ETV Bharat / state

हिमाचल में अब ठेकों के अलावा यहां भी मिलेगी शराब, ठेकेदारों की मोनोपोली होगी खत्म - LIQUOR SHOPS

अब सरकार कॉर्पोरेशन को शराब के ठेके चलाने की जिम्मेवारी देने जा रही है. अगर ट्रायल सफल रहा तो इसका बड़ा फायदा होगा.

प्रदेश में अब सरकारी कॉर्पोरेशन शराब बेचेंगे
प्रदेश में अब सरकारी कॉर्पोरेशन शराब बेचेंगे (कॉन्सेप्ट इमेज)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : April 16, 2025 at 8:16 AM IST

Updated : April 16, 2025 at 10:35 AM IST

5 Min Read

शिमला: हिमाचल में सरकार ने शराब के ठेके चलाने को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है. प्रदेश में अब सरकारी कॉर्पोरेशन शराब बेचेंगे. प्रदेश सरकार ने लगातार अपने तीसरे कार्यकाल में शराब के ठेकों की नीलामी का निर्णय लिया था. इस बार शराब से 2850 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने का टारगेट रखा गया है, लेकिन दो बार नीलामी प्रक्रिया पूरी करने पर भी प्रदेश में करीब 250 शराब के ठेके बिके नहीं है, इसलिए सरकार को अब नया निर्णय लेना पड़ा है.

इसके मुताबिक अब सरकार कॉर्पोरेशन को शराब के ठेके चलाने की जिम्मेवारी देने जा रही है, जिसका प्रस्ताव विभाग ने तैयार किया है. इसके मुताबिक सरकारी एजेंसियां हिमफैड, एचपीएमसी, वन निगम, सिविल सप्लाई कारपोरेशन व नगर निगम शराब के बचे हुए ठेकों को चलाएंगे और इनकी दुकानों पर शराब भी मिलेगी.

शराब ठेकेदारों की मोनोपोली होगी खत्म (ETV Bharat)

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा, "ग्रामीण क्षेत्रों में नीलामी से जो ठेके रह गए हैं, उनकी सरकार ने दोबारा कई बार नीलामी करने का प्रयास किया है, लेकिन उनकी बहुत कम बोली लगी है. ऐसे में इन ठेकों को बोर्ड और कॉरपोरेशन के माध्यम से चलाया जाएगा, ताकि सरकार को नुकसान न हो. कुल्लू जिला में 42 ठेके जनरल इंडस्ट्री कॉरपोरेशन को दिए गए हैं. वहीं, मंडी जिला में 23 ठेके HPSIDC को दिए गए हैं. दोनों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से मीटिंग होने के बाद प्रबंध निदेशकों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं".

ठेकेदारों की मोनोपोली होगी खत्म

प्रदेश सरकार ने नीलामी से बचे हुए शराब के ठेकों को सरकारी एजेंसियों के माध्यम से चलाने के निर्णय लिया है. इस तरह से प्रदेश भर में जो ठेके नहीं बिके हैं. उनको अब निगम और कॉर्पोरेशन चलाएंगे. मतलब साफ है कि अगर आने वाले समय में सरकार का ये निर्णय सफल रहता है तो भविष्य में शराब ठेकों की खरीद को लेकर ठेकेदारों की मोनोपोली समाप्त हो जाएगी. सरकार के पास आने वाले समय में शराब के ठेके चलाने को लेकर एक विकल्प भी उपलब्ध होगा. वहीं, अगर निगम और कॉर्पोरेशन शराब के ठेके चलाने में सफल रहते हैं तो उनके पास कमाई का भी एक अतिरिक्त साधन उपलब्ध होगा. इससे निगम और कार्पोरेशन के आर्थिक सेहत में भी सुधार होगा. हालांकि ये सब कुछ आने वाले समय में शराब की बिक्री के रिजल्ट पर निर्भर करेगा.

