मोतिहारी : राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह से जुड़ी स्मृतियों को सुरक्षित रखने की अपील की. साथ ही उन्होंने कहा कि जो कौम अपनी तारीख को भुला देती है. उस कौम का भुगोल सुरक्षित नहीं रहता है.
मोतिहारी पहुंचे राज्यपाल : दरअसल, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद पूर्वी चंपारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी स्थित गांधी प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. कृषि विज्ञान केंद्र पिपराकोठी और महात्मा गांधी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में 'चम्पारण सत्याग्रहः गांधी एवं किसान' विषयक सम्मेलन को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने संबोधित किया.
'राष्ट्रीय आंदोलन की स्मृतियों को सुरक्षित रखना है' : सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ये किसी की आलोचना नहीं है. लेकिन किसी ना किसी स्तर पर आकर हमें ये ख्याल आना चाहिए. हमें अपने राष्ट्रीय आंदोलन के स्मृतियों को सुरक्षित करके रखना है. सुरक्षित क्यों रखना है? क्योंकि बहुत लम्बे समय तक हम गुलाम रहे. याद रखिएगा- जो कौम भुला देती है तारीख को अपनी, उस कौम का ज्योग्राफिया बाकी नहीं रहता.

''भारत की संस्कृति सबसे प्राचीन संस्कृति है. जो सरकारी संरक्षण पर निर्भर नहीं करती. हम इतने लंबे जमाने तक गुलाम रहे हैं. दूसरे देशों में हमसे आधे वक्त हीं गुलाम रहे. उनकी भाषा खत्म हो गयी. उनकी संस्कृति खत्म हो गई. उनके मूल्य और आदर्श निगल लिए गए.''- आरिफ मोहम्मद खान, राज्यपाल, बिहार

'संस्कृति ने हमें बचाकर रखा' : आरिफ मोहम्मद ने कहा कि हमारी संस्कृति सरकार के ऊपर निर्भर नहीं करती है. उस संस्कृति ने हमें बचाकर रखा है. लेकिन हमारी भी कोई जिम्मेदारी है. हमारी जिम्मेदारी है कि कम से कम स्वतंत्रता संग्राम की यादों को सुरक्षित करके रखें.
''मैं दिल की गहराईयों से यह कहता हूं कि चंपारण राष्ट्रीय तीर्थों में सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ है.''- आरिफ मोहम्मद खान, राज्यपाल, बिहार

महात्मा गांधी के चंपारण आगमन के 108वें वर्ष के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने मोतिहारी पहुंचे राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गांधी के स्मृतियों को संजोकर रखे चरखा पार्क को देखा. उसके बाद वह प्रेक्षागृह पहुंचे. जहां राज्यपाल को अंगवस्त्र और मोमेंटों से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि की. वहीं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उद्घाटन किया. राज्यपाल ने चंपारण सत्याग्रह के स्मृतियों को संजोये स्मारिका का विमोचन किया.
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