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प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा मंत्री की दो टूक, अभिभावकों पर स्कूल से बुक्स और यूनिफार्म खरीदने के लिए नहीं बनाएंगे दबाव - GUIDELINES FOR PRIVATE SCHOOLS

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर विभाग ने किताबों और यूनिफार्म के संबंध में निजी स्कूलों के लिए गाइड लाइन्स जारी की है.

Guidelines for private schools
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अधिकारियों के साथ (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 15, 2025 at 8:50 PM IST

4 Min Read

जयपुर: शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने के लिए बुक्स, एजुकेशनल, मटेरियल यूनिफॉर्म आदि को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. साथ ही प्राइवेट स्कूल को क्या नहीं करना है, इसके स्पष्ट निर्देश दिए हैं. निजी विद्यालयों को लेकर अभिभावकों की ओर से आ रही शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा मंत्री ने प्राइवेट स्कूल को लेकर यह दिशा निर्देश सार्वजनिक किए. प्राइवेट स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है, लेकिन इसके साथ ही प्राइवेट स्कूलों से जुड़े अभिभावकों की ओर से शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री तक प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर शिकायती भी दी जा रही हैं.

संयुक्त अभिभावक संघ और दूसरे अभिभावकों की ओर से स्कूल ड्रेस, किताबें और अन्य पाठ्यक्रम सामग्री को लेकर प्राइवेट स्कूल की ओर से दबाव बनाने की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विशेष दिशा निर्देश जारी किए हैं. दिलावर की ओर से दिए निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि प्राइवेट स्कूल किसी भी अभिभावक पर स्कूल से यूनिफॉर्म या पाठ्यक्रम सामग्री खरीदने का दबाव नहीं बनाएगा और ना ही पाठ्य सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित करेगा. यही नहीं यूनिफॉर्म भी खुले बाजार से खरीदने के लिए अभिभावक स्वतंत्र होंगे. साथ ही स्कूलों को ताकीद किया गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल 5 साल तक निर्धारित यूनिफॉर्म को बदल नहीं सकेगा.

पढ़ें: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर बोले, '25000 तृतीय श्रेणी शिक्षकों का द्वितीय श्रेणी में जल्द किया जाएगा प्रमोशन'

प्राइवेट विद्यालयों के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश :
• टेक्स्ट बुक्स और एजुकेशनल मैटेरियल : प्राइवेट स्कूल अपने संबद्ध बोर्ड के नियमों और उपनियमों का पालन करते हुए केवल अप्रूव्ड कोर्सेज की बुक्स ही उपयोग करेंगे. बुक्स की सूची (लेखक, प्रकाशक और मूल्य सहित) सत्र शुरू होने से एक महीने पहले स्कूल के नोटिस बोर्ड या फिर वेबसाइट पर प्रदर्शित की जानी चाहिए. अभिभावक और विद्यार्थी अपनी सुविधा के अनुसार खुले बाजार से पुस्तकें खरीद सकेंगे.
• यूनिफॉर्म और अन्य आवश्यक सामग्री : अभिभावक प्राइवेट स्कूल की ओर से निर्धारित यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कापियां आदि खुले बाजार से खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे. स्कूल की ओर से निर्धारित यूनिफॉर्म पांच वर्षों तक बदली नहीं जाएगी.
• निषेधात्मक नियम ( प्रोहिबिटरी रूल्स) : शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं किया जाएगा. किसी विशेष दुकान से पुस्तकें या अन्य सामग्री खरीदने का दबाव नहीं बनाया जाएगा. विद्यालय परिसर में सामग्री खरीदने के लिए अभिभावकों या विद्यार्थियों पर दबाव नहीं बनाया जाएगा.

• उपलब्धता सुनिश्चित करना : निजी विद्यालय ये सुनिश्चित करेंगे कि टेक्स्ट बुक्स और यूनिफॉर्म कम से कम तीन विक्रेताओं के यहां उपलब्ध हों.

36 साल से लंबित 16 और 17 सीसीए के प्रकरणों पर दिए निर्देश : उधर, शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ 36 साल से लंबित 16-17 सीसीए, एसपी प्रकरण सहित अन्य लंबित जांच के संबंध में चर्चा की. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि वर्ष 1989 से लेकर वर्ष 2025 तक के 16 सीसीए, 17 सीसीए, 17 सीसीए न्यून परीक्षा परिणाम प्रधानाचार्य, 17 सीसीए न्यून परीक्षा परिणाम व्याख्याता और राज्य स्तर पर 16 सीसीए के लंबित और विचाराधीन प्रकरणों पर विस्तार से चर्चा की गई. अधिकारियों और पदाधिकारियों को पेंडिंग मामलों को जल्द निस्तारण के लिए निर्देशित किया. साथ ही विभाग की ओर से आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.

शिक्षा अधिकारी चार दिन ठहरेंगे ग्राम पंचायत मेंः प्रदेश में शिक्षा अधिकारी अब मुख्यालय के अलावा महीने में चार दिन ग्राम पंचायत में ठहरेंगे. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, शिक्षकों- अभिभावकों की समस्याओं के समाधान, विद्यालयों की निगरानी और छात्रों की उपस्थिति में वृद्धि के नजरिए से शिक्षा मंत्री ने ये निर्देश दिए हैं. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के सभागार में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अधिकारियों की क्लास ली. शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को हर महीने कम से कम चार बार अनिवार्य रूप से ग्राम पंचायतों में ठहरने के निर्देश देते हुए कहा कि बिना फील्ड विजिट के वास्तविक मूल्यांकन संभव नहीं है. ग्राम पंचायतों में ठहरने से योजनाओं की जमीनी हकीकत समझी जा सकेगी और छात्रों के समग्र विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे.

