जयपुर : राजस्थान में घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट मुफ्त बिजली का फायदा मिल रहा है, जिन्हें अब पीएम सूर्यघर योजना से जोड़कर हर महीने 150 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी. मुख्यमंत्री निशुल्क योजना में पंजीकृत उपभोक्ताओं के घर की छत पर सोलर प्रोजेक्ट लगाने पर केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा तो मिलेगा ही, बाकि राशि राज्य सरकार वहन करेगी. ऐसे में सीधे शब्दों में कहा जाए तो ऐसे उपभोक्ताओं को अपने घर की छत पर सोलर प्रोजेक्ट लगवाने के लिए एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ेगा.
ऊर्जामंत्री हीरालाल नागर ने ईटीवी भारत से बातचीत में यह बात कही है. उन्होंने कहा है कि इसे लेकर मसौदा तैयार कर लिया गया है. जल्द ही सीएम भजनलाल शर्मा इस योजना को लॉन्च करेंगे और आवेदन लेकर रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट लगवाने का काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक सोलर प्रोजेक्ट स्थापित नहीं हो जाता. उपभोक्ताओं को 100 यूनिट निशुल्क बिजली योजना का फायदा मिलता रहेगा. दरअसल, भजनलाल सरकार ने बजट 2025-26 में मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के लाभार्थियों के घरों पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगवाकर 150 यूनिट बिजली हर महीने निशुल्क देने का ऐलान किया है.
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तीन साल तक डिस्कॉम करेगा भुगतान : ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का कहना है कि मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के लाभार्थियों के घरों की छत पर एक किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट लगवाया जाएगा, जो हर दिन औसतन पांच यूनिट बिजली का उत्पादन करता है. इस योजना को पीएम सूर्यघर योजना से जोड़ा जा रहा है, जिससे उपभोक्ता को 33 हजार रुपए की केंद्र सरकार से सब्सिडी मिलेगी. करीब 50 हजार रुपए का उपभोक्ता के नाम पर लोन करवाया जाएगा, जिस पर करीब 6.5 फीसदी ब्याज लगेगा. इस राशि का भुगतान डिस्कॉम करेगा और तीन साल में सोलर प्लांट की कुल लागत चुकता कर दी जाएगी. सीधे शब्दों में कहा जाए तो सोलर प्लांट लगवाने के लिए उपभोक्ता को एक रुपया भी नहीं देना पड़ेगा और 150 यूनिट बिजली हर महीने फ्री मिलती रहेगी.
जगह नहीं तो लगेंगे सामुदायिक सोलर प्लांट : उन्होंने बताया कि ऐसे उपभोक्ता, जो अपने घर में पर्याप्त स्थान की कमी के कारण पीएम सूर्यघर योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. उनके लिए राज्य सरकार की ओर से डिस्कॉम्स के माध्यम से सामूहिक सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे. ऐसे करीब 77 लाख उपभोक्ताओं के लिए निकटतम 33/11 केवी जीएसएस, स्टोर या अन्य स्थानों पर सोलर क्षमता स्थापित की जाएगी. ऐसे करीब लगभग 5500 उपभोक्ताओं पर 2 मेगावाट बैटरी भंडारण के साथ एक मेगावाट तक के सोलर प्लांट लगाकर हर उपभोक्ता को 150 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी.
उपभोक्ताओं के साथ सरकार को भी होगा फायदा : उन्होंने कहा कि इस पूरी योजना के तहत प्रदेश में सोलर के जरिए 3000 से ज्यादा मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. यह ग्रीन एनर्जी पर्यावरण के अनुकूल होगी, जिसका राजस्थान को फायदा मिलेगा. यह योजना उपभोक्ताओं के लिए तो फायदेमंद है ही. इसके साथ ही सरकार को भी लॉन्ग टर्म में फायदा होगा और पर्यावरण का संरक्षण भी इस योजना से होगा. उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली हर महीने देने पर सरकार और डिस्कॉम पर पड़ने वाला बोझ भी कम होगा.
जल्द शुरू की जाएगी आवेदन प्रक्रिया : उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ कैसे मिलेगा और आवेदन की क्या प्रक्रिया होगी, इस सवाल के जवाब में मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि पोर्टल के जरिए उपभोक्ताओं को आवेदन करना होगा. इसके बाद अप्रूव्ड वेंडर से उपभोक्ता सोलर प्लांट लगवा सकेंगे. आवेदन प्रक्रिया शुरू होने पर विभिन्न माध्यमों से उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही सोलर एनर्जी को लेकर उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए भी सरकार मुहिम चलाएगी. डिस्कॉम के अभियंता और कर्मचारी भी घर-घर जाकर लोगों को योजना से जुड़ने का आह्वान करेंगे.
जिनका पंजीयन नहीं, वे खुद वहन करेंगे लागत : उन्होंने कहा कि रूफटॉप सोलर प्लांट तो कोई भी उपभोक्ता अपने घर की छत पर लगवा सकता है, लेकिन मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के पंजीकृत उपभोक्ताओं के घर पर सोलर प्लांट लगवाने का खर्च सरकार और डिस्कॉम वहन करेगा. मुख्यमंत्री निशुल्क योजना में जिन उपभोक्ताओं ने पंजीयन नहीं करवा रखा है, वे अपने खर्चे पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगवा सकते हैं. हालांकि, उन्हें केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी मिलेगी.
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गर्मी में बिजली की बढ़ेगी मांग, विभाग की तैयारी पूरी : उनका कहना है कि गर्मी के सीजन में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए विभाग ने अपना होमवर्क पूरा कर लिया है. प्रदेश में बिजली उत्पादन संयंत्रों का मेंटेनेंस पूरा कर लिया गया है, ताकि उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सके. गर्मी में बिजली की मांग बढ़ती है, जिसे देखते हुए बिजली की अतिरिक्त खरीद की जा रही है. बिजली का प्रबंधन किया जा रहा है. नई खरीद के लिए एग्रीमेंट भी किए हैं. केंद्रीय कोटे से भी अतिरिक्त बिजली खरीद की जाएगी. रात के समय केंद्रीय कोटे से बिजली मिले, इसके लिए भी प्रयास जारी है. पिछली बार एक हजार मेगावाट बिजली बैंकिंग प्रणाली के तहत लौटानी पड़ी थी. इस बार वह बिजली भी हमारी बचेगी. उन्होंने कहा कि इस बार बिजली बैंकिंग के बजाए स्पॉट परचेजिंग की गई है.
किसी भी कर्मचारी का नहीं होने देंगे नुकसान : बिजली कर्मचारियों के आंदोलन के सवाल पर उन्होंने कहा कि कर्मचारी डिस्कॉम के अभिन्न अंग हैं. उन्हें आश्वस्त कर चुके हैं कि निजीकरण नहीं हो रहा है. हमारे पास जो संसाधन हैं, उनका उपयोग किया जा रहा है. अतिरिक्त प्लांट लगाने के लिए एनटीपीसी और कोल इंडिया के साथ मिलकर काम किया जा रहा है, जो केंद्र सरकार के पीएसयू हैं और ज्यादा क्षमता से बिजली उत्पादन करते हैं. इससे हमारी बिजली की बढ़ती जरूरत की पूर्ति हो सकेगी. उन्होंने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि किसी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी. आवश्यकता होने पर तकनीकी कर्मचारियों और अभियंताओं की भर्ती भी निकाली जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया में किसी भी कर्मचारी का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.