2850 करोड़ का टारगेट

हिमाचल में वित्त वर्ष 2025-2026 के लिए 18 मार्च से शराब के ठेकों की नीलामी शुरू की गई थी. इसके लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने जिला वार शेड्यूल जारी किया था. प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए शराब के ठेकों की नीलामी से 2,850 करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया था. वर्तमान में प्रदेशभर में शराब की ठेकों की संख्या 2100 है, जिसके लिए 18 मार्च से नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो 21 मार्च तक चली थी, लेकिन इस दौरान प्रदेश भर में 1700 के करीब शराब के ठेके नीलामी में बिके थे. पांच जिलों में 400 के करीब ठेकों की बिक्री नहीं हो सकी थी, जिसको देखते हुए सरकार ने फिर से शराब के ठेकों की नीलामी का निर्णय लिया था. इसके लिए सरकार ने पूरे यूनिट के लिए नहीं बल्कि सिंगल ठेके की बिक्री के लिए टेंडर लगाए थे, जिसके लिए आवेदन के साथ 50 हजार की अर्नेस्ट मनी जमा करने का निर्णय लिया गया था. इनकी नीलामी के लिए सरकार ने 9 और 10 अप्रैल को टेंडर आमंत्रित किए थे, लेकिन उस दौरान भी करीब 250 शराब के ठेके बिक्री होने से रह गए थे, जिस कारण सरकार ने अब निगम और कारपोरेशन को शराब की बिक्री की जिम्मेवारी सौंपने का निर्णय लिया है. इसको लेकर राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त युनुस पिछले दिनों सरकारी एजेंसियों और जिलों के डीसी से वर्चुअली बैठक कर चुके हैं.

पिछले वित्त वर्ष में 2600 करोड़ का राजस्व

प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने प्रदेश की आय को बढ़ाने के लिए शराब के ठेकों की नीलामी का निर्णय लिया था. सत्ता में आने के बाद पहले ही साल में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने आबकारी नीति घोषित की. हिमाचल में वर्ष 2017 से शराब के ठेकों की नीलामी नहीं हो रही थी. जयराम सरकार ने अपने कार्यकाल में हर साल ठेकों को रिन्यू कर काम चलाया, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में शराब ठेकों का फिर से रिन्यूवल या फिर ठेकों की नीलामी किए जाने पर विचार किया, जिस पर विस्तार से सभी पहलुओं पर विचार के बाद कैबिनेट ने सहमति से शराब ठेकों की नीलामी यानी ऑक्शन का फैसला लिया था, जिससे प्रदेश सरकार को पिछले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में 2600 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। वहीं चालू वित्त वर्ष में शराब के ठेकों की नीलामी से लक्ष्य बढ़ाकर 2850 करोड़ रखा गया था.

ये भी पढ़ें: 'विमल नेगी मौत मामले में कोई MLA न करें तथ्यहीन बयानबाजी, उनके खिलाफ सरकार लाएगी प्रिविलेज मोशन'

शिमला: हिमाचल में सरकार ने शराब के ठेके चलाने को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है. प्रदेश में अब सरकारी कॉर्पोरेशन शराब बेचेंगे. प्रदेश सरकार ने लगातार अपने तीसरे कार्यकाल में शराब के ठेकों की नीलामी का निर्णय लिया था. इस बार शराब से 2850 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने का टारगेट रखा गया है, लेकिन दो बार नीलामी प्रक्रिया पूरी करने पर भी प्रदेश में करीब 250 शराब के ठेके बिके नहीं है, इसलिए सरकार को अब नया निर्णय लेना पड़ा है.

इसके मुताबिक अब सरकार कॉर्पोरेशन को शराब के ठेके चलाने की जिम्मेवारी देने जा रही है, जिसका प्रस्ताव विभाग ने तैयार किया है. इसके मुताबिक सरकारी एजेंसियां हिमफैड, एचपीएमसी, वन निगम, सिविल सप्लाई कारपोरेशन व नगर निगम शराब के बचे हुए ठेकों को चलाएंगे और इनकी दुकानों पर शराब भी मिलेगी.

शराब ठेकेदारों की मोनोपोली होगी खत्म (ETV Bharat)

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा, "ग्रामीण क्षेत्रों में नीलामी से जो ठेके रह गए हैं, उनकी सरकार ने दोबारा कई बार नीलामी करने का प्रयास किया है, लेकिन उनकी बहुत कम बोली लगी है. ऐसे में इन ठेकों को बोर्ड और कॉरपोरेशन के माध्यम से चलाया जाएगा, ताकि सरकार को नुकसान न हो. कुल्लू जिला में 42 ठेके जनरल इंडस्ट्री कॉरपोरेशन को दिए गए हैं. वहीं, मंडी जिला में 23 ठेके HPSIDC को दिए गए हैं. दोनों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से मीटिंग होने के बाद प्रबंध निदेशकों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं".

