झांसी : पानी पर पानी की तरह पैसा खर्च करने के बाद भी बुंदेलखंड प्यासा है. अरबों रुपये खर्च होने के बाद भी नलों में पानी की बूंद की तलाश जारी है. केंद्र सरकार ने 2019 में जल जीवन मिशन योजना शुरू की. हर घर नल योजना से लोगों को स्वच्छ पानी मिलने की उम्मीद जगी. 2024 तक हर घर जल पहुंचाने का टारगेट रखा गया.
उत्तर प्रदेश सरकार और जलमंत्री ने दावा किया कि ये योजना पूरी तरफ सफल रही और हर घर तक जल पहुंच चुका है. लेकिन हालात ये हैं कि आज भी पानी की समस्या से बुंदेलखंड का अधिकतर हिस्सा जूझ रहा है. कुछ इलाकों में काम अधूरा छोड़ दिया गया है, तो कुछ जगहों पर पानी की टंकी अधूरी पड़ी है. आज भी लोगों को कई किमी दूर से पानी लाना पड़ रहा है.
ठेकेदार के खिलाफ लोगों में गुस्सा : ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ से लगभग 340 किलोमीटर दूर झांसी के बबीना विकास खंड के तीन गांव सिमरवारी, बड़ागांव और सैंयर पहुंची. झांसी की इसी विधानसभा से हर घर जल योजना की शुरुआत भी हुई थी. लेकिन यहां सरकार और मंत्री के दावे फेल दिखाई दिए. लोगों में ठेकेदार के खिलाफ गुस्सा नजर आया.
सिमरवारी गांव के रहने वाले रिटायर्ड सैनिक सियाराम ने बताया कि पहले जैसी समस्या आज भी है. हैंडपंप के पानी से गुजारा होता है. जहां हैंडपंप नहीं है वहां आज भी महिलाएं मीलों दूर से सिर पर बर्तन रखकर दिनभर पानी भरती रहती हैं. मेरे घर के सामने पानी की टंकी सालों से अधूरी बनी पानी पड़ी है. गांव में करीब 10 हजार की आबादी है.

सरकारी पैसे से खरीदी थार : सियाराम जल जीवन मिशन के ठेकेदार नीलेश पर नाराजगी जताते हुए कहते हैं, योगी सरकार ने जनता को पानी उपलब्ध कराने के लिए पैसा दिया. लेकिन ठेकेदार ने उसी पैसे से थार गाड़ी खरीद ली. जनता के पैसे से ऐश कर रहा है. लाइफ स्टाइल बदल गई. क्षेत्र में कहीं भी नल और जल को छोड़ो अभी तक पाइपलाइन नहीं पड़ी.
कनेक्शन जोड़े पर नहीं आया पानी : ग्रामीण सुनील साहू ने बताया, पानी भर-भरकर महिलाओं के सिर जख्मी हो गए हैं. कई महिलाओं के तो गिरने के कारण हाथ पैर भी टूटते रहते हैं. बांदा कॉलोनी की सीमा जतारिया ने बताया कि गांव के महावीर नगर, तिलक नगर के अलावा अन्य मोहल्लों में पाइपलाइन डाल दी गई है और कनेक्शन भी कर दिए हैं. लेकिन अभी तक पानी का एक बूंद भी नहीं आया. सभी के घर में बोरिंग के पानी से गुजारा चलता है. बोरिंग के पानी में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होने की वजह से कई तकलीफें लोगों को हो रही हैं.

सड़क की मरम्मत तक नहीं की : ईटीवी भारत की टीम बड़ागांव पहुंची. यहां ज्यादातर घरों में पानी पहुंच चुका है. इसी पंचायत के मड़ोरा गांव के रविंद्र यादव ने बताया कि कंपनी ने बरसात के समय पाइपलाइन डाली थी. लेकिन सड़क की मरम्मत नहीं की गई. जिससे लोगों को परेशानी होती है. उन्होंने बताया, इलाके में पानी की कोई समस्या नहीं थी. घरों में बोरिंग है, हैंडपंप भी जगह-जगह लगे हुए हैं. फिर भी सरकार ने हर घर जल योजना के अंतर्गत काम किया.
रविंद्र यादव कहते हैं, आज भी कुछ इलाकों में काम अधूरा पड़ा है. कुछ जगहों पर कनेक्शन भी दिए गए हैं, लेकिन पानी आज तक नहीं आया. यहां काम कर रही पहली कंपनी काम अधूरा छोड़कर कर चली गई. फिर कुछ समय बाद दूसरी कंपनी ने काम को पूरा किया.
निजी बोरिंग से हो रही सप्लाई : सैंयर गांव की भी हालत अच्छी नहीं दिखी. इस गांव में लगभग 4 हजार मतदाता हैं और यहां के ग्रामीण खेती के साथ ही दूध के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. यह गांव झांसी शहर से काफी करीब है. ग्रामीण बृजेंद्र यादव ने बताया कि यहां पानी की स्थिति ज्यादा खराब है. कुछ हैंडपंप लगे हुए हैं, जिससे लोग काम चलाते हैं. योजना के अंतर्गत पानी की टंकी बनाने के कोई काम नहीं हुआ है. कुछ घरों में निजी बोरिंग है और कुछ लोग प्राइवेट लाइन डालकर पानी की सप्लाई करते हैं. जिसके एवज में उनको पैसा देना पड़ता है.

228 गांव में समस्या जस की : जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत हर घर जल योजन के लिए झांसी के 613 गांव को शामिल किया गया था. जिसमें से 385 गांव में लगभग काम हो चुका है. बाकी गांव में अभी भी काम होना बाकी रह गया है. लोगों का आरोप है कि ठेकेदारों ने कागजों में काम पूरा दिखाकर पैसा ले लिया है. बबीना विधानसभा की जनता ने राजीव सिंह पारिछा को अपना विधायक चुना. उन्हें उम्मीद थी कि पानी की समस्या से उन्हें निजात मिलेगी. लेकिन अभी भी 228 गांव में पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है.
नोडल अधिकारी बोले- जल्द पूरा होगा काम : मामले में नमामि गंगे परियोजना के नोडल अधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि 613 गांव में काम चल रहा है. जिसमें 250 से अधिक गांव में हर घर में पानी पहुंच चुका है. बाकी बचे गांव में काम अधूरा रह गया है. जिसको जल्द पूरा किया जाएगा.