जयपुर: शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने के लिए बुक्स, एजुकेशनल, मटेरियल यूनिफॉर्म आदि को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. साथ ही प्राइवेट स्कूल को क्या नहीं करना है, इसके स्पष्ट निर्देश दिए हैं. निजी विद्यालयों को लेकर अभिभावकों की ओर से आ रही शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा मंत्री ने प्राइवेट स्कूल को लेकर यह दिशा निर्देश सार्वजनिक किए. प्राइवेट स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है, लेकिन इसके साथ ही प्राइवेट स्कूलों से जुड़े अभिभावकों की ओर से शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री तक प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर शिकायती भी दी जा रही हैं.

संयुक्त अभिभावक संघ और दूसरे अभिभावकों की ओर से स्कूल ड्रेस, किताबें और अन्य पाठ्यक्रम सामग्री को लेकर प्राइवेट स्कूल की ओर से दबाव बनाने की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विशेष दिशा निर्देश जारी किए हैं. दिलावर की ओर से दिए निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि प्राइवेट स्कूल किसी भी अभिभावक पर स्कूल से यूनिफॉर्म या पाठ्यक्रम सामग्री खरीदने का दबाव नहीं बनाएगा और ना ही पाठ्य सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित करेगा. यही नहीं यूनिफॉर्म भी खुले बाजार से खरीदने के लिए अभिभावक स्वतंत्र होंगे. साथ ही स्कूलों को ताकीद किया गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल 5 साल तक निर्धारित यूनिफॉर्म को बदल नहीं सकेगा.

पढ़ें: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर बोले, '25000 तृतीय श्रेणी शिक्षकों का द्वितीय श्रेणी में जल्द किया जाएगा प्रमोशन'

प्राइवेट विद्यालयों के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश :
• टेक्स्ट बुक्स और एजुकेशनल मैटेरियल : प्राइवेट स्कूल अपने संबद्ध बोर्ड के नियमों और उपनियमों का पालन करते हुए केवल अप्रूव्ड कोर्सेज की बुक्स ही उपयोग करेंगे. बुक्स की सूची (लेखक, प्रकाशक और मूल्य सहित) सत्र शुरू होने से एक महीने पहले स्कूल के नोटिस बोर्ड या फिर वेबसाइट पर प्रदर्शित की जानी चाहिए. अभिभावक और विद्यार्थी अपनी सुविधा के अनुसार खुले बाजार से पुस्तकें खरीद सकेंगे.
• यूनिफॉर्म और अन्य आवश्यक सामग्री : अभिभावक प्राइवेट स्कूल की ओर से निर्धारित यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कापियां आदि खुले बाजार से खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे. स्कूल की ओर से निर्धारित यूनिफॉर्म पांच वर्षों तक बदली नहीं जाएगी.
• निषेधात्मक नियम ( प्रोहिबिटरी रूल्स) : शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं किया जाएगा. किसी विशेष दुकान से पुस्तकें या अन्य सामग्री खरीदने का दबाव नहीं बनाया जाएगा. विद्यालय परिसर में सामग्री खरीदने के लिए अभिभावकों या विद्यार्थियों पर दबाव नहीं बनाया जाएगा.

• उपलब्धता सुनिश्चित करना : निजी विद्यालय ये सुनिश्चित करेंगे कि टेक्स्ट बुक्स और यूनिफॉर्म कम से कम तीन विक्रेताओं के यहां उपलब्ध हों.

36 साल से लंबित 16 और 17 सीसीए के प्रकरणों पर दिए निर्देश : उधर, शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ 36 साल से लंबित 16-17 सीसीए, एसपी प्रकरण सहित अन्य लंबित जांच के संबंध में चर्चा की. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि वर्ष 1989 से लेकर वर्ष 2025 तक के 16 सीसीए, 17 सीसीए, 17 सीसीए न्यून परीक्षा परिणाम प्रधानाचार्य, 17 सीसीए न्यून परीक्षा परिणाम व्याख्याता और राज्य स्तर पर 16 सीसीए के लंबित और विचाराधीन प्रकरणों पर विस्तार से चर्चा की गई. अधिकारियों और पदाधिकारियों को पेंडिंग मामलों को जल्द निस्तारण के लिए निर्देशित किया. साथ ही विभाग की ओर से आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.

शिक्षा अधिकारी चार दिन ठहरेंगे ग्राम पंचायत मेंः प्रदेश में शिक्षा अधिकारी अब मुख्यालय के अलावा महीने में चार दिन ग्राम पंचायत में ठहरेंगे. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, शिक्षकों- अभिभावकों की समस्याओं के समाधान, विद्यालयों की निगरानी और छात्रों की उपस्थिति में वृद्धि के नजरिए से शिक्षा मंत्री ने ये निर्देश दिए हैं. राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के सभागार में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अधिकारियों की क्लास ली. शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को हर महीने कम से कम चार बार अनिवार्य रूप से ग्राम पंचायतों में ठहरने के निर्देश देते हुए कहा कि बिना फील्ड विजिट के वास्तविक मूल्यांकन संभव नहीं है. ग्राम पंचायतों में ठहरने से योजनाओं की जमीनी हकीकत समझी जा सकेगी और छात्रों के समग्र विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे.

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