्रमुख नेता विजय बैंसला ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब सरकार से बातचीत पर्दे के पीछे नहीं, सीधे समाज के बीच में होगी. वहीं प्रशासनिक स्तर पर भी हलचल बढ़ गई है. संभावित भीड़ और कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए पुलिस और जिला प्रशासन सतर्क मोड में आ चुका है. संवेदनशील माने जा रहे गांवों पर नजर रखी जा रही है.
गांव-गांव जाकर आमंत्रण और संवाद: महापंचायत से पहले विजय बैंसला ने 5 जून को गुढ़ाचंद्रजी, कैमरी, मुंडिया और नंदे भूमिया गांवों में पंचायतें करने का ऐलान किया है. इन पंचायतों के माध्यम से वे 8 जून की महापंचायत का न्यौता देंगे. विजय बैंसला का कहना है कि अब सरकार को समाज से सीधे संवाद करना होगा. हम लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में पंचायत कर रहे हैं. सरकार चाहे तो हमारे तय कार्यक्रम और रूट चार्ट के अनुसार हमारे पास आ सकती है, लेकिन बातचीत अब बंद कमरे में नहीं होगी.
समाज की मुख्य मांगें: गुर्जर समाज लंबे समय से जिन मांगों को लेकर संघर्षरत है, इस महापंचायत के माध्यम से वे दोहराई जाएंगी. इन मांगों में आरक्षण विधेयक को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करना, आंदोलन के समय हुए समझौतों की अक्षरशः पालना और सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण का पूर्ण लाभ देना शामिल है. इसके अलावा देवनारायण योजना का वास्तविक लाभ समाज के पात्र लोगों तक पहुंचाने, आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमे वापस लेने, आंदोलन में मारे गए लोगों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने और रीट भर्ती 2018 में बचे हुए 372 पदों पर नियुक्ति की मांग भी की जा रही है.