बिलासपुर : बिलासपुर मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम पचपेड़ी में सीआरपीएफ जवान 21 साल बाद देश सेवा पूरी कर घर वापस पहुंचा तो लोगों की आंखें नम हो गई. जवान के गांव आगमन पर पूरे ग्रामीणो ने ढोल ताशे और फूल-मालाओं के साथ उनका जोरदार स्वागत किया. दरअसल पचपेड़ी के रहने वाले ओमप्रकाश कुर्रे सन् 2004 में नीमच से सीआरपीएफ ज्वाइन किया था. इसके बाद हैदराबाद में ट्रेनिंग पूरी की.फिर 173 बटालियन में पोस्टिंग मिली.
देश अलग-अलग हिस्सों में की ड्यूटी : ओमप्रकाश के सेवा काल के दौरान तेलंगाना, त्रिपुरा,बंगाल, बिहार, नागालैंड,झारखंड सहित अलग-अलग राज्यों में अपनी सेवाएं दी.ओमप्रकाश के झारखंड तैनाती के दौरान नक्सलियों से कई मुठभेड़ों का उन्होने सामना किया और कई बार नक्सलियों के हथियार और सामग्री जब्त की. इस बीच पोस्टिंग कोबरा बटालियन में ट्रेनिंग हुआ,जहां उन्होंने विशेष ट्रेनिंग हासिल की और देश के सुरक्षा के लिए तैनात हुए.
घर वापसी पर जोरदार स्वागत : ओमप्रकाश कुर्रे जब अपने गृहग्राम पहुंचा तो गांव के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया. फूल-मालाओं, साल और पुष्पगुच्छ से उनका अभिनंदन किया गया. एक तरह से गांव में खुशी और जश्न का माहौल था. हर कोई इस वीर सपूत को देखकर गौरवान्वित महसूस कर रहा था.
देश की सेवा करते हुए 21 साल गुजर गए.अब मेरे बुजुर्ग माता-पिता की सेवा देख रेख के लिए रिटायरमेंट लिया हैं.आज घर लौटकर लोगों का प्यार देखकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. जिस तरह बटालियन में देश की सेवा की, अब गांव में रहकर लोगों की मदद और सेवा करना मेरा मुख्य मकसद रहेगा- ओमप्रकाश कुर्रे, सीआरपीएफ जवान
वहीं जवान ओमप्रकाश के पिता संपतलाल कुर्रे ने कहा उनका बेटा 21 साल देश की सेवा के बाद गांव में अपने घर लौटा है. इससे बड़ी खुशी और कुछ नहीं हो सकती. ओमप्रकाश अब हमारे बुढ़ापे की लाठी बनेगा. मैं हर माता-पिता से कहना चाहता हूं कि अपने बच्चों को देश सेवा के लिए प्रोत्साहित करें .देश की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है.
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