रांचीः राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित किया गया है. इसके माध्यम से सोच यह है कि उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों द्वारा एक ही स्थान पर आवेदन देकर सरकार के विभिन्न विभागों से हरी झंडी मिल जाएगी. मगर वास्तविक स्थिति यह है कि राज्य सरकार का सिंगल विंडो सिस्टम पूरी तरह से ठप है.
उद्योग विभाग द्वारा संचालित इस सिंगल विंडो सिस्टम की खामियों की वजह से व्यवसाय वर्ग से जुड़े लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त सचिव नवजोत अलग कहते हैं कि एक तरफ राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार के द्वारा विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर वास्तविकता यह है कि सिंगल विंडो सिस्टम जैसी सुविधा आज की तारीख में पूरी तरह से फेल है. इस वजह से व्यापारियों को पर्यावरण से लेकर सरकार के विभिन्न विभागों में अलग-अलग जाकर दौड़ना पड़ता है. जब तक वन स्टेप सॉल्यूशन नहीं होगा तब तक उद्योग धंधे लगने की बात सोचना व्यर्थ है.
उद्योग लगाने के लिए इन विभागों की मान्यता आवश्यक
उद्योग विभाग, वाणिज्य कर विभाग, श्रम नियोजन, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, जियाडा, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड, खाद्य वितरण एवं उपभोक्ता मामले, खान एवं भूतत्व विभाग, गृह कारा एवं आपदा विभाग, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, ऊर्जा विभाग, कृषि पशुपालन, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, जल संसाधन विभाग, अग्निशमन विभाग, जीएसटी, परिवहन विभाग नगर विकास विभाग वन एवं पर्यावरण विभाग विधि विभाग, उत्पाद एवं निषेध विभाग, सड़क सुरक्षा विभाग आदि.
जल्द शिकायतें होंगी दूर, जैप आईटी कर रही है अपग्रेड- उद्योग निदेशक
राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए चल रहे प्रयास के बीच उद्योग विभाग सिंगल विंडो सिस्टम को दुरुस्त करने में जुट गया है. उद्योग निदेशक सुशांत गौरव के अनुसार सिंगल विंडो सिस्टम को अपग्रेड करने की जिम्मेदारी जैप आईटी को दी गई है. एक महीने के अंदर नए सुधार के साथ एक बार फिर इसकी शुरुआत होगी जो भी शिकायतें आ रही हैं उसे दूर किया जाएगा.
बहरहाल सिंगल विंडो के तहत उद्यमियों को एक ही छत के नीचे सभी विभाग की सेवा एक निर्धारित अवधि के अंदर देने की कब से सरकार के द्वारा की गई थी ताकि व्यवसाइयों को भाग दौड़ नहीं करना पड़े. मगर विभागों के कोऑर्डिनेशन के अभाव में उद्योग विभाग का सिंगल विंडो सिस्टम कारगर साबित नहीं हो रहा है जिसके कारण से व्यवसायियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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