गिरिडीह: शुक्रवार की शाम को सीसीएल के ओपेनकास्ट माइंस से सुरक्षा कर्मी जीतू पासवान रहस्यमय ढंग से लापता हो गया है. जीतू के लापता होने के 5 दिन बीत चुके हैं. लेकिन अब तक उसका सुराग नहीं मिला है. हालांकि जीतू की खोज उनके परिजनों के साथ-साथ सीसीएल प्रबंधन की टीम के अलावा मुफ्फसिल थाना की पुलिस भी कर रही है.
सीसीएल के महाप्रबंधक गिरीश कुमार राठौर और परियोजना पदाधिकारी जीएस मीणा के निर्देश पर अलग-अलग टीम जीतू को खोज रही है. एक टीम मंगलवार को माइंस मैनेजर आरपी यादव के नेतृत्व में एक बार फिर उसी स्थान पर चेकिंग की गई, जहां पर जीतू की तैनाती थी. आरपी यादव के साथ सेफ्टी ऑफिसर और ओवरमैन चंद्रशेखर साव भी मौजूद थे. वहीं उप प्रबंधक कार्मिक राजवर्धन कुमार की मॉनिटरिंग में दूसरी टीम सुरक्षा प्रहरी के ओपेनकास्ट इंचार्ज मो मुस्तकीम के नेतृत्व में जीतू को ढूंढने में लगी है. माइंस के अलावा आसपास के इलाके को भी खंगाला गया है.
माइंस के समीप गांव में दिखा था जीतू
इधर, छानबीन कर रही सीसीएल सुरक्षा विभाग की टीम मंगलवार की दोपहर में ओपेनकास्ट माइंस के ठीक पीछे मंडाटांड़ गई. यहां पर एक व्यक्ति से मुलाकात की गई. जिस व्यक्ति से सीसीएल की टीम ने मुलाकात की है उसका दावा है कि शनिवार की सुबह उसने जीतू को देखा था. जीतू उसके गांव के एक मंदिर में बैठा हुआ था और उसके हाथ में पानी का बोतल भी था. सीसीएल ने उक्त व्यक्ति के बयान का वीडियो भी जारी किया है. पुलिस भी इस मामले में उक्त व्यक्ति से जानकारी ले सकती है.
घर से दोस्त तक के पास पहुंच रही पुलिस
वहीं, मुफ्फसिल थाना पुलिस भी जीतू की खोज में जुटी है. सोमवार की देर रात को मुफ्फसिल थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर श्याम किशोर महतो, पुलिस अवर निरीक्षक संजय कुमार दल बल के साथ लापता गार्ड के सरकारी क्वार्टर पहुंचे. यहां जीतू के घरवालों से बातचीत की और जानकारी ली गई कि जीतू क्या इससे पहले भी इस तरह से गायब हुआ था.
इस दौरान यह पता चला कि लगभग 12 वर्ष पहले जीतू ड्यूटी से लापता हो गया था. उस वक्त जीतू अपने घर रामगढ़ चला गया था, लेकिन बाद में लौट आया. बाद में जब पूरा परिवार गिरिडीह में रहने लगा तो जीतू लगातार ड्यूटी करता रहा. इसके अलावा जीतू के दोस्त कौन-कौन हैं, किसके साथ जीतू ज्यादा समय बिताता था. जिस रात से जीतू लापता है उस रात से लेकर दूसरे दिन तक किनका-किनका फोन आया था. सभी बिन्दू पर जांच की जा रही है.
लापता होने से पहले जीतू किन-किन लोगों से उधार लिया था, घर की माली हालात क्या थे. बैंक से कितना लोन लिया था. बैंक का ईएमआई कितना है, इसकी जानकारी भी पुलिस अधिकारी ने परिजनों से ली है. पुलिस सभी बिन्दू पर जांच कर रही है.
पुरानी घटना पैदा कर रही है सिहरण
जीतू के लापता होने का अपराधिक एंगल अब तक पुलिस को नहीं मिल सका है. लेकिन गिरिडीह क्षेत्र में घटित पुरानी घटनाओं की चर्चा फिर से होने लगी है. जो घटनाएं घटी है वह लोगों को अब भी डरा रही है. लेकिन लोग यही दुआ कर रहे हैं कि जीतू सकुशल हो. बता दें की गिरिडीह कोलियरी इलाके में इससे पहले दो कर्मी लापता हुए थे और दोनों की हत्या कर दी गई थी. पहली घटना 19 अक्टूबर 2007 की थी. यह घटना इसी गिरिडीह सीसीएल माइंस की थी, जहां से जीतू लापता हुआ है.
तत्कालीन सीसीएल कर्मी जगदीश तुरी लापता हो गया था. नौ दिन के बाद जगदीश का शव लापता स्थान से मिला था. जगदीश की हत्या लोहा और केबल लुटेरों ने कर दी थी. इस घटना के बाद कई दफा सीसीएल कर्मियों को अपराधियों ने अपने निशाने पर लिया था. जगदीश की हत्या के 12 साल बाद जुलाई 2019 को सीसीएल के सुरक्षा प्रभारी जयप्रकाश सिंह ऊर्फ भोला सिंह भी लापता हो गया था और उसकी भी हत्या कर दी गई थी.
हालांकि इन दोनों घटना और जीतू के लापता होने की घटना को लोग अलग-अलग बता रहे हैं. लोग यह भी कहते हैं कि जीतू की किसी से दुश्मनी नहीं थी. वह किसी को अपमानित भी नहीं करता था. जीतू के लापता होने की घटना को लोग आर्थिक तंगी से जोड़ कर देख रहे हैं. हालांकि पुलिस सभी बिंदू पर जांच कर रही है.
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