ठेकेदारों की मोनोपोली होगी खत्म

प्रदेश सरकार ने नीलामी से बचे हुए शराब के ठेकों को सरकारी एजेंसियों के माध्यम से चलाने के निर्णय लिया है. इस तरह से प्रदेश भर में जो ठेके नहीं बिके हैं. उनको अब निगम और कॉर्पोरेशन चलाएंगे. मतलब साफ है कि अगर आने वाले समय में सरकार का ये निर्णय सफल रहता है तो भविष्य में शराब ठेकों की खरीद को लेकर ठेकेदारों की मोनोपोली समाप्त हो जाएगी. सरकार के पास आने वाले समय में शराब के ठेके चलाने को लेकर एक विकल्प भी उपलब्ध होगा. वहीं, अगर निगम और कॉर्पोरेशन शराब के ठेके चलाने में सफल रहते हैं तो उनके पास कमाई का भी एक अतिरिक्त साधन उपलब्ध होगा. इससे निगम और कार्पोरेशन के आर्थिक सेहत में भी सुधार होगा. हालांकि ये सब कुछ आने वाले समय में शराब की बिक्री के रिजल्ट पर निर्भर करेगा.

2850 करोड़ का टारगेट

हिमाचल में वित्त वर्ष 2025-2026 के लिए 18 मार्च से शराब के ठेकों की नीलामी शुरू की गई थी. इसके लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने जिला वार शेड्यूल जारी किया था. प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए शराब के ठेकों की नीलामी से 2,850 करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया था. वर्तमान में प्रदेशभर में शराब की ठेकों की संख्या 2100 है, जिसके लिए 18 मार्च से नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो 21 मार्च तक चली थी, लेकिन इस दौरान प्रदेश भर में 1700 के करीब शराब के ठेके नीलामी में बिके थे. पांच जिलों में 400 के करीब ठेकों की बिक्री नहीं हो सकी थी, जिसको देखते हुए सरकार ने फिर से शराब के ठेकों की नीलामी का निर्णय लिया था. इसके लिए सरकार ने पूरे यूनिट के लिए नहीं बल्कि सिंगल ठेके की बिक्री के लिए टेंडर लगाए थे, जिसके लिए आवेदन के साथ 50 हजार की अर्नेस्ट मनी जमा करने का निर्णय लिया गया था. इनकी नीलामी के लिए सरकार ने 9 और 10 अप्रैल को टेंडर आमंत्रित किए थे, लेकिन उस दौरान भी करीब 250 शराब के ठेके बिक्री होने से रह गए थे, जिस कारण सरकार ने अब निगम और कारपोरेशन को शराब की बिक्री की जिम्मेवारी सौंपने का निर्णय लिया है. इसको लेकर राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त युनुस पिछले दिनों सरकारी एजेंसियों और जिलों के डीसी से वर्चुअली बैठक कर चुके हैं.

पिछले वित्त वर्ष में 2600 करोड़ का राजस्व

प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने प्रदेश की आय को बढ़ाने के लिए शराब के ठेकों की नीलामी का निर्णय लिया था. सत्ता में आने के बाद पहले ही साल में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने आबकारी नीति घोषित की. हिमाचल में वर्ष 2017 से शराब के ठेकों की नीलामी नहीं हो रही थी. जयराम सरकार ने अपने कार्यकाल में हर साल ठेकों को रिन्यू कर काम चलाया, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में शराब ठेकों का फिर से रिन्यूवल या फिर ठेकों की नीलामी किए जाने पर विचार किया, जिस पर विस्तार से सभी पहलुओं पर विचार के बाद कैबिनेट ने सहमति से शराब ठेकों की नीलामी यानी ऑक्शन का फैसला लिया था, जिससे प्रदेश सरकार को पिछले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में 2600 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। वहीं चालू वित्त वर्ष में शराब के ठेकों की नीलामी से लक्ष्य बढ़ाकर 2850 करोड़ रखा गया था.

ये भी पढ़ें: 'विमल नेगी मौत मामले में कोई MLA न करें तथ्यहीन बयानबाजी, उनके खिलाफ सरकार लाएगी प्रिविलेज मोशन'

Last Updated : April 16, 2025 at 10:35